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Nir@j
ज़रूरतों को वक़्त पर ज़रूरी कौन करेगा! तुम्हें दौलतमंद बनाने का मुसव्विरी कौन करेगा! गरीबों ने छोड़ दिया अमीरों का शहर, अमीरों अब तुम्हारी हुज़ूरी कौन करेगा! एक से बढ़कर एक तेरी फ़रमाइशों की, बता भी दो न अब मन्ज़ूरी कौन करेगा! सब दिन इन्हें, ओछी नज़रों से देखते रहे, तेरी कंपनीयों में अब, मज़दूरी कौन करेगा! तुम बाँधते थे जूते इनके कंधों पर रखकर, तेरी अब इस ख़्वाहिश को पूरी कौन करेगा! मुसव्विरी:- चित्रकारी #yqdidi #yqbaba #प्रवासी_मजदूर #शहरछोड़तेमजदूर #sad #covid19_effect #yqhindi #yqurdu Pic: fb
मुसव्विरी:- चित्रकारी #yqdidi #yqbaba #प्रवासी_मजदूर #शहरछोड़तेमजदूर #SAD #covid19_effect #yqhindi #yqurdu Pic: fb
read moreVijay Prakash Gautam
ऐ मेरे हमनशीं चल कहीं और चल, इस चमन में अपना गुजारा नही। बात होती गुलों की तो सह लेते हम, अब तो काँटो पर भी हक़ हमारा नहीं।।.. - #प्रवासी_मजदूर #प्रवासी_मजदूर...😔😔 (Migrant workers) ankita sharma MONIKA SINGH Aaradhana Anand zarri farha Suman Zaniyan
#प्रवासी_मजदूर...😔😔 (Migrant workers) ankita sharma MONIKA SINGH Aaradhana Anand zarri farha Suman Zaniyan #विचार
read moreShaivya Bhadauriya
मैं बहुत हैरान हूँ, क्या करूं, इससे अंजान हूँ, सड़कों पर दिन रात चल रहे हैं, बच्चे माँ ओ माँ चिल्ला रहे हैं, और कितनी दूर चलना होगा माँ? बार बार यही पूछे जा रहे हैं, पर वो माँ किससे पूछे, किसको अपने दर्द सुनाए, सारी परेशानियाँ छुपाए , माँ, चली जा रही बच्ची को गोद में उठाए, खुद भी नहीं पता, और कितना चलना होगा, और कितना भटकना होगा, एक दिन की दूरी, भी बन गयी है अब दोनों दिन की मजबूरी इनका क्या क़ुसूर था, जो इन्हें दर दर भटकना पड़ा? अब ये कभी वापस नहीं आना चाहेंगे, करने अपना पूरा सपना, कभी नहीं कहेंगे शहर को अब अपना।। Shaivya #प्रवासी_मजदूर #sadfeelings #poem #sad
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read moreShaivya Bhadauriya
रोटी कमाने ही तो आया था, मैंने किसी का कुछ नहीं चुराया था, तेरे शहर में एक छोटा सा बसेरा ही तो बसाया था, मैं तो अपना घर पालने की आस लेकर आया था, अब मुझे यह शहर रास नहीं आ रहा, यहाँ मेरा दम घुटा जा रहा , मैं घर पहुंचने को बेताब हुआ जा रहा, अब मुझे मेरा गांव बहुत याद आ रहा , जाने के पर्याप्त साधन नहीं जुटा पा रही सरकार, और हम पैदल पैदल चले जा रहे जुनून के साथ, न खाने की चिंता, ना आराम की जगह, चले जा रहे लेकर एक आस , अब घर पर ही लेंगे सुकून की साँस।। Shaivya #प्रवासी_मजदूर #मजबूरी #sadfeelings #मजबूरी
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