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Rakesh frnds4ever
जब मन बैचैन ना हो,,,,,,,,,,,,,,,,तन परेशान ना हो जब आंखो में उदासी ना हो,,,,,,,,,,,,,चेहरे पर मायूसी ना हो होठों पर चुप्पी ना हो,,,,,,,,,,,,,,उलझने जब गुत्थी ना हों जब मस्तक चिंतित ना हो,,,,,,,,,,भौहें विचंभित ना हों जब पलकें भारी ना हो,, खुद के आसुओं से छल जारी ना हो जब शरीर में थकान ना हो,,,,,,, बेवजह/बेफालतू आफत में जान ना हो जब विचारों में स्थिलता हो,,,,,,,,,मस्तिष्क में निश्छलता हो जब आत्मा पवित्र हो,,,,,,,,,,, सादा सदचरित्र हो जब व्यवहार में अपनता हो,,,,,,,,,,,,,,,दिल में दयालुता हो जब मन तन शरीर आत्मा दिल दिमाग सभी में शांति,विश्राम,सकूं,आराम हो ,,,,, ,,, उस पल/क्षण/घड़ी/समय/अवस्था उसका इंतजार है,,,.... ©Rakesh frnds4ever #uskaintezaar जब #मन बैचैन ना हो,, #तन परेशान ना हो जब आंखो में #उदासी ना हो,,,चेहरे पर #मायूसी ना हो होठों पर चुप्पी ना हो,,,उलझने जब ग
Madhu Jain
Uljhan suljaate suljaate Zindagi ka antim padaav bhi aagaya, par abhi bhi lagta hai Kuch ansuljhi uljhane baaki reh gayi OPEN FOR COLLAB 😁 #ATentanglement • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 💚 Collab on this beautiful bg with your soulful words. Use the word
Madhu Jain
Life is entangled with ups and downs,between dreams and reality. OPEN FOR COLLAB 😁 #ATentanglement • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 💚 Collab on this beautiful bg with your soulful words. Use the word
kavi manish mann
एक धागे में गुत्थी मालाओं से रहना सीखो। जल की बहती धाराओं से चलना सीखो। सरोवर, तरुवर के परोपकार से भी कुछ, कुछ गई पीढ़ी के संस्कारों में पलना सीखो। #EPWबहतीधारा A Challenge open for all! brought to you by English Proverbs World 🌷 Hello beautiful writers, ⚫ express your fresh thoughts
संतृप्त
हे प्राण प्रिय! प्रेम पुष्प मन उपवन का प्रेम मधुर स्पर्श पवन का प्रेम प्रतीक अमन का प्रेम आधार अध्यात्म का प्रेम आधार दर्शन का प्रेम आधार जीवन का "प्रेम दर्शन है, प्रदर्शन नहीं", जब उसने रात के अँधेरे में 'जुगनू' के प्रकाश में किसी किताब में यह पढ़ा तब वह इसका अर्थ नहीं समझ पाया लेकिन उ
Anurag Surana
गुत्थी उससे प्यार की अभी तक सुलझ ना पाई, मेरी बातों को वो पगली अभी तक समझ ना पाई !! [Read Full In Caption] पगली मेरी बातों को अभी तक समझ ना पाई... . गुत्थी उससे प्यार की अभी तक सुलझ ना पाई, मेरी बातों को वो पगली अभी तक समझ ना पाई। जिसने छिना हम स
Divyanshu Pathak
प्रेम-एक तपस्या प्रेम को समझने समझाने का क्रम सदियों से चलता आया है।मुद्दतों के बाद भी यह गुत्थी सुलझाने में सफलता नहीं मिली।यह किसी को त्याग लगता है तो किसी को तपस्या।किसी को सुकून लगता है तो किसी को समस्या।जिस तरह निभाया उस तरह पाया।बिछड़े तो विरह गीत बना मिले तो बसन्त छाया।प्रेम एक भाव है।मन के स्पंदन में एक ऐसा भाव जो सुख देता है।लेशमात्र इच्छा भी इसमें जुड़ी होती है।हम उसे कामना भी कहते है जो कर्म की प्रेरणा भी है।कर्म बंधन है।मजे की बात ये भी है कि वह विकास का कारण भी।शायद मैं भी समझा नहीं पाऊँगा छोड़ जाऊँगा नई पीढ़ी के लिए इस गुत्थी को ज्यों की त्यों। प्रेम-एक तपस्या प्रेम को समझने समझाने का क्रम सदियों से चलता आया है।मुद्दतों के बाद भी यह गुत्थी सुलझाने में सफलता नहीं मिली।यह किसी को त्या
Divyanshu Pathak
....... TOPIC-MYSTERY DRAMA STORY शीर्षक- जीवन के अनूठे स्वांग *नाटक में रोमांच और रहस्य से भरपूर *दादी का हर जगह नाटक करना कहानी में और भी रोमांच
shailesh jha( सांझ_शैलेश)
मैं हूं या नहीं, अजीब सी जुस्तजू है, खुद में हूं या नहीं, बैचेनी और कशमकश है। कहूं या समझ जाओगी, अनसुलझी पहेली है। खामोश मैं हूं या तुम नहीं, बस ये ही गुत्थी सुलझानी है। #बैचेनी #कश्मकश #गुत्थी #अनसुलझी_पहेली #सांझ_शैलेश
Dr Jayanti Pandey
पूरे सा पूरा तो इस जहां में कहीं भी कुछ भी नहीं है किसी चांद में हज़ार दाग हैं कहीं पर बंजर ही जमीं है (कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें) पूरे सा पूरा तो इस जहां में कहीं भी कुछ भी नहीं है किसी चांद में हज़ार दाग हैं कहीं पर बंजर ही जमीं है कब तक झगड़ते रहोगे एक दूसरे को उंगल