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Devanand Jadhav
.......... ©Devanand Jadhav #MahavirJayanti अहिंसा परमो धर्म: ...जगाला शांती, अहिंसा व सत्य यांचा मार्ग दाखविणारे भगवान महावीर हे जैन धर्माचे 24 वे तिर्थकार आहेत...त्य
Santosh Jangam
Sangeeta Kalbhor
Beautiful Moon Night खामोशी से प्यार करना उतना आसान नही है खुद के जितना इन्सान औरों से परेशान नही है मन में होते है कई प्रश्न जवाब कहाँ मिल पाता है सुख दुःख है एक झौका कायम थोड़ी ना रहता है दिल लगाकर दिल में बसनेवाले बसेरा कही और भी करते है नाजूक होती है साँसों की ड़ोर एक ही झटके में श्वास हरते है जी नही करना चाहिए छोटा भलेही टूटना पड़े अंदर से आशा की किरण आ ही जाती है तलाशे अपने आपको गर प्यार से खामोशी से प्यार करना अपनेआप में बड़ी उपलब्धी है हरा नही कोई पाता उसे चाहे आये कितनी भी बड़ी आँधी है..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #beautifulmoon खामोशी से प्यार करना उतना आसान नही है खुद के जितना इन्सान औरों से परेशान नही है मन में होते है कई प्रश्न जवाब कहाँ मिल पाता
Alpha_Infinity
White प्रेम क्या है?? मैंने पढ़ा है प्रेम स्रोत है जीवन का। ये प्रेम ही तो है जो इलेक्ट्रॉन को प्रोटॉन का चक्कर लगवाती है। जब बिछड़े दोनो फिर तबाही मचाती है। प्रेम हमारे हर एक कोशिका में है। और जब तक ये प्रेम है, ये हृदय धड़क रहा। सांसे चल रही, नेत्र देख रहे। जब प्रेम खत्म, हम भी हम नहीं। बात बात में मैने आपको फिजिक्स पढ़ा दिया। विज्ञान में भी प्रेम आपको दिखला दिया। प्रेम करिए जैसे मैं उनसे करता हूं। दूर होके उनसे उनको बहुत याद करता हूं। ©0 आज एक प्रश्न था कि प्रेम क्या है?? क्या मैंने सही जवाब दिया?? कहिए? #SAD #pyaar #Jiwan #rishte #sath #geet #ishq #0 #Nojoto vineetapancha
ANSARI ANSARI
Black कल कल छल छल। नदियां करती। भंवरे गुन गुन करते हैं। हर पल मेरा दिल । आहे भरता। हम तुम संग कब। खेलेंगे। ©ANSARI ANSARI आहे भरता
Bitterone_me
देव माझ्यासाठी नेहमीच एक प्रश्न आहे... आणि आई, सर्व प्रश्नांची उत्तरे. ©Bitterone_me #देव #प्रश्न #आई #उत्तर #God #Mother #questionanswer #viral #Popular #bitteroneme
Ravindra Singh
माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । हो भूल तो अपने हाथों से दंडित करना मुझे , न करना ख़ुद से दूर कभी, क़सम है मेरी तुझे । हर चीज़ सह सकता हूँ , पर तेरा रूठना नहीं । मेरे लिये तू कोई मूर्ति नहीं , मेरी जीती जागती माँ है । तू सुनती है मेरी हर बात , तू मेरा सारा ज़हान है । तेरे दरबार में बातें करते हुए तुझ से , जैसे मैं सुकून के समंदर में चला जाता हूँ । तू भी नहीं ऊबती मेरी बातों से , तो मैं भी घंटों तुझसे बातें बतलाता हूँ । तू बेशक मुख से नहीं देती उत्तर , हर प्रश्न का उत्तर तेरे अहसास से मैंने जाना । माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । ©Ravindra Singh #navratri माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना ।
Manish Jakhmi
कुछ सच ऐसे होते है जिनके परिणाम बारे में हमें पता होता है परंतु हम तब भी उसके विपरीत कार्य करने की कोशिश करते है, चलिए अपनी जगह किसी और को रखकर देखते है क्यूंकि लोग इस तरह के उदाहरण दूसरों पर सुनना ही पसंद करते है, परंतु यह पसंद और न पसंद करने का सवाल नहीं उठता क्योंकि कुछ इस तरह की अनगिनत चीजे व्यक्ति के जीवन हो जाती है जिससे भिड़कर वह अपने आप के एक आदमी बनाता है, अब एक आदमी कैसा हो ये प्रश्न भी बनता है, परंतु यह तो अक्सर नियती पर निश्चित होता है क्यूंकि परिस्थिति तो मात्र श्रेणी बदलती है, जीवन में पड़ावों को पार करते करते ही कुछ इस तरह (कविता में दिए गए) के निर्णय लेने होते है, जिनका ख्याल मात्र दो बार आता है एक निर्णय लेते वक्त और दूसरा उस परिस्थिति के अंत में परिणाम के वक्त। मनीष जख्मी ©Manish Jakhmi कुछ सच ऐसे होते है जिनके परिणाम बारे में हमें पता होता है परंतु हम तब भी उसके विपरीत कार्य करने की कोशिश करते है, चलिए अपनी जगह किसी और को र
AwadheshPSRathore_7773
White . बची थी जो शेष जिंदगी उसी को विशेष बनाने के चक्कर में कब यह जीवन भूत से वर्तमान,वर्तमान से भविष्य में कहीं खो गया, पता ही नहीं लगा... तुम्हारा कसकर हाथ पकड़ने की चाह में नमी जिंदगी.. कब सूखी रेत सी हो हाथों से फिसल गई पता ही नहीं लगा न मै..मेँ रही,ना तुम.. तुम रहे तुम्हारी जो जिंदगी थी मैँ..कब -कैसे - क्यूं रास्ते का पत्थर बन गई पता ही नहीं लगा...x कांच के टुकड़ों को क्यूँ हीरोँ का नाम दे...देकर यूं ही सहेजते रहे हम जबकि अपना शीशे सा दिल कब पत्थर हो गया पता ही नहीं लगा.. एक मुलाकात के इंतजार में तुम्हारे ख्यालों को कब कस्तूरी..मृग.. मन..से जिंदगी..ऐ..रुह में उतार लिया... पता ही नहीं लगा.... दीवारों को दर्द सुनाते सुनाते तन्हा दिल ने तन्हा-तन्हा सी जिंदगी में कब..तन्हा..शहर बसा लिया पता ही नहीं लगा...पता ही नहीं लगा... ©AwadheshPSRathore_7773 #nightthoughts शेष विशेष के जैसे चक्की के दो पाटों के बीच फंसती यह जिंदगी,किस तरह सादे मनुष्य से उसके जीवन की सारी सादगी छिन लेती है और अंतत
Santosh Jangam