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Shivangi
ये दिन ये पल ये तारीख जब भी आए शुभकामनाओं से आपकी महफ़िल सजाएं सभी दे आपको ढेर सारी दुआएं आप की झोली खुशियों से भर जाए नित फूल खिले जिंदगी की राह में कीर्ति सजती रहे आपकी निगाह में खुशियों से बीते आपके दिन और रात जहां भी कदम रखें, हो फूलों की बरसात जीवन के सारे सुख मिले आपको जन्मदिन की खूब सारी शुभकामनाएं आपको शब्द कम पड़ जाते हैं कैसे करूं आपकी तारीफ शुरू इतना कह सकती हूं आपके लिए कलयुग में भगवान की मूरत है गुरु!! Many Many Happy Returns of the da
शब्द कम पड़ जाते हैं कैसे करूं आपकी तारीफ शुरू इतना कह सकती हूं आपके लिए कलयुग में भगवान की मूरत है गुरु!! Many Many Happy Returns of the da #RESPECT #yqbaba #yqdidi #guru #birthdaywishes #shivangiverma
read moreइकराश़
शमशीर उसके जुबां की चली थी, अपने घरौंदे के शज़र को काटने को। उसे क्या खबर थी, वो अपने हाथ से, अपने बाजूओं को ही काटने चला था। कहते हैं की बच्चे माँ-बाप का बाज़ू होते हैं। और आज की दुनिया में लोग ये सबसे बड़ा सच भूल जाते हैं। कैसे?? ये आपको ऊपर लिखा शेर और निचे लिखी प
कहते हैं की बच्चे माँ-बाप का बाज़ू होते हैं। और आज की दुनिया में लोग ये सबसे बड़ा सच भूल जाते हैं। कैसे?? ये आपको ऊपर लिखा शेर और निचे लिखी प #yqbaba #PARENTS #yqdidi #IkraashNaama
read moreमुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
बड़े होकर भाई बहन परिवार, कितने दूर हो जाते हैं | इतने व्यस्त हैं सभीं, कि मिलने से मज़बूर हो जाते हैं| एक दिन भी जिनके बिना नहीं रह सकते थे हम, सब ज़िन्दगी मे अपने, मसरूफ हो जाते हैं | छोटी-छोटी बात बताए बिना हम रह नही पाते थे | अब बड़े-बड़े मुश्किलो से हम अकेले जूझते जाते हैं। ऐसा भी नही की उनकी एहमियत नही हैं कोई, पर अपनी तकलीफ़े जाने क्यूँ उनसे छिपाते हैं रिश्ते नए, ज़िन्दगी से जुड़ते चले जाते हैं, और बचपन के ये रिश्ते कहीं दूर हो जाते है खेल खेल मे रूठना मनाना रोज़ रोज़ की बात थी अब छोटी सी गलतफैमी दिलो को दूर कर जाती हैं। सब अपनी उलझनो मे उलझ कर रह जाते हैं| कैसे बताए उन्हे हम, वो हमे कितना याँद आते हैं। वो जिन्हे एक पल भी हम भूल नही पाते हैं।। ©Ankur Raaz TODAY REALITY OF ALL RELATIONSHIP 👇 बड़े होकर भाई बहन परिवार, कितने दूर हो जाते हैं | इतने व्यस्त हैं सभीं, कि मिलने से मज़बूर हो जाते हैं|
Dr Jayanti Pandey
शौक रखते हैं वो सब अपनी विरासतें बताने का वो किस के पोते हैं और कौन उनके नाना हैं। गुलामों की चाकरी ने सर उनके चढ़ाए हैं जो क्लर्क नहीं बन सकते उन्हें देश चलाना है। (कृपया पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें) जिस तरह बड़े नेताओं के नाती, पोतों की नई पीढ़ी अपने आप को नैसर्गिक नेता समझ रही है और जिस तरह का उनका आचरण है उसी से प्रेरित के एक रचना। शौ
जिस तरह बड़े नेताओं के नाती, पोतों की नई पीढ़ी अपने आप को नैसर्गिक नेता समझ रही है और जिस तरह का उनका आचरण है उसी से प्रेरित के एक रचना। शौ #yqdidi #yqhindi #लोकतंत्र #yqpolitics #jayakikalamse
read moreRachit Rai
💖Anushka 💖 A token of infinity love... ये दूर दूर की दूरियां कैसे पास हमें ले आती हैं... नयन नयन ये सुंदर ऐसे मुझे निहार जाते हैं कैसे बड़े बड़े लोचन पे जैसे ये पलकें, झपक झलक सी
ये दूर दूर की दूरियां कैसे पास हमें ले आती हैं... नयन नयन ये सुंदर ऐसे मुझे निहार जाते हैं कैसे बड़े बड़े लोचन पे जैसे ये पलकें, झपक झलक सी
read moreAshok Mangal
क्रोध-प्रेम हमारी साख को समाप्त-प्रख्यात करते हैं । अफ़सोस जानते बूझते भी लोग क्यूँ क्रोधित रहते हैं ।। कुछ पलों की क्रोध की अग्नि सारी अच्छाइयों को जला देता है शांत हो जाने के बाद राख में खाक छानते रह जाते हैं,, एक नफरत का बूंद प्रेम के समुंद
कुछ पलों की क्रोध की अग्नि सारी अच्छाइयों को जला देता है शांत हो जाने के बाद राख में खाक छानते रह जाते हैं,, एक नफरत का बूंद प्रेम के समुंद #lovelife #SelfishWorld #YourQuoteAndMine #loveeverywhere #loveeverything #Inosent
read moreVandana
क्रोध में हम अपने सबसे बुरे रूप में होते हैं,, प्रेम में हम अपने सबसे सुंदर रूप में होते हैं,, कुछ पलों की क्रोध की अग्नि सारी अच्छाइयों को जला देती है, शांत हो जाने के बाद राख में खाक छानते रह जाते हैं,, एक नफरत का बूंद प्रेम के समुं
कुछ पलों की क्रोध की अग्नि सारी अच्छाइयों को जला देती है, शांत हो जाने के बाद राख में खाक छानते रह जाते हैं,, एक नफरत का बूंद प्रेम के समुं #lovelife #SelfishWorld #loveeverywhere #loveeverything #Inosent
read moreAditya Fogat
बाहर दीवाली की रोशनी है, दीपक जगमगा रहे हैं पर हर तरफ एक खामोशी ओर सन्नाटे भरा मौसम है, ना पटाखों की आवाज, ना आसमान में रॉकेट की रोशनी, ना घ
Aditya Fogat
बाहर दीवाली की रोशनी है, दीपक जगमगा रहे हैं पर हर तरफ एक खामोशी ओर सन्नाटे भरा मौसम है, ना पटाखों की आवाज, ना आसमान में रॉकेट की रोशनी, ना घ
Kameshwar Sahani
सरकारी शिक्षक क्यो नहीं बच्चे को पढ़ा पाते हैं, इसमे किसकी गलती है आइए जानते हैं:- शिक्षक :- पढ़ाना चाहते है। वरीय पदाधिकारी :- DBT निपटाओ शिक्षक :- अब पढ़ाए सर ? वरीय पदाधिकारी :- जिनका आधार नहीं बना है उनका आधार बनवाओ। शिक्षक :- सर अब तो पढ़ाए ? वरीय पदाधिकारी :- जिन अभिभावकों के खाते में पैसा नही आया उनके खाते में आधार लिंक का काम भी तो बाकी है। शिक्षक :- सर अब ... ? वरीय पदाधिकारी :- पता करो अभिभावकों ने ड्रेस क्यों नही खरीदी और अगर खरीदी है तो फोटो अपलोड करो। शिक्षक :- सर किताब भी नही आई पढ़ाना है। वरीय पदाधिकारी :- किताब तो आती रहेंगी , सर्वे वाला काम निपटाओ। BLO वाला काम भी तो कराना है SDM साहब का आदेश है। शिक्षक :- सर अब ... ? वरीय पदाधिकारी :- सारी ऑनलाइन ट्रेनिंग कम्प्लीट लिए की नही ... ? करो और यूट्यूब के सेशन छोड़ना नहीं है, जानते हो कि नही। शिक्षक :- सर अब तो पढ़ा ले साल बीतने वाला है। वरीय पदाधिकारी :- बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी कौन करेगा ? पढ़ाने के अलावा ऐसे अनेको क्षेत्र मे शिक्षक से काम करवाती है सरकार और बच्चे नहीं पढ़ पाते हैं, तो शिक्षक का दोष देती है यही सरकार और समाज। (कुछ दिन बाद) जांच कमिटी या मीडिया वाले:- तुम लोग पढ़ाते नही हो , इतनी खराब गुणवत्ता ... ? फ्री की तनख्वाह लेते हो। एक समय था जब शिक्षक को भगवान से बढ़कर माना जाता था। अब यदि शिक्षक बच्चे की गलती करने पर अगर बच्चे को थोड़ा पिट देते हैं तो सरकार द्वारा कानूनी कारवाई की जाती है, साथ ही उस बच्चे के घर वाले पूरे गर्म मियाज मे बाँस लेकर उस शिक्षक को मारने/गाली देने पहुँच जाते हैं । कैसे होगा शिक्षा मे सुधार पहले बच्चे को पढ़ने के लिए स्कूल मे पुस्तके आती थी। अब सरकार पुस्तक नहीं देकर बच्चे के बैंक खाते में पैसा भेजती है, विडंबना यह है कि 80% बच्चे उस पैसे से पुस्तक नहीं खरीदते हैं। इसकी जाँच आप पड़ोस के बच्चों से पूछकर कर सकते हैं। 90% बच्चे के पुरे विषय का किताब नहीं होगा, अधिकतर बच्चे के पास 2-3 विषय का किताब होगा। 10% ही ऐसे बच्चे होंगे जिसके पास अपनी कक्षा का सभी विषय की पुस्तक होगी । ©Kameshwar Sahani सरकारी शिक्षक क्यो नहीं बच्चे को पढ़ा पाते हैं, इसमे किसकी गलती है आइए जानते हैं:- शिक्षक :- पढ़ाना चाहते है। वरीय पदाधिकारी :- DBT निपटाओ।
सरकारी शिक्षक क्यो नहीं बच्चे को पढ़ा पाते हैं, इसमे किसकी गलती है आइए जानते हैं:- शिक्षक :- पढ़ाना चाहते है। वरीय पदाधिकारी :- DBT निपटाओ। #Thoughts #IFPWriting
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