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Arpit Mishra
भोर बेला ,नदी तट की घंटियों का नाद। चोट खा कर जग उठा सोया हुआ अवसाद। नहीं, मुझ को नहीं अपने दर्द का अभिमान--- मानता हूँ मैं पराजय है तुम्हारी याद। . ©Arpit Mishra अज्ञेय
Bindu Sharma
जो अकेला है वो ही अलबेला है बाकी सब दुनिया का मेला है ©Bindu Sharma #अकेला #Nojoto #nojohindi #Shayari #poem#कविता Ravi vibhute
HintsOfHeart.
"मन बहुत सोचता है कि उदास न हो पर उदासी के बिना कैसे रहा जाये? शहर के दूर के तनाव दबाव कोई सह भी ले, पर यह अपने ही रचे एकांत का दबाव कैसे सहा जाए !" ©HintsOfHeart. #अज्ञेय. #Self-isolating_loneliness
HARSH369
मन कि व्यथा मन ही जाने, ना तुम जान सको न मैं जानू क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन ना तुम जान सको ना हि मैं जानू.. बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..! बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..! मन की व्यथा..मन हि जाने..!! ©SHI.V.A 369 #मन की व्यथा..!! #कविता मन की
HintsOfHeart.
"तुम्हारे नैन पहले भोर की दो ओस-बूँदें हैं अछूती, ज्योतिमय, भीतर द्रवित मानो विधाता के हृदय में जग गयी हो भाप करुणा की अपरिमित...." ©HintsOfHeart. #Good_Night 💖 #अज्ञेय - ('नख शिख' से)
HintsOfHeart.
"सपने की एक किरण मुझको दो ना, है मेरा इष्ट तुम्हारे उस सपने का कण होना। और सब समय पराया है, बस उतना ही क्षण अपना। तुम्हारी पलकों का कँपना, तनिक-सा चमक खुलना, फिर झँपना।"¹ ©HintsOfHeart. #Good_Night 💖 1.अज्ञेय की कविता #पलकों_का_कँपना का अंश।
HintsOfHeart.
"साँप! तुम सभ्य तो हुए नहीं- नगर में बसना भी तुम्हें नहीं आया। एक बात पूछूँ- (उत्तर दोगे?) तब कैसे सीखा डँसना- विष कहाँ पाया?" ©HintsOfHeart. #अज्ञेय #जन्मजयंती💐
HintsOfHeart.
"आ जाना प्रिय आ जाना! अपनी एक हँसी में मेरे आँसू लाख डुबा जाना! फैला वन में घन-अन्धकार, भूला मैं जाता पथ-प्रकार- जीवन के उलझे बीहड़ में दीपक एक जला जाना। सुख-दिन में होगी लोक-लाज, निशि में अवगुंठन कौन काज? मेरी पीड़ा के घूँघट में अपना रूप दिखा जाना। आ जाना प्रिय आ जाना!"¹ ©HintsOfHeart. #अज्ञेय #जन्मजयंती ( 07 March 1911) 1. सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' - हिन्दी में अपने समय के सबसे चर्चित कवि, कथाकार, निबन्धकार,