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Pawan
जय श्रीकृष्ण ©Pawan बिहार के शिक्षा मंत्री का शहीद पुलिस कर्मी पर ओछा बयान
Vedantika
थोथा चना बाजे घना और बड़ा ही शोर करता है। शोहरत हासिल करने को इनका दिल मचलता है। बिक जाते हैं दर-ओ-दीवार इनके इस शोर में ही, जब कोई सच्चा इंसान इन पर यकीन करता है। बनाए जाते है हिसार हबाब और बुलबुलों के, हक़ीक़त के नश्तरों से ख़्वाब सबका फटता है। होता हैं कामयाब आजकल के ज़माने में लोग, इनका काफ़िला दिन-ब-दिन अब बढ़ता है। थोथे चने के स्वाद को बढ़ाने के चक्कर में, खानसामा रसोई में कितना शोर करता हैं। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_494 👉 थोथा चना बाजे घना लोकोक्ति का अर्थ - ओछा या गुणहीन व्यक्ति दिखावा करता है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 एेसे व्यक्ति दूसरों में दोष ही नहीं , वरन अपने अंदर जी की जलन और विक्षोभ ढूंढते हैं , जिसे पा कर नहीं तो वो संतुष्ट होते हैं और नहीं सुखी , उनकी वाणी और व्यवहार में सदा ओछापन ही टपकता है !.i. j ©Motivational indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 एेसे व्यक्ति दूसरों में दोष ही नहीं , वरन अपने अंदर जी की जलन और विक्षोभ ढूंढते हैं , जिसे पा कर नहीं तो वो संतुष्ट होते हैं औ
चौराहे से होकर
अचानक से मेरी नींद खुली और मैंने पाया कि मेरे बगल जो सलोनी सोई थी वह गायब है बिस्तर से। मैं उत्सुकतावश देखने उठी कि ये कहाँ है अभी! देखा तो पता चला वह तो आँगन में नल चला रही है। मैं चुपचाप छत से देखते रही उसको। उसने दो बाल्टियां भरकर घुसलखाने में रखी। और थोड़ी देर बाद नहाकर निकली। उठ तो चाची भी चुकी थी लेकिन वो दिख नहीं रही थी शायद बाड़े में गई थी। सलोनी जब नहाने गई तो मैं छत पर ही घूमने लगी। थोड़ी देर बाद आँगन से धुँआ आता दिखाई दिया। सलोनी चूल्हा जलाकर बैठ गई थी। बाक़ी ...👇👇👇👇 गाँव में अपने अपने अलग कमरे जैसा कोई कल्चर नहीं था और मुझे मेरे कमरे की आदत थी। लेकिन मुझे अभी सलोनी के साथ सोना था उस कमरे में जिसमें शादी
saurabh
सबको लग रहा है मैं नया हूं क्या पता मुझको किसी को क्या बताऊंगा मैं खुद अनजान बैठा हूँ क्यों शर्तों पर जीवन बांधा प्रेम पंथ में क्यों जीवन के पथ पर एक ऐसी छवि डाली इतने अच्छे प्रणय शब्द को क्या कर डाला क्यों बन कर रह गई, सिर
Aprasil mishra
" तरुणाई जीवन पथ पर " (अनुशीर्षक में) "शून्य की ओर एक कदम: पथ - पथिक और उसकी यात्रा " एक जज्बाती यौवन, मुट्ठीभर सामर्थ्य, नश्वर जीवन के अनन्त स्वप्न, अन्तः एव
Manju Sharma
क्यू तु अपने आप की इतनी महिमा गता है, तुझ में गर कुछ अच्छा है तो बाहर क्यू नही आता है, कह देने से तेरे सब कुछ कैसे हम मान ले, थोथा चना बाजे घना ये भी तो सब जान ले, अपने आगे न तुझको कोई और नजर आता है, अपने आप में यूँ मगन है जैसे सब बस तु कर जाता है। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_494 👉 थोथा चना बाजे घना लोकोक्ति का अर्थ - ओछा या गुणहीन व्यक्ति दिखावा करता है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट
Suyash
आप सभी को श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें बोले सो निहाल सतश्रीआकाल वाहे गुरु जी का ख़ालसा वाहे गुरु जी की फ़तह 🙏 ਸ਼੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ 550 ਵੇਂ ਜਨਮ ਦਿਵਸ ਦੀਆਂ ਆਪ ਸਭ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਬਹੁਤ ਮੁਬਾਰਕਾਂ ਅਤੇ ਨਿੱਘੀਆਂ ਮੁਬਾਰਕਾਂ ਕਿਹਾ ਨਿਹਾਲ ਸਤਸ਼੍ਰਿਕਲ ਵਾਹ ਗੁਰੂ ਜੀ ਦੀ ਜਿੱਤ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਦੀ ਜਿੱਤ 🙏 आज गुरु पर्व के शुभ अवसर पर हम सब को गुरुनानक देव जी दोए उपदेशों का अनुसरण करना चाहिए ।।🙂🙏 आप सभी को श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रका
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Pervaz Dhiman
पैर की मोच और छोटी सोच हमें आगे बढ़ने नहीं देती, टूटी कलम और औरों से जलन खुद का भाग्य लिखने नहीं देती, काम का आलस हमें महान बनने नहीं देता, अपना मजहब ऊँचा और गैरों का ओछा ये सोच हमें इन्सान बनने नहीं देती !! ©Pervaz Dhiman पैर की मोच और छोटी #सोच हमें #आगे बढ़ने नहीं देती, #टूटी #कलम और औरों से #जलन खुद का #भाग्य लिखने नहीं देती, काम का #आलस हमें #महान बनने नही