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Devesh Dixit
अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।। मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार। अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।। अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद। अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।। ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल। अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।। घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान। अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।। ............................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभि
Shivkumar
महागौरी उपासना, अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्य में, सफ़ेद रंग प्रधान II . श्वेत-कुंद के फूल-सा, माँ गौरी का रंग I श्वेत शंख व चन्द्र सजे, आभूषण बन अंग II . दाएं नीचे हाथ में धारण करे त्रिशूल I डमरू बाएँ हाथ में, वस्त्र शान्ति अनुकूल II . माँ की मुद्रा शांत है, और चार हैं हाथ I बैल, सिंह वाहन बने, रहते उनके साथ II . आठ वर्ष की आयु में, देवी का अवतार I जो इनका पूजन करे, उसका बेडा पार II . शुम्भ-निशुम्भ प्रकोप से, साधु संत थे त्रस्त I माँ गौरी आशीष-पा, दिखे सभी आश्वस्त II . शक्ति स्वरूपा कौशिकी, माँ गौरी का अंश I दैत्यों शुम्भ-निशुम्भ का, अंत किया था वंश II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I माँ है मंगल दायिनी, दूर करे अवसाद II . माँ गौरी की हो कृपा, मिटते सारे कष्ट I कल्मुष धुल जाते सभी, होते पाप विनष्ट II . गौरी के आशीष से, पिण्ड छुडाते पाप I जब श्रद्धा से पूजते, मिटते तब संताप II . हमेशा साधु-संत का, यह अटूट विश्वास I माँ में अमोघ शक्ति तो, दुःख न भटके पास II . महिला चुनरी भेंट कर, प्राप्त करें आशीष I गौरी के दिन अष्टमी, सभी नवाएँ शीश II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्
Death_Lover
White राम हुई सकल माया में, इस जग से प्रीत कहीं न कबीर मरे, न रहीम मरे अंत मरे है हाड़-मास का शरीर॥ ◆मेरे_राम◆ ©Death_Lover #ramnavmi #मेरे_राम #प्रेम #जगत #जीवन #मरण #यथार्थ #जागृति #माया #भौतिकवाद
Rajkumar Siwachiya
White कै बिन माया सब प्यार वियार फीका आर यार बिन सारा संसार फीका ✨♥️✨🧑🤝🧑🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ ©Rajkumar Siwachiya कै बिन माया सब प्यार वियार फीका आर यार बिन सारा संसार फीका ✨♥️✨🧑🤝🧑🔭📙🖋️ - Rajkumar Siwachiya ✍️♠️ #SAD #rajkumarsiwachiya #oyedesi #haryanv
Devesh Dixit
देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। जाना कहाँ अभी तुझको सबने, झूठी माया से सब लिपट रहे। प्रेम का देकर झाँसा सभी को, सच्चाई से मुख को मोड़ रहे। दिल धड़क रहा ये देखो तुझसे, रची बहुत है रचना ईश्वर ने। छीने कब तुझसे वो ही जाने, वही मौत से सबको मिला रहे। अटल सत्य है ये कहते वो ही, इससे सभी तुम जो घबरा रहे। मोह उससे अब छुड़ा के सबको, वही पास में अपने बुला रहे। देकर जिंदगी फिर से सभी को, धरती पर उसको है भेज दिया। जीवन देखो फिर उसको प्यारा, जी भर कर ही तुमको प्यार दिया। देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। .................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया
Devesh Dixit
शब्द (दोहे) शब्द मिलें जब भी मुझे, करता यही विचार। क्या बखान अब मैं करूँ, पूरे हों उद्गार।। जोड़-जोड़ कर शब्द को, देता मैं आयाम। राज हृदय में वह करे, हो मेरा भी नाम।। जन जन तक पहुँचे कभी, ये मेरे अरमान। पुस्तक का मैं रूप दूँ, शब्दों में उत्थान।। शब्दों की माया बड़ी, ये सबको अनुमान। कुछ इससे हैं सीखते, पाते भी सम्मान।। गलत तरीके से करें, शब्दों का उपयोग। होता भी नुकसान है, कब समझेंगे लोग।। झगड़ों का कारण यही, अब समझो नादान। शब्दों का यह जाल है, कहते सभी सुजान।। शब्दों से जो खेलते, उनको ही है बोध। उचित चयन उसका करें, करते देखो शोध।। ....................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #शब्द #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi शब्द (दोहे) शब्द मिलें जब भी मुझे, करता यही विचार। क्या बखान अब मैं करूँ, पूरे हों उद्गार।।
Shivkumar
ब्रह्माण्ड में चारों तरफ़ सिर्फ अंधकार था व्याप्त। चौथे रुप में माता ने तब किया अण्ड निर्माण।। सभी जीवों और प्राणियों में है मां का तेज। माता के कृपा बिना हो जाते हैं सब निस्तेज।। सारा चराचर जगत है मां के ही माया से मोहित। मां के ही प्रेरणा से होता है जगत में सबका हित।। दिव्य प्रकाश जगत में मां कुष्मांडा फैलाती। ममतामई, करुणामई, कल्याणकारी कहलाती।। सौम्य स्वभाव वाली है मेरी मां अष्टभुजाओंवाली। भक्तों की सारी विपदा दूर करती है महामाई।। जो कोई श्रद्धा भक्ति से मां के शरण में आता। सुख, समृद्धि,धन, सम्पदा बिन मांगे मिल जाता।। ©Shivkumar #navratri #navratrispecial #नवरात्रि #navratri2024 #ब्रह्माण्ड में चारों तरफ़ सिर्फ #अंधकार था व्याप्त । चौथे रुप में माता ने तब किया
Bharat Bhushan pathak
मन साफ सदा रखें, कभी किसी को न ठगें, वैर भाव पाले नहीं, प्रेम अपनाइए। बिखरे असंख्य रंग, दया बिन बदरंग, विश्वास सभी पे करें, अब समझाइए। दुनिया का लगा मेला, खूब भागे यहाँ रैला, भलाई जो कर रहे, उसे ना सताइए। पाप-पुण्य,मोह-माया, काम-क्रोध यहाँ आया, ईर्ष्या का घना कुहरा, खुद को बचाइए। ©Bharat Bhushan pathak #सँभल मन साफ सदा रखें, कभी किसी को न ठगें, वैर भाव पाले नहीं, प्रेम अपनाइए। बिखरे असंख्य रंग, दया बिन बदरंग,
Devesh Dixit
नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल। क्या सोचा सरकार ने, जो हुआ बवाल। फिर बताया विद्वान ने, ये था माया जाल। हेरा-फेरी से कमा कर, कर रहे जो गुणगान। चोट जो ऐसी दी उन्हे, पूर्ण हुआ अभियान। बोरे भरकर फेंक दिये, नोटों के भण्डार। कुछ जंगल में थे मिले, कमाल किये सरकार। एक झटके में निकल गये, देखो तो काले धन। छिपा रखे गृहणियों ने, बेचैन हुए तब मन। नोट बदलने के लिए, सामने आया राज। पतियों को मालूम पड़ा, तब जाकर वह काज। मोदी जी का हो भला, जो किया ये काम। पत्नियाँ सिर को पीटतीं, खेल हुआ तमाम। ................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #नोट_बंदी #nojotohindi #nojotohindipoetry नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ... लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना । सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।। और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं । मातु पे सुत का सदा अधिकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है..... मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ । चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।। उन पहाड़ों पे करे माँ वास है । सुन रही वो भक्त की दरकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... गीत गाकर आज बंदनवार कर । मातु का अब भोग भी तैयार कर ।। आ गई हैं कर सवारी सिंह की । अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल । फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।। भूल तेरी आज हो जाये क्षमा । कष्ट से होते वही उद्धार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। १०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...