Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best Rebellion Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best Rebellion Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutescapades the rebellion, quotes on rebellion, rebellion meaning in hindi, gudem rebellion was led by, rebellion meaning in tamil,

  • 8 Followers
  • 9 Stories

Sarita Shreyasi

एक लपट है मेरी लहरों में, जो जलती नहीं,बस बहती है, कितनों को चुप कर जाती है, पर मन की अनकही कहती है। जब सभ्यता सँवरती है, दीपों से फाग लिखती हूँ, नूतन रंगों से राग रचती हूँ, बरखा में आग लिखती हूँ।

read more
कल जब वो उठ खड़ी हुई थी,
तो पुरानी बेड़ियाँ कड़कड़ायी थीं,
जब घर से निकल पड़ी तो,
तथाकथित मर्यादायें चरमरायी थीं,
अनगिन सवाल उछाल दिये गए थे,
उसकी श्रद्धा,निष्ठा और वात्सल्य पर,
आज सदियों से अनुत्तरित,अनगिन
सवालों के जवाब लिखती हूँ।
किसी ने पूछा था कल,
अकेली क्या कर सकती हो,
चुप हूँ,गूँगे-बहरों की दुनिया में,
मैं कलम से इंकलाब लिखती हूँ। एक लपट है मेरी लहरों में,
जो जलती नहीं,बस बहती है,
कितनों को चुप कर जाती है,
पर मन की अनकही कहती है।
जब सभ्यता सँवरती है,
दीपों से फाग लिखती हूँ,
नूतन रंगों से राग रचती हूँ,
बरखा में आग लिखती हूँ।

Sarita Shreyasi

एक लपट है मेरी लहरों में, जो जलती नहीं,बस बहती है, कितनों को चुप कर जाती है, पर मन की अनकही कहती है। जब सभ्यता सँवरती है, दीपों से फाग लिखती हूँ, नूतन रंगों से राग रचती हूँ, बरखा में आग लिखती हूँ।

read more
एक लपट है मेरी लहरों में,
जो जलती नहीं,बस बहती है,
कितनों को चुप कर जाती है,
पर मन की अनकही कहती है।
                                         जब सभ्यता सँवरती है,
                                         दीपों से फाग लिखती हूँ,
                                         नूतन रंगों से राग रचती हूँ,
                                         बरखा में आग लिखती हूँ।
शब्दों के सूत बुनती हूँ,
मुद्दे की बात करती हूँ,
जहाँ भी चोट खाती हूँ,जीने का
एक और अंदाज सीखती हूँ।
                                         प्रेम भरी कविता नहीं लिखती,
                                         क्रांति के किताब लिखती हूँ,
                                         युग का इतिहास पलटने को,
                                         परिवर्तन की बात करती हूँ । एक लपट है मेरी लहरों में,
जो जलती नहीं,बस बहती है,
कितनों को चुप कर जाती है,
पर मन की अनकही कहती है।
जब सभ्यता सँवरती है,
दीपों से फाग लिखती हूँ,
नूतन रंगों से राग रचती हूँ,
बरखा में आग लिखती हूँ।

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile