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Shashi Bhushan Mishra
White अंधियारे की हामी भरते, परछाई का पीछा करते, दूर चले जाते सूरज से, गुमनामी की राह पकड़ते, सोचा नहीं किसी ने होगा, बदनामी में आगे बढ़ते, रिश्ते सही निभा लेते तो, होशियार सा साथी बनते, किस्मत थी बेहाल हमारी, बदहवास कैसे ना मरते, सोचा अंबर फूल खिलाता, आसमान से ख़ुश्बू झरते, चाँद सितारे आकर 'गुंजन', कायनात में ख़ुशियाँ जड़ते, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #परछाई का पीछा करते#
aditi the writer
White देख कर परछाई खुद की मैं ही आज सहम गया दर्द इतना हुआ कि आंसुओं में सब बह गया न बयां कर सकने वाला दर्द आज लबों पर आ गया बन के हंसाया मेरा वो आज मरने आ गया।। ©aditi the writer #परछाई Niaz (Harf) Kumar Shaurya Kundan Dubey आगाज़
सुशांत राजभर
दूर तलक जो छाई थी वह ही मेरी परछाई थी पश्चिम में था दिल मेरा ले गई छीन पुरवाई थी ©सुशांत राजभर #LongRoad #परछाई दूर तलक जो छाई थी वह ही मेरी परछाई थी पश्चिम में था दिल मेरा ले गई छीन पुरवाई थी
Kirti Pandey
दूसरों की छाव में खड़े रहने से आप खुद की परछाई को देते हो।। अपनी परछाई बनाने के लिए आपको स्वयं धूप में निकालना पड़ेगा।। ©Kirti Pandey #arabianhorse #धूप #परछाई #बहार #मेहनत #dhoop #Life #Life_experience #Nojoto #Quote
Rashmi Vats
रात की तकदीर में, कभी मिलन तो कभी जुदाई है। तेरी यादों में लिपटी हुई, बस ये तन्हाई है। तेरी खुशबू जहन में , और तस्वीर मेरी आंखों में समाई है। तेरे संग गुजारे लम्हों की, अब केवल परछाई है। रश्मि वत्स। ©Rashmi Vats #रातकाअफ़साना #जुदाई#परछाई
Rajni Sardana
सागर की उथल पुथल में जो ना समाई, ढलती शाम की लाली ना जिसे छुपा पाई, पवन का झोंका ना उड़ा ले गया जिसे साथ, खाई सी बैठी है ऐसी क्या दिल में बात | क्यूँ इन लबों पर किसी बात से ना हँसी आई, क्यूँ ये भोर मुझे मना कर अलविदा कह गई, क्यूँ साँझ ढलते ढलते निकली मेरी रुलाई, है किसका इंतज़ार ए दिल बता.... जो पलके भीग आई | ना चैन, ना सकूँ, बस बेक़रारी है छाई, थक कर अब मुझ संग बैठी है बस मेरी परछाई, हम दोनों में पसरी है ख़ामोशी जैसे अनजान कोई, टीस उठ रही है दिल में हाय!ये कैसी तन्हाई | ©Rajni Sardana #परछाई #तन्हाई
इक _अल्फाज़@airs
जिस तन्हाई और अकेलेपन से मुझे डर है.. वो मेरा पीछा ही नही छोड़ रहा... अक्सर मैं सुनता हूं की हर रात के बात सुबह होती है.. पर मेरी रात तो समय बीतने के साथ और गहरी होती जा रही है... और इस गहरी रात में तन्हाई का डर.. जगा रहता हूं मैं क्यूंकि अंधेरे में भी तेरा साथ रहता है मेरे.. तुम्हारे होने के अहसास के साथ जागा रहता हूं देर रात तक.. क्यूंकि तन्हा और अकेला नहीं होना चाहता मैं.. पर शायद मेरी नियति में ही रोना लिखा है... किससे फ़रियाद करूं... वो जो सर्व शक्तिमान तेरा शिव है वो भी उन्ही की सुनता है जिनके पास सब मौजूद है... इक बार तू ही बोल न उस शिव से की थोड़ी सी मोहल्लत दे दे मुझे तेरे साथ कुछ वक्त जीने दे... @कोई तो सुन लो न प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ @ पर मुझे रोना नहीं है तुझे खोकर.. पर शायद रोऊं भी... बहुत रोऊं तू मेरी आखरी उम्मीद है और कायनात उसे भी छीनने पर आमादा है... कुछ समझ नहीं आ रहा क्या हो रहा? है क्यूं हो रहा है? इतनी तेज़ी से इतना कुछ बदलना... @IMY@ ©इक _अल्फाज़@ars #GoldenHour #sad #उदासी #परछाई #saath #प्यार #चाहत
Sonal Panwar
परछाई मेरी खुद मुझसे पूछे मेरे सिवा संग तेरे है कौन ? खुशियों के पलों में शामिल स्वार्थी रिश्तों के इस मेले में गम के साए में भी जो रहे संग ऐसी रिश्ते की डोर है कौन ? ©Sonal Panwar #silhouette #परछाई #Parchaai #Hindi #hindi_poetry #hindi_shayari #hindi_quotes #Nojoto
Devesh Dixit
परछाई जिस गली से आगे जा रहा था थोड़ा प्रकाश टिमटिमा रहा था परछाईं भी आगे आने लगी थी आकार अपना बढ़ाने लगी थी कुछ दूर चल कर लुप्त हो जाती पुनः निकल कर फिर आ जाती सिलसिला यही चले जा रहा था मेरे दिल को भी धड़का रहा था मैंने रोक कर पूछा तब उसको क्या हुआ क्यों डरा रही मुझको परछाईं बोली फिर जब मुझसे तेजी से नहीं चला जाता तुझसे देख मैं आगे निकल चुकी अब और तुम भी आगे बढ़ोगे कब मैंने कहा तुम मेरी परछाईं हो इसलिए मुझसे आगे आई हो जब तक है ये बल्ब की रोशनी तब तक आगे ही रहोगी दौड़ती जैसे ही ये कभी भी बुझ जाएगा तेरा आगे बढ़ना भी रुक जाएगा रोशनी से ही तुम्हारा अस्तित्व है मुझसे हो यही मेरा व्यक्तित्व है परछाईं बिना कहे निकल चुकी थी अपनी राह अब वो पकड़ चुकी थी ................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #परछाई #nojotohindi परछाई जिस गली से आगे जा रहा था थोड़ा प्रकाश टिमटिमा रहा था परछाईं भी आगे आने लगी थी आकार अपना बढ़ाने लगी थी
Rudeb Gayen
एक परछाई हमेशा पीछा करती है, मुझसे मेरा सुकून छीनने की कोशिश में, मैं भागता रहता हूं उससे, जानता हूं आखिर वो कौन है। मेरा बीता कल, मेरी यादों, तकलीफों, मेरे अस्तित्व को मुरझाता वो, जो मुझे आज, मेरे बेहतर कल से मिलने को रोकता है। ©Rudeb Gayen #UskePeechhe #परछाई #बीताकल #Nojoto #nojotohindipoetry #nojotohindi #rudebtalks