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@thewriterVDS
"कबीर" प्रेम पियाला जो पिए, सिस दक्षिणा देय । लोभी शीश न दे सके, नाम प्रेम का लेय । भावार्थ: जिसको ईश्वर प्रेम और भक्ति का प्रेम पाना है उसे अपना शीशकाम, क्रोध, भय, इच्छा को त्यागना होगा। लालची इंसान अपना शीशकाम, क्रोध, भय, इच्छा तो त्याग नहीं सकता लेकिन प्रेम पाने की उम्मीद रखता है। . ©@thewriterVDS #कबीर #प्रेम #जो #पिए #दक्षिणा #लोभ #शीश #नाम #ईश्वर #Chalachal
@thewriterVDS
"कबीर" यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान । शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान । भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि यह जो शरीर है वो विष जहर से भरा हुआ है और गुरु अमृत की खान हैं। अगर अपना शीशसर देने के बदले में आपको कोई सच्चा गुरु मिले तो ये सौदा भी बहुत सस्ता है। . ©@thewriterVDS #कबीर #शरीर #विष #गुरु #अमृत #शीश #सच्चा #सौदा #सस्ता #Sunhera
Kavi VijAy KatiyA
आओ सब मिलकर स्वतंत्रता दिवस मनाये 💗🇮🇳💗 वीरो कि शहादत पर नत मस्तक शीश झुकाये ❤❤❤ इस धरती से, उस अम्बर तक राष्ट् ध्वज, विजय ध्वज फहराये 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 Jay Hind ©Kavi VijAy KatiyA आओ सब मिलकर #स्वतंत्रता दिवस मनाये 💗🇮🇳💗 वीरो कि #शहादत पर नत #मस्तक #शीश झुकाये ❤❤❤ इस धरती से, उस अम्बर तक राष्ट् #ध्वज, #विजय ध्वज
"Kumar शायर"
उलझन इस बात की है कि When you mean yourself, Everything bad looks good, The glass remains the same, The picture keeps changing ...! ©Umesh kumar #शीश तस्वीर
ROHAN KUMAR SINGH
#शीश पे #खड़ाऊ और #आँखियों में पानी #राम भक्त ले चला रे #राम की #निशानी ।। 🚩🚩🚩🙏🙏🙏
गरिमा सिंह
इस में नारी कई है , पर उनमें है भेद एक नारी घर जोड़ती दूसरी करती छेद ! 🙂 पूजने योग्य है जो रखे सबका ध्यान ससुरा हो या मायका दे सबको सम्मान 🙂 मीरा हो या राधा प्रेम प्रेम में हारी लेकिन भूल मत झांसी, पद्मावती सी नारी 🙂 सुन्दर मन सर्वगुण संपन्न शिव नारी शीश नमा ओर शीश झुका वो शक्ति है महाकाली 🙂 वो प्रेम सी गंगा सरस्वती कुमारी मा सी ममता दुर्गा रूप धारी😇 वो ज्वाला सी प्रचंड वो नदियां सी नारी नारी पर क्या कहूं मैं नारी एक आम नारी😊 - गरिमा सिंह #happyNavratri
Alfaaz ( K. K.)
माँ आज्ञा मंजुर है , तेरे चरण में नवांऊ में अपना शीश..... किसी का नहीं उड़ाऊ मज़ाक, अमर तेरा आशीष... वचन बोलूंगा तोल कर, जो तू कहे वहीं करूंगा शीश नवाकर..... अपने गुरु का करूँगा में हमेशा आदर, जेसे तेरी कर्ता हूँ भगवान मान कर.......
Poetry with Avdhesh Kanojia
Kashmir सुन ले पाकिस्तान ........................ हम हैं भारत के वासी है हमारा शौर्य महान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। तेरे जैसा कायर कोई नहीं है इस संसार में। खड़ा सदा तू रहता है भिखमंगो की कतार में।। सिर कितना भी उठा ले तू चाइना के उपकार में। तुरंत ढेर तू हो जाएगा हमारे एक प्रहार में।। तेरे सौ सौ पर भारी है भारत का एक जवान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। हम हैं भारत के वासी है हमारा शौर्य महान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।।1।। जो तू देता बार बार ये युद्ध की हमें दुहाई है। याद तू कर ले चार बार तुझे हमने धूल चटाई है।। बार बार कायरों की भाँति तूने जब करी चढ़ाई है। और बढ़ी है शक्ति हमारी तूने मुँह की खाई है।। तू ही है इस दुनिया में आतंकवाद की खान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। हम हैं भारत के वासी है हमारा शौर्य महान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।।2।। भौंक ले तू चाहे कितना भारत के शेर न डरते है। हम जैसे वीरों के समक्ष तुझ जैसे पानी भरते हैं।। धोखे से तो तू लड़ता है हम वीरों जैसे लड़ते हैं। शीश काट लेते हम हैं तुझ जैसे यदि अकड़ते है।। धूमिल न होने देंगे भारत माता की शान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। हम हैं भारत के वासी है हमारा शौर्य महान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। सुन ले पाकिस्तान ........................ हम हैं भारत के वासी है हमारा शौर्य महान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। तेरे जैसा कायर कोई
Poetry with Avdhesh Kanojia
sun le pakistan सुन ले पाकिस्तान ........................ हम हैं भारत के वासी है हमारा शौर्य महान। नष्ट तुझे हम कर देंगे तू सुन ले पाकिस्तान।। तेरे जैसा कायर कोई
Dilip Makwana
चरणों की धूल "माँ" तेरे चरणों की धूल को मष्तक पर लगाता हूं तेरे पांवों के निशान पर शीश झुकाता हूं माँ...तेरा वात्सल्य आसमाँ छूना सिखाता है तेरा कर्जदार हूं...... तेरी चुनड़ की छांव में रहकर ये कर्ज चुकाता हूं न् जाने कितनी खाँगड राहो को पार करके मुझे समतल रास्ता सौपा है अब मैं उन राहो पर रोज प्रेम के फूल सजाता हूं तेरे धैर्य का जीवंत साक्षी हूं मैं, तेरी विन्रमता का कायल हूं माँ, अब मैं आवेश में इस अमृत का घूँट पीता-पिलाता हूं तेरे चरणों की धूल को मष्तक पर लगाता हूं तेरे पांवों के निशान पर शीश झुकाता हूं !! माँ