Find the Latest Status about परब्रह्म सच्चिदानंद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, परब्रह्म सच्चिदानंद.
CK JOHNY
सच्चिदानंद =सत्+चित्+आनंद सत्= ।।यत् अस्ति त्रिकालेषु न बाध्यते तत् सद्।। जो सदा वर्तमान है और तीनों कालों के बंधन से मुक्त है वह सत् है। चित्= ।।यः चेतयति संज्ञापयति सर्वान् सः चित्।। जो समस्त चेतन आत्माओं को सत्य असत्य के लिए हमेशा चेताता रहता है वह चित है। आनंद = ।।यः सर्वान् आनंदयति सः आनंदम्।। जो समस्त आत्माओं को आनंद प्रदान करता है वह आनंद है। जो सदा सदमार्ग अपनाने के लिए चेताता रहता है उस परमेश्वर को सच्चिदानंद कहते हैं। सच्चिदानंद
सच्चिदानंद
read moreDeepak Sayar
अभिनंदन बंदन तेरा रहने को ब्रज धाम दिया , मुझको भी ऐसा देना भगवन जैसे अर्जून को गीता ज्ञान दिया , गुरु पूर्णिमा कि सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ©Deepak Sayar Mathura श्री सच्चिदानंद भगवान श्रीकृष्ण की जय
श्री सच्चिदानंद भगवान श्रीकृष्ण की जय
read moreवेदों की दिशा
।। ॐ ।। यच्छ्रोत्रेण न शृणोति येन श्रोत्रमिदं श्रुतम्। तदेव ब्रह्म त्वं विद्धि नेदं यदिदमुपासते ॥ 'वह' जो श्रोत्र (कान) के द्वारा नहीं सुनता,३ 'वह' जिसके द्वारा इस श्रोत्र की क्रिया को सुना जाता है, 'उसे' ही तुम 'ब्रह्म' जानो, ना कि इसे जिसकी मनुष्य यहां उपासना करते हैं। That which hears not with the ear, that by which the ear's hearing is heard, know That to be the Brahman and not this which men follow after here. केनोपनिषद मंत्र ७ #केनोपनिषद #उपनिषद #कर्ण #ब्रह्मा #परब्रह्म
#केनोपनिषद #उपनिषद #कर्ण #ब्रह्मा #परब्रह्म
read moreवेदों की दिशा
।। ॐ ।। अथेन्द्रमब्रुवन् मघवन्नेतद्विजानीहि किमेतद्यक्शमिति तथेति तदभ्यद्रवत् तस्मात्तिरोदधे ॥ तब उन्होंने इन्द्र से कहा, ''हे सम्पदाओं के स्वामी (मघवन्), इसके विषय में ज्ञान प्राप्त करो कि यह बलशाली यक्ष क्या है।'' उसने कहा, ''तथा इति।'' वह द्रुतगति से 'उसकी' ओर गया। 'वह' इन्द्र के सामने से तिरोहित हो गया। Then they said to Indra, “Master of plenitudes, get thou the knowledge, what is this mighty Daemon.” He said, “So be it.” He rushed upon That. That vanished from before him. केनोपनिषद तृतीय खण्ड मंत्र ११ #केनोपनिषद #उपनिषद #वेदांत #इन्द्र #यक्ष #परब्रह्म
Devanand Jadhav
थिजले धुक्यात सारे वृक्ष वल्लरीचे रूप गोठले जणू हिवाने सच्चिदानंद स्वरूप ✍🏻©•देवानंद जाधव• •धामणी (लोणी)• jdevad@gmail.com 9892800137 ©Devanand Jadhav थिजले धुक्यात सारे वृक्ष वल्लरीचे रूप गोठले जणू हिवाने सच्चिदानंद स्वरूप
थिजले धुक्यात सारे वृक्ष वल्लरीचे रूप गोठले जणू हिवाने सच्चिदानंद स्वरूप #मराठीकविता
read morePunita Singh
Happy Teacher's Day ©Punita Singh गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। 🙏
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। 🙏 #Knowledge
read moreBinay Kumar Shukla
पुस्तक चर्चा सच्चिदानंद के सानिध्य में,लेखक श्री विजय कुमार तिवारी,प्रकाशक अंजली प्रकाशन। #पौराणिककथा
read more