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Dalip Kumar Deep
Shayer tera ©Dalip Kumar Deep 🤗 न फैला के हाथ माँगने से🧡🍂😀
vishal painuly
🪷आहा कुछ गजब की कला त तेरा हाथ मा भी छा ❤️ आहा क्या सुन्दर रूप रंग छा तेरु भग्यानी बड़ी फुरसत सी बणायी होलु भगवानन त्वैं तै आँखी मॉ काजल अर स्या बालों की लटुली कुछ गजब की कला त तेरा हाथ मा भी छा डाँस प्लोर पर गढ़वाली गीतों मा ठुमका पहाड़ी पहनावा मा तेरु गुलाबंध अर झुमका तेरा होठों मा लाली अर आंख्योन सनकोणू कुछ गजब की कला त तेरा हाथ मा भी छा तेरु मयालू मिजाज अर सभी तै बच्चौंणू हैसंदी मुखडी पर स्यी मोती जना दांत चमकाणू जुभी देखदू त्वैं तै बस देखदी ही रै जान्दु कुछ गजब की कला त तेरा हाथ मा भी छा तेरा माया की खुशबु कै भग्यान मा आली संग तेरा दिल मा जु बंधन कु खेल खिलाली कैका चौक तिवारी पहुँचली तेरी स्या माया की डोली कुछ गजब की कला त तेरा हाथ मा भी छा सतरंगी श्रंगार मा जब सजी धजी राली सच बतौणू स्वर्ग की परी भी फीकी नजर आली कती देवता पूजी हूली तैन जु बणी तेरु सौंजड्या कुछ गजब की कला त तेरा हाथ मा भी छा ©vishal painuly #lalishq 🪷आहा कुछ गजब की कला त तेरा हाथ मा भी छा 🪷
Gitesh Grover
Love Quotes in Hindi कुछ ही पलों की बात थी, साथ गुजार लेते हमने कौनसा उम्र भर का साथ माँगा था, एक बार दिमाग की जगह दिल की सुन लेते, हमने कौनसा आपका हाथ माँगा था, की थी पहली मोहब्बत भी आप ही, काश बयां कर देते, पूरा हो जाता हसीन ख्वाब हमारा, जो हर बार देखा था.. ©Gitesh Grover #thirteenth #Nojoto #Shayari #kuchpal #Quotes #गीतekनज़राना #khwaab गीत ek नज़राना...
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- आज बेटों में खामियां आई ।। वक्त पर काम बेटियाँ आई ।१ जब हुआ जायदाद का हिस्सा । हाथ माँ के चारपाइयाँ आई ।।२ कल उधर देखते जिसे हम थे । अब नज़र सिर्फ खिड़कियाँ आई ।।३ हो गई आज माँग सूनी तो देख लो लाल चूडिय़ां आई ।।४ हर बहर पर ग़ज़ल कहा तूने । हाथ बस यार तालियाँ आई ।।५ जब लगी आग सुन किसी घर में । देख फिर खूब आँधियाँ आई ।।६ कोशिशें तो बहुत कि हमने पर । हाथ में बस नकामियाँ आई ।।७ क्यों कहूँ आज बेवफ़ा उसको । बाप की जो थाम पगड़ियाँ आई ।।८ कौन देता प्रखर दुआ तुमको । हर तरफ़ से तुम्हें गालियाँ आई ।।९ २७/०९/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- आज बेटों में खामियां आई ।। वक्त पर काम बेटियाँ आई ।१
Sarita Shreyasi
औरत अच्छी लगती है, छः गज की साड़ी में, घर की ठाकुरबाड़ी में, चौराहे पर आईने-सी खड़ी औरत समाज को अच्छी नहीं लगती। Read in caption #औरत अच्छी नहीं लगती# जब, न तो साथ माँगती है, न सहारे के लिए हाथ माँगती है। डरती नहीं, न रोशनी में आने से, न अंधकार घिर जाने से, निकल जाती ह
सुसि ग़ाफ़िल
खिड़कियों से अब ये जहां मुझे अच्छा नहीं लगता कोई कैद है मेरी आंखों में मुझे सोना अच्छा नहीं लगता पूरा पढ़ें .... 👇👇 खिड़कियों से अब ये जहां मुझे अच्छा नहीं लगता कोई कैद है मेरी आंखों में मुझे सोना अच्छा नहीं लगता
रिंकी✍️
बेटी तू दीप एक घर दो बसाय रही है 👇 कविता कैप्शन में पढ़े ✍️रिंकी छूट रहा है सब कुछ ऐसे जैसे फिसल गई हैं हाथो से रेत बाबा के कंधों पर सर रख कर सोती थी जो लाडली जा रही घर छोड़ दूजे परदेश कह रही बेटी माँ का
Poonam Suyal
महसूस किया है अक़्सर (अनुशीर्षक में पढ़ें) महसूस किया है अक़्सर महसूस किया है अक़्सर हमने, खुशियों के साथ ग़म भी जो भी मिला हमें, कुबूल किया हमने सभी जीवन के सफ़र में,
Vijay Tyagi
वो दूर तक चला गया, बहुत दूर तक चला गया रोशन हुआ बे-नूर तो, हद्द-ए-नूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 छिप गया माहे क़मर भी, बादलों की ओट में उफ़ुक़ पे आ चमका जुगनूँ, पुर-नूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 दोनों जहां का ठहरा नशा, उसकी आश्ना आँखों में झाँका तो यारों सच नशा, सुरूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 उतारे नहीं उतरे ख़ुमार, देख अब्सार-ए-रिंद जवां दिल नर्गिस-ए-मस्ताँ से नर्गिस-ए-मख़मूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 वो ख़ुद को पहले रोके था, घर की चाहरदीवारी में उल्फ़त ने पुकारा दिल्ली तो, संगरूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 दिल देख रोया "माशारत्ती", तब ख़ाकसार यतीम को जब सर पे आया हाथ माँ का, ग़ुरूर तक चला गया "विजय त्यागी" वो दूर तक चला गया, बहुत दूर तक चला गया रोशन हुआ बे-नूर तो, हद्द-ए-नूर तक चला गया ⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥⭐💥 छिप गया माहे क़मर भी, बादलों की ओट में उफ़ु
Mayank Chunnu Singh
नालायक. ✍🏻 नालायक देर रात अचानक ही पिता जी की तबियत बिगड़ गयी। आहट पाते ही उनका नालायक बेटा उनके सामने था। माँ ड्राईवर बुलाने की बात कह रही थी, प