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Best अपनेपन Shayari, Status, Quotes, Stories

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Mukesh Poonia

#जिंदगी में #अपनेपन का #पौधा लगाने से पहले #जमीन की #परख कर लेना... हर एक #मिट्टी की #फितरत में #वफा नहीं होती।

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Rakesh frnds4ever

#sparsh #हाथोंकीलकीरों में ना जाने क्या लिखा है,, अनगिनत लोगों के दरमियान भी हरदम एकेले होता हूं ना जाने कितने हाथों ने छोड़ा है इन हाथों को ना जाने कितनी ही बार किसी के हाथों को पकड़ने के हर प्रयास विफल रहे हैं कभी कहीं कोई #अपनेपन का #स्पर्श #महसूस नही किया है इन #हथेलियों ने

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Silent Shayar

#शिकायत करना भी उस मकाम पर बेहतर है ज़नाब। जहाँ अपनो में #अपनेपन की #झलक दिखती हो॥ #SAD Life #Truth #Rizwan_Ahamad_Faizi #alone

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शिकायत करना भी उस मकाम पर बेहतर है ज़नाब।
जहाँ अपनो में अपनेपन की झलक दिखती हो॥

©Silent Shayar #शिकायत करना भी उस मकाम पर बेहतर है ज़नाब।
जहाँ अपनो में #अपनेपन की #झलक दिखती हो॥
#SAD #Life #Truth 
#Rizwan_Ahamad_Faizi 
#alone

Miss mishra

शीर्षक-आत्मविश्लेषण
बेहतर है न उस भीङ से अलग हो जाना
जो आपको आपकी originality
से हटाती है
बेहतर है न उस भीङ से अलग होना
जो आपको खुद सा बनाती है
बेहतर है न उस भीङ से अलग होना
जिनकी गलत बातों में भी हां में हां मिलानी पङती हो
जो किसी सही इन्सान पर भी उंगली खङी करती हो
ऐसा नहीं है कि हर बार जो ऊँची आवाज में बात करे,
वो सही ही इन्सान हो
और
ऐसा भी नहीं है कि जो चुपचाप गलत बात सहन कर ले,
वो गलत ही इन्सान  हो
वो टाइम और था जब लोग गिरने वालो को सम्भाल थे लेते
ये वो टाइम है जहां ये भीङ आपको खुद ही गड्डे में ढकेल आती है
फोन में कान्टेक्ट लिस्ट,fb-whatsapp-instagram पर
हजारों फ्रैन्ड लिस्ट होने से कोई फायदा नहीं
बेहतर है उस भीङ से अलग हो जाना,
जो तुम्हें तुम्हारी पहचान पर सन्देह करवा जाती है
और
बहुत फ़र्क होता है साथ देने और साथ खङे होने में 
बन्धुवर!
एक मुर्दा लाश के साथ भी तो लोगों की भीङ खङी हो जाती है

©ekta #आत्मविश्लेषण #चिंतन #अपने #आप और #अपनेपन का #don't #feel #sad #ifyou are #alone

पाखी...

गले मिलते वक्त ज़रा सतर्क रहना तुम...
सुना है अपने दिखने वाले
पीछे से खंजर भोकते है

©kuchh alfaaz... #अपनेपन #खंजर #सतर्कता_ही_समाधान_है 

#JusticeForNikitaTomar

कुमार कुन्दन

Shilpa Yadav

अरे तू अलसाई क्योंहै?
तू मुझे आज सताई क्यों है ?
हमारी तुम्हारी जुदाई क्यों है ?
 इतनी भी रूसवाई क्यों है?
 बीज बोकर प्रेम उगाई क्यों है 
अन्कुरित नही करना तो लगाई क्यों है?
धधकती है आग तो सुहाई क्यों है 
 तेरा मेरा स्नेह है तो मुझे रूलाई क्यों है 
 चलना नही था संग मेरे तो बुलाई क्यों है? 
अन्दर  ही अन्दर प्यार उमडाई क्यों है 
 तेरा मेरा स्नेह है तो सबसे छुपाई क्यों है? 
जब कुबूल नही था तो हे पगली
तो खुले पन्ने को बन्द कर 
इतनी बेवफाई क्यों है ?
शिल्पा यादव

©Shilpa yadav #अपनेपन के दो शब्द 
#जिंदगी_का_सफर 
#कौन_हो_तुम

Shreya Tripathi

एक कमरा,...कमरे में कुछ आलमारियां उन पर रखी अनगिनत #किताबें..... कुछ किस्सा सुनाती है.. कुछ #अपनेपन का किस्सा कुछ इधर-उधर की कहानियां..... कुछ ऐतिहासिक बातें.. कुछ सिलेबस की उछल-कूद उन किताबों में कुछ #लव_स्टोरीज

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read caption..... एक कमरा,...कमरे में कुछ आलमारियां
उन पर रखी अनगिनत #किताबें.....
कुछ किस्सा सुनाती है..
कुछ #अपनेपन का किस्सा 
कुछ इधर-उधर की कहानियां.....
कुछ ऐतिहासिक बातें..
कुछ सिलेबस की उछल-कूद 
उन किताबों में कुछ #लव_स्टोरीज

धर्म देव सिंह भाटी

Friendship Pallavi Kumari Kalika Jitendra Singh Pakhi Gupta Divya Joshi Urvi Poonia

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खून के रिश्तो से 
अपनों के अपनेपन से
 अलग होती है दोस्ती 
परायों को अपना बनाती है दोस्ती 
दोस्ती ना हो तो अधूरी है जिंदगी 
जिंदगी को रंगों से सजाती है दोस्ती
 गम और खुशी में दोस्तों का साथ नहीं छोड़ती दोस्ती स्वार्थ से परे है सच्ची दोस्ती 
क्या ऊंचा क्या नीचा नहीं विचारती दोस्ती 
दोस्ती में सब कुछ लूट जाता है 
 दोस्तों का बुरा नहीं सोचती दोस्ती 
दोस्तों पर मर मिटने का नाम है दोस्ती 
खून के रिश्ते से अपने के अपनेपन से अलग होती है दोस्ती Friendship Pallavi Kumari Kalika Jitendra Singh Pakhi Gupta Divya Joshi Urvi Poonia

Kamal bhansali

तलाश

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उम्र की रेखा ज्यों ज्यों छोटी होती गई
जिंदगी मकसदों से विहीन होती गई
खामोशी की कीमत बढ़ती गई
बदलती वक्त की नजाकत  समझती गई
परायों में अपनेपन को तलाशती गई
पर आज तक जीने की वजह समझ में न आई
मौत को जो नाजायज दौलत समझती
उसी में ही आखिर अंतिम अपनेपन की खुशबू पाई
उसके आलिंगन में ही आखिर शुकुन तलाश पाई
✍💖 कमल भंसाली तलाश
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