Nojoto: Largest Storytelling Platform

New तुकडा कटोरी Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about तुकडा कटोरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तुकडा कटोरी.

    PopularLatestVideo

ARTI DEVI(Modern Mira Bai)

🍛कटोरी से बनाया फ्लावर पॉट😘

read more
mute video

AJAY NAYAK

#Birds चिड़िया रानी चिड़िया रानी चिड़िया रानी आ जाओ मेरी खिड़की की जाली पर आ जाओ एक कटोरी में भरकर रखी हूं चावल एक कटोरी में भरकर रखी हूं #कविता

read more
mute video

Priya Gour

झीणो = धीरे बायरो= हवा तावडो= धूप तालो= कटोरी का बहुत बड़ा रुप मारवाडी कविता लिखने का प्रयास काफी समय बाद ❤🌸 welcome gulabi thandak 😍 मार #sadak #मारवाड़ी #28October

read more
mute video

KP EDUCATION HD

ऐसा माना जाता है कि अगर आप पर एक बार शनिदेव की कृपा हो गयी तो आप रातोंरात हर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर लेते हैं. बुरा करने वाले को शनिदेव #News

read more
mute video

Homenese kitchen

बिना इडली स्टैंड कटोरी में बनाये सॉफ्ट इडली I Instant Idli I Oats Rava Idli #Shorts #Trending #viral #trends #Homenesekitchenrecipes #Oats # #Knowledge #yummy #tasty #idli

read more
mute video

Supriya Yewale

#Couple तुकडा आहेस तू माझ्या काळजातला😊💯🤞❤️😘😍🥺 #मराठीविचार

read more
mute video

Prerana Jalgaonkar

मैं कौन हूं...?कोई मुझे बता दे... हैरान हूं मैं.... इन्सान हूं या फिर किसी कपडे का तुकडा जो हमेशा मापकर ही बताया जाए... या फिर गोल, त्रिको

read more
मैं कौन हूं...?कोई मुझे बता दे...
हैरान हूं मैं....

इन्सान हूं या फिर किसी कपडे का तुकडा 
जो हमेशा मापकर ही बताया जाए...
या फिर गोल, त्रिकोण आकार हूं मैं... 
हैरान हूं मैं ,आखिर कौन हूं मैं...?

हर कोई अलग अलग सभ्य ,असभ्य, शिष्ट,अशिष्ट
परिभाषा का इस्तेमाल करते हैं
हैरान हूं मैं... आखिर कौन हूं मैं...?

कोई तिखा, मिठा,नरम , कुरकुरा, थंडक 
या फिर गरम पदार्थ हूं मैं...या फिर शिकारी के लिए
एक जंगली जानवर हूं मैं...

हैरान हूं मैं... आखिर कौन हूं मैं...?
कोई मुझे बताए ...आखिर कौन हूं मैं...???
--प्रेरणा

 मैं कौन हूं...?कोई मुझे बता दे...
हैरान हूं मैं....

इन्सान हूं या फिर किसी कपडे का तुकडा 
जो हमेशा मापकर ही बताया जाए...
या फिर गोल, त्रिको

Prerana Jalgaonkar

मैं कौन हूं...?कोई मुझे बता दे... हैरान हूं मैं.... इन्सान हूं या फिर किसी कपडे का तुकडा जो हमेशा मापकर ही बताया जाए... या फिर गोल, त्रिको

read more
मैं कौन हूं...?कोई मुझे बता दे...
हैरान हूं मैं....

इन्सान हूं या फिर किसी कपडे का तुकडा 
जो हमेशा मापकर ही बताया जाए...
या फिर गोल, त्रिकोण आकार हूं मैं... 
हैरान हूं मैं ,आखिर कौन हूं मैं...?

हर कोई अलग अलग सभ्य ,असभ्य, शिष्ट,अशिष्ट
परिभाषा का इस्तेमाल करते हैं
हैरान हूं मैं... आखिर कौन हूं मैं...?

कोई तिखा, मिठा,नरम , कुरकुरा, थंडक 
या फिर गरम पदार्थ हूं मैं...या फिर शिकारी के लिए
एक जंगली जानवर हूं मैं...

हैरान हूं मैं... आखिर कौन हूं मैं...?
कोई मुझे बताए ...आखिर कौन हूं मैं...???
--प्रेरणा

 मैं कौन हूं...?कोई मुझे बता दे...
हैरान हूं मैं....

इन्सान हूं या फिर किसी कपडे का तुकडा 
जो हमेशा मापकर ही बताया जाए...
या फिर गोल, त्रिको

Dharminder Dhiman

Hello Resties! ❤️ Collab on this rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Highlight and share this beautiful post so no one misses

read more
अरे...,
बहन जी सुनती हो?

एक कटोरी चीनी
उधारी चाहिए।
शाम को मन्ना के
पापा लाएंगे तो। 
वापिस दे दूंगी
😂😂😂😂😂 Hello Resties! ❤️

Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊

Highlight and share this beautiful post so no one misses

रिंकी✍️

बचपन के वो दिन जब बिना किसी फिक्र के दिन गुजरते थे हथेलियों की कटोरी बना कर पानी भरते थे वो छोटी छोटी बातों पर गुस्सा हो जाना हमारा रूठना #वोदिन #यकदीदी

read more
बचपन के वो दिन 
जब बिना किसी फिक्र के दिन गुजरते थे
हथेलियों की कटोरी बना कर पानी भरते थे
वो छोटी छोटी बातों पर गुस्सा हो जाना 
हमारा रूठना माँ का मनाना
अपने हाथों से प्यार से खिलाना
याद है अभी भी वो लुका छुपी का खेल 
पल की लड़ाई पल में मेल
वो मासूम आंखों में सपनो की हसीन वादी
वो  बड़ी धूमधाम से गुड्डे गुड़ियों की शादी 
याद है वो दिन
पापा का हमे कंधों पर घुमाना
पापा के आते ही डर से पढ़ने बैठ जाना
दादी का हमे कहानियां सुनाना
लोरी गा कर हमें सुलाना
बारिश के पानी मे कागज़ की कश्ती
दोस्तो के साथ बारिश में मस्ती
भूल नही सकते हम
वो हमारा प्यारा बचपन 
हाँ पता है वो लौट नही आयेंगे
लेकिन हमें छोड़ भी न पायेंगे
बीतता है हर पल 
बीत जाएगा ये भी कल
बस यादे ही तो रह जायेंगे


 बचपन के वो दिन 

जब बिना किसी फिक्र के दिन गुजरते थे
हथेलियों की कटोरी बना कर पानी भरते थे
वो छोटी छोटी बातों पर गुस्सा हो जाना 
हमारा रूठना
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile