Find the Latest Status about प्रजातियों के उद्गम पर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, प्रजातियों के उद्गम पर.
Mohan Sardarshahari
माना मिलते हैं मोती नसीब से फिर भी मिलेंगे तो समुद्र में क्या हुआ कोई राजा है या फकीर उद्गम तो है उदर में ©Mohan Sardarshahari उद्गम
Preeti Karn
प्रकृति के रंगों की अभिव्यंजना सुखद अहसास कुछ संवेदनाएं मेरे बेरंग पन्नों में सब कुछ ही तुम्हारा है। विरह व्याकुल व्यथित मन की व्यथा कुंठा घनीभूत होता तिमिर अंतस पसरा उद्गम सृजन प्रवाह खुशियों में सराबोर आनंद अथाह प्रेरित सब तुम्हीं से हैं मेरे बेरंग पन्नों में। क्षणिक उन्माद विकल प्राणों का अवसाद कुछ मौसमी रंग पतझड़ बदरंग सृजन रचनाओं का विन्यास मात्र ही तो है भावों का मेरा कुछ भी नहीं सब कुछ ही तुम्हारा है। प्रीति #मनोभाव # उद्गम #सृजन #yqdidi #YourQuote poetry
Anindya Dey
.. अश्क का अफ़सोस आसां हो बहे, दर्द की अलबत्ता शिनाख़्त हुई रहे.. .. ख़याल ख़ालिश पे नज़र तंग तवज़्ज़ो, रिश्तों को निभाना फ़क़त अदब न रहे.. .. नादानी दुनिया को धूप सी हो हासिल, माहिर मरकज़ के मनसूबे मगर दिखतीं रहें..! .. खुशामदीद..💞 .. मरकज़ माने, केन्द्र, उद्गम, मुख्य कारण या बिन्दु।
BANDHETIYA OFFICIAL
कभी -कभी ही हवा जैसे तूफां होती, बालने,जलाने, बुझाने का सामां होती । अक्सर होती है हवा लौ को संजीवनी, जीवन आक्सीजन,जिंदगी आसां होती। ये जो लो, पर हुए हैं चींटी के, संजीदा हो, चींटी मिट जानी कि खुद में नादां होती। ©BANDHETIYA OFFICIAL #चींटी के पर!
Kavi Swaroop Dewal Kundal
मेरी निगाहों से उसको जो तुम देखो उसमें खुदा नज़र आएगा वो हजारों की भीड़ में भी अकेला है भले तुम्हें कारवां नजर आएगा मेरी तरफ तू इतनी उम्मीद भरी निगाहें से ना देख ए जमाने मुझमें उससे बिछड़ने के बाद वीरान हुआ मेरा घर नज़र आएगा उसके चले जाने के बाद मैंने कभी रूख ना किया उन गलियों का मेरे लौट कर आने की राह तकता हुआ मेरा शहर नज़र आएगा जैसे कोई दौलतवाला टूट पड़ता है किसी गरीब की आबरू पर किसी मजदूर पर उसके मालिक का तुम्हें बरपा किया कहर नजर आएगा वतन की राह में दुश्वारियाँ करता हुआ दहशतगर्द कोई हो जैसे और सियासतदानों का खून से सना दामन शामो शहर नज़र आएगा अब तो गुलशन के फूलों पर मंडराने से भी डरती है तितलियाँ हर दूसरा यहाँ पर तितलियों के नोंचता हुआ पर नज़र आएगा तितलियों के पर
Gautam_Anand
शाख से टूटा हूँ आवारगी में बसर करता हूँ मैं अपने जिस्म में भटका सा सफर करता हूँ आज़मा ले मेरा हौसला छीन ले आसमां मुझसे मैं अपने ख्वाब में उम्मीदों के पर रखता हूँ #उम्मीदों के पर
Shravan Goud
होने के नाम पर प्यार है करने के नाम पर कार्य। होने के नाम पर प्यार है करने के नाम पर कार्य।
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
वक्त के तख्त पर बैठकर, जिन्दगी तबाह होते हुवे देखा। हर इंसान को भी हमने जमीं पर, दर्द की रात में करवटें लेते देखा। गैरों की बात हम और क्या करें, जो अपने थे उनको खोते देखा। वक्त की तख्त पर......! "रसिक"✍️ वक्त के तख्त पर........!
Usman shayar
मोहब्बत के नाम पर मोहब्बत की हैं लोग तो मोहब्बत के नाम पर दगा कर देते हैं ©Usman salmani मोहब्बत के नाम पर