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Prashant Roy
चाहत में इन्तेहाँ कहाँ, सिर्फ एक गुज़ारिश होती है, पूरा करो या यूं ही अधूरा कारवां रहने दो, चाहत में फ़साना कहाँ, सिर्फ लम्हों का सिलसिला होता है। ©Prashant Roy चाहत SHAHID HAROON Abdullah Qureshi Rakesh Srivastava Suruchi Roy
Prashant Roy
मैंने पूछा क्या तुम्हें भी मेरी जरूरत है? उसने बोला, "सच बताऊँ, अगर बातें दिल न लगाओ तो?" हा! बिलुकल सच ही बोलो, थोड़ा चुभेगा लेकिन फिर सुकून देगा। लेकिन सच ही बोलो! ठीक है। तो बात ऐसी है, कि तुम हो तो भी ठीक न हो तो भी ठीक!! मैंने कहा, इसका मतलब मेरी जरूरत नही? ©Prashant Roy जरूरत vibha Rakesh Srivastava IshQपरस्त Suman Zaniyan SHAHID HAROON
Prashant Roy
Last decision कभी कभी जीवन मे ऐसे फैसले लेने पड़ते है जिनके खड़े उतरने की सोच ही रूह कंपा देती है। लेकिन बिना एक निर्णय के यह सम्भव भी नही होता है। बहुत कमजोर हम महसूस करते है उस समय जब यह निर्णय लेना होता है लेकिन सच को ठीक वैसे ही देखने, बिना लाग लपेट के चीजों को समझने की समझ ही इतनी हिम्मत देती है। ©Prashant Roy #d_mysterious_decisions gaTTubaba Suruchi Roy Rakesh Srivastava SHAHID HAROON Abdullah Qureshi
Prashant Roy
अकेलापन अभिशाप है जब आपको किसी का इंतज़ार है लेकिन वही अकेलापन वरदान है जब आप हर तरह के इंतज़ार के अहसासों से मुक्त हो गए। अक्सर हम एकांत में होने से डरते है लेकिन जब व्यक्ति भीड़ से स्वयं को अलग करता है तभी वह स्वयं को जान पाता है। भीड़ में एक व्यक्ति पूरी ज़िन्दगी उसी तरह जीता है जो भीड़ चाहती है। स्वयं को जानना तभी हो पाता है जब वह अकेला हो जाय। ©Prashant Roy #Silence gaTTubaba Rakesh Srivastava Suruchi Roy SHAHID HAROON RUHI. PAYAL SINGH
Prashant Roy
सवाल अक्सर लड़ाई खुद से होती है, किसे हराया जाय और किसके साथ खड़ा रहा जाए, कुछ समझ नही आता है जब अक्सर लड़ाई खुद से हो जाता है। जवाब देंने वला और सुनने वाला एक ही हो जाये तो अक्सर खुद से ही शिकायत होती है, तब खुद को कैसे सज़ा दे, यह समझ नही आता है जब नाराज़गी खुद से ही हो जाये। तब जलने वाला भी खुद ही और खुद ही जलने वाला हो जाता है जब अक्सर लड़ाई ख़ुद से हो जाता है। ©Prashant Roy उलझन gaTTubaba SHAHID HAROON Abdullah Qureshi Dr. Ravi Sagar Suruchi Roy
narendra bhakuni
Prashant Roy
धड़कनो की मेजवानी, अनकही अनसुनी कोई कहानी, गुजरता ही रहा मोज़ों की रवानी, वख्त-वेबख़्त फिसलता रहा, तेरी मेरी कहानी। ©Prashant Roy इज़हार Rakesh Srivastava Sohan Kumar Suruchi Roy RUHI. PAYAL SINGH SHAHID HAROON