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Ashish Kumar
रात के इन लंबे घंटों के हर सेकंड में, मैं भगवान को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे आपसे प्यार करने की इजाजत दी। शुभ रात्रि मेरी रानी। ©Ashish Kumar #rosepetal #nojota #Nojoto #Wish #GoodNight #sayari #Life #Night #रात्रि #शुभरात्रि
Ashish Kumar
आप मेरे सपनों की रानी हैं, एकमात्र जिसे मैं हर रात अपने सपनों में देखना चाहता हूं। तुम्हारी रात अच्छी बीते। शुभ रात्रि। ©Ashish Kumar #landscape #Night #sayari #GoodNight #रात्रि #शुभरात्रि #Wish #status #Whatsapp
विवेक तिवारी
शाम होने को है घर जाते हैं अब बुलन्दी से उतर जाते हैं ज़िंदगी सामने मत आया कर हम तुझे देख के डर जाते हैं ख़्वाब क्या देखें थके हारे लोग ऐसे सोते हैं कि मर जाते हैं ©विवेक तिवारी #रात्रि
Shankar Kamble
गडद गहिऱ्या अंधाराच्या मखमली सावल्या थांबल्या पाठमोरी भार उन्हाचा चिंब पदराआड लांबल्या!१! सैल मोकळ्या जटा रेशमी हळूच पूसती गूज कानी शामल वर्णी गंध दाटला मंद हासतो पानोपानी!२! अधरी अवचित जुळून आले गीत प्रसवले तुला माळले धागां–धागां गुंफून हृदयी चित्र देखणे साकार झाले!३! विणेच्या झंकारून तारा सूर छेडले तेच जुने काय गवसले मजला आता? भरली ओंजळ नसे उणे!४! नक्षत्रांच्या शुभ्र मृत्तिका पहाट वेळी ओघळल्या दवबिंदूचे मोती बनूनी धुक्यात हिरव्या झाकोळल्या !५! ©Shankar Kamble #Ray #रात्रि #रात #सखा #प्रियकर #कृष्ण #सखी #आठवण #याद
Amit Singhal "Aseemit"
जब घोर अंधेरी रात्रि के बाद होती है एक नई भोर, भांति भांति के पंछियों के चहकने का होता है शोर। असफलताओं और गलतियों को भूलकर आगे बढ़ो, उनसे मिला ज्ञान याद करके सफलता की सीढ़ी चढ़ो। ©Amit Singhal "Aseemit" #जब #घोर #अंधेरी #रात्रि
shreya upadhayaya
नव रात्रि शक्ति का वो प्रतीक हैं जो नारी को उसके अस्तित्व का बोध कराती हैं जहां नारी अबला नहीं सबला हैं। ©shreya upadhayaya #नवरात्रि #नवरूप #रात्रि #माता #दुर्गा #शक्ति #मां ≋P≋u≋s≋h≋p≋ rasmi Anshu writer Durgesh nandani SURAJ PAL SINGH
विष्णुप्रिया
चमक उठे फिर व्योम में, नखत इंदु के संग । आभा रजनी की खिली, देखें दृग हो दंग ॥ Image credit pinterest चमक उठे फिर व्योम में, नखत इंदु के संग । आभा रजनी की खिली, देखें दृग हो दंग ॥ शुभ रात्रि 🪷🙏
विष्णुप्रिया
धवल ज्योति शुभ चंद्र की, छिटक गई चहुं ओर । नक्षत्रों से दीप्त हुई, सकल व्योम की कोर ॥ अद्भुत है यह यामिनी, अंधकार की गोद । भर अंचल में लुटा रही, तारक ज्योति प्रमोद ॥ भावार्थ - रात होते ही चंद्रमा की स्वेत चांदनी, संपूर्ण संसार में बिखर जाती है, और टिमटिमाते तारों से सारा आकाश चमक उठता है । रात्रि की तो बात ही अनोखी है, स्याह अंधकार में लिपटी हुई रात भी अपने आंचल में समेटे ढ़ेरों तारों के प्रकाश का (सुंदरता ) सुख लुटती है, जिससे मन हर्षित होता है । #रात्रि #दोहे #शुभरात्रि #yqdidi #विष्णुप्रिया