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Shrish Bajpai
आज मन हैं एक नज्म लिखने का, जिसका उन्मान हो "तुम" जिसका हर लफ्ज हूँ "मैं" पर उसके मानी हो "तुम" जिसकी लय हूँ मैं, पर संगीत हो तुम; इस नज्म में बात होगी सिर्फ तुम्हारी, तुम्हारे चेहरे की,तुम्हारी आँखों पर काली घटा के पहरे की; तुम्हारी मुस्कान की,तुम्हारी बात की और.....हमारे जज्बात की😊 ....मन हैं एक #नज़्म लिखने का
अविनाश कुमार
नब्ज़ छूट गई मेरी जिसके इंतजार में वो अब पढ़ रही है नज़्म मेरे मज़ार पे इंतजार.. . #नज़्म #YQbaba #YQdidi #love #1909avinash
Sangeeta Patidar
मैं ऐसे काग़ज़ी ही ठीक हूँ, मैं एक अजनबी ही ठीक हूँ, ज़िंदगी में तेरी दरअस्ल मैं ख़याली-किताबी ही ठीक हूँ। ज़रूरी भी नहीं कि तुम्हारी हर नज़्म में हो एहसास मेरा, तेरे हर जज़्बात में, बात-बेबात में, मैं ख़्वाबी ही ठीक हूँ। ना किसी रस्म-रिवाज की कर फ़िक्र, ना डरना किसी से, मिलने की बढ़ती ख़्वाहिशों में भी मैं सराबी ही ठीक हूँ। इश्क़ के मर्ज़ में क़दम-दर-क़दम मिला है दर्द ही हमेशा, ना हबीब,ना तबीब आते हैं काम, मैं ख़राबी ही ठीक हूँ। ज़मीं की थी ज़रूरत, सौगात में आसमाँ मिला है 'धुन', दिल इतना भी नहीं ख़ुदगर्ज़, तो मैं नक़ाबी ही ठीक हूँ। सराबी- Mirage like Rest Zone आज का शब्द- 'नज़्म' #rzmph #rzmph139 #नज़्म #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #rzhindi #yqdidi
Drg
रुसवाई का हर आलम पिघलता चला गया जो प्यार की नज़्में उसने छोटी छोटी किश्तों में सुनाई #प्यार #नज़्म #YQbaba #YQdidi
Rashmi Vats
दर्द हकीकत बन कागज़ पर उतर आया है । तुमसे है मोहब्बत नज़्म बनकर छाया है। ।। अब तो हर वक्त याद आते हो तुम। ख्वाबों,ख्यालों में समाते हो तुम।। बेवफाई नही फितरत में शुमार तुम्हारी, फिर क्यों नज़रे चुराते हो तुम । कहते थे दो ज़िस्म एक जान हैं हम , इस बात से ,अब क्यों मुकर जाते हो तुम। रश्मि वत्स..। ©Rashmi Vats #दर्द#हकीकत#मोहब्बत#नज़्म#या#ख्वाब#ख्याल #HeartBreak
OMG INDIA WORLD
‼️#लिखूँ क्या #नज़्म कोई तुझ पर, #गज़ल का खुद #लिबास है तु‼️ ‼️#मुकम्मल #इश्क़ में डूबे हुए, #शायर का #लफ़्जे_ए_खास ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD ‼️#लिखूँ क्या #नज़्म कोई तुझ पर, #गज़ल का खुद #लिबास है तु‼️ ‼️#मुकम्मल #इश्क़ में डूबे हुए, #शायर का #लफ़्जे_ए_खास
T.C.Sawan
#नज़्म आसमानों की चाह रखने वालों को जमीं के लिए तरसते देखा है, खुद शोलों में रहकर औरों के लिए हमने, सावन को बरसते देखा है। क्य़ा कहना इस रंज-ए-सफ़र का ! सहारों को वीरां सफ़र में बिछुड़ते देखा है, दिनभर जो महफिल में मशगूल रहते हैं, ढ़ली शाम तन्हाईय़ों में उनको तड़पते देखा है। ग़म न कर ज़िन्दगी ! सफ़र अभी बाक़ी है, कई लम्हें गुजरने हैं, कईयों को गुजरते देखा है । __सावन ©T.C.Sawan #gazal #walkingalone
असद अकबराबादी
Sumitra Agarwal
टूट भी जाऊँगी तो क्या, मेरे जर्रे जर्रे से , खुबसुरत नज़्में रिसते देखोगे। सुमित्रा अग्रवाल "अपराजिता" #नज़्म