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Malhar Dave
મીટ માંડીને જુએ છે, સૌ કોઈ આકાશ માં. આશાઓ છલકાય છે, એ કાળા ભમ્મર વાદળ માં. ભૂલકાઓ નાચવા આતુર છે, કીચડ અને કાદવ માં. ખેતર વચ્ચે ઉભો ખેડુ, ને જુએ આકાશમાં. વાદળો પણ મલકાય છે, ને જુએ એની આંખમાં. ધરતી એ પણ શણગાર સજ્યો, વર્ષા ની વાટમાં. નદી-નાળા છલકાશે, એ પેહલા વરસાદ માં. ભીની માટીની સુગંધ થી, મહેકશે આ ધરતીમાં. ધરતી પોકારે છે આકાશ ને, વ્યાકુળતા એના સાદમાં. દેડકાઓ ની મેહફીલ જામી, ને પૂછે એકબીજાને શાનમાં. - મલ્હાર દવે #river poem
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read moreBAPUN
(:: ଅବାସ୍ତବ ଭାବନା ::) ହସଭରା ମୁଖ ପଛେ ଶତ ଚିନ୍ତାର ସ୍ରୋତ, ଅବାସ୍ତବ ଭାବନାରେ ମୋ ହୃଦ ମର୍ମାହତ। ବିଜନ ସ୍ଥଳେ ନିର୍ବିକାର ରୂପେ ଚିନ୍ତନେ ବ୍ୟଥିତ ଏ ମନ, ଅସ୍ଥିର ବ୍ୟାକୁଳ ହୋଇଉଠେ ସେ ଦେଖେ ନିତି ଦିବା ସ୍ଵପ୍ନ। ସ୍ୱପ୍ନର ଗଭୀର ସାଗର ତରଙ୍ଗେ ମୁଁ ଯେ କାତହୀନ ନାଉରୀ, କୂଳ ନପାଇ ନାଆଟି ମୋର ଢେଉମେଳେ ଯାଏ ଅପସରି। କୁଟୁମ୍ବ ଚଳାଇ ଆଗକୁ ବଢ଼ଇ ବଡ଼ ପୁଅର ଏତ ପଣ, ନିଦ୍ରାହୀନ ହୋଇ ଦେଖେ କେତେ ସ୍ବପ୍ନ ଏଇ ମୋ ଅସ୍ଥିର ମନ। ସ୍ୱପ୍ନର ବାଟରେ ମୁଁ ଜଣେ ବାଟୋଇ ମନେ ସଞ୍ଚି କେତେ ସ୍ବପ୍ନ, ଅବାସ୍ତବ ଭାବନାକୁ ବାସ୍ତବେ ଦେଖିବି ବ୍ୟାକୁଳ ହୁଅଇ ମନ। ଆହେ ଜଗନ୍ନାଥ ଜଗତର ନାଥ ପୂରଣ କରହେ ମୋର ଶୂନ୍ୟ ହାତ, ସ୍ବପ୍ନ ସବୁ ମୋର ସାକାର କରହେ ଏତିକି ମୋ ତବ ପାଦେ ଦଣ୍ଡବତ। :-ଦୀପ୍ତି ରଞ୍ଜନ ନାଏକ A poem about my Life...
A poem about my Life...
read moreRoshan Rdm
इज़ाजत मेरे दिल को नही, कि तेरे इश्क के दरिया में बह जाऊ। दरिया दिल है तेरा, पर मैं कहीं ओर बह जाऊ। रुह का सफर तय किया गया है, मेरी किस्मत में इश्क नहीं, लिखा कुछ और गया है। इज़ाजत मेरे दिल को नही, कि तेरे इश्क के दरिया में बह जाऊ। फकीरा जोगी बनता यह दिल मेरा, ना कोई रोना न कोई धोना, बस नट साम्राज्य से दूर होना। इज़ाजत मेरे दिल को नही, कि तेरे इश्क के दरिया में बह जाऊ। मोह नहीं ,माया नहीं, बस उस निरंकार मे खो जाऊ। @mr_rdm__750 #river #Love #poem
जानकी नेगी भंडारी ( अनकही )
सुकून ढूंढते थे दर-ब-दर, वो गुम ना जाने किधर, उसकी तलाश में बीते जीवन, यूँ ही इधर-उधर, लोगो की भीड़ में तन्हा रहे, मिला ना सुकून का एक पल, फुर्सत में खुद से बातें की जब, पाया वो सुकून अपने ही अंदर,। अनकही #river #Nojoto #shayari#poem
4 lines
प्रकृति इंसान तेरी पाने की चाह में तू इंसानियत को खो बैठा ।। तेरी इस लापरवाही ने तू खुद की, जान खो बैठा ।। चीर सीन धरती का तू पेट्रोल डीजल ले आया ।। जला जला कर तू ने प्राणवायु को मिटाया ।। काट वृक्ष को तू ने खुद का आवास बनाया ।। गोलोबल वार्मिंग लाने में तेरा खुद का ही काला साया ।। बना के फ़ैक्टरी जो तू ने आधुनिकता का नाम दिया इस आधुनिकता ने जल को भी दूषित किया ।। प्रकृति में तुझें कम दिया था जो तू पशु-पक्षियों को भी खा रहा है ।। इसी लिये तो कोरोना भी तुझे आज नाच नाचा रहा है ।। ये तो बस शुरुआत है अभी भी वक्त बाकी है ।। उठ और जाग जा प्यारे आज कोरोना है कल कुछ और भी होगा।। रोक ले अपने कदमों को जिससे तू खुद को ही खो रहा है ।। प्रकृति ने तुझें सब दिया है छिन ने की कोशिश ना कर।। रहेगा सुखी तू बस प्रकृति का समान तू कर।। Rajesh kumar #river #poem #lockdown #Nature
kartikey berwal
बर्बाद हो जाये हर वो गुलिशतां जिसका फूल वो न तोड़े, अज़ब का जादू है उनके हाथों में, कत्ल भी कर दे तो आदम की जात जिंदा खड़ी हो जाये। #ख़्याल #river #flower #poem #love
thestoryofreallife
जिनकी गुस्ताखियों से भी मैंने रिश्ता निभाए हुए हैं उसने हीं हमें गिरा हुआ होने का एहसास कराया है TheStoryOfRealLife #river #Love #poem #Instagram
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