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दीपा साहू "प्रकृति"
दरकते प्रेम की पीड़ा, निःसंदेह, हृदय से निकलती है। लाल रक्त धमनियों से होता हुआ, पीड़ा को समाहित कर, मस्तिष्क के उस भाग पर पहुँचता है, जहाँ, उस प्रेम की तस्वीर बनी है। हाँ रंगीन है ,सुहानी है, आकर्षक है, पर प्रेमाघात की पीड़ा से, ज्यों ही रगें फटती हैं, सारा दर्द बिखर कर, उस तस्वीर पर छिटक जाता है, और वो तस्वीर, दर्द से भीग जाती है, उसको छूते ही,दरक जाती है, भीगे कागज की तरह, हम उसे गर्म साँसों से सुखाने , की कोशिश करते हैं, सूख तो जाती है, पर सिकुड़ जाती है....... हमेशा के लिए......…. दुबारा वो पहले जैसी नहीं होती। ©दीपा साहू "प्रकृति" #sugarcandy #Prakriti_ #deepliner#poem #Photography #love #SAD #Nozoto दरकते प्रेम की पीड़ा, निःसंदेह, हृदय से निकलती है। लाल रक्त धमनियों
दीपा साहू "प्रकृति"
तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। तुम तो प्रीत हो हृदय में समाहित। लाल रक्त कणिकाओं संग तुम भी हृदय से मस्तिष्क तक विचरते रहते हो! कभी होंठो पे मुस्कुराहट बनकर, ओस की बूंदों सा कभी ढलकर! कभी बहती नदियों सा कल-कल, हृदय की दीवारों पर चित्र उभरकर इन चित्रों को धोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। मिलो-न-मिलो प्रीत तुमसे रहेगी, जीवन अंतिम क्षणों तक, तुम्हें रोना नहीं चाहती! तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में, तुम्हें खोना नहीं चाहती। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Hope #Prakriti_ #deepliner #tum #love #intejar #Yaad #Nozoto तुम्हारे प्रेम को अश्कों में भिगोना नहीं चाहती तुम्हें पा लेने की लालसा में
Mukesh kumar dewangan
Vivekananda Jayanti जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। ©Mukesh kumar dewangan #VivekanandaJayanti जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
AARPANN JAIIN
ऊँचे आसमान में, पंखों में चुराया रंग रूपी मस्तिष्क। छोटी सी दिल की धड़कन, तेज रफ्तार से, फिरता है आसमान में, जैसे सपनों का सफर। गति से चलता, हर रास्ता है उसका, अनछुए सपनों का दरबार। आसमान में आज़ाद, बजाता है उसका गीत, है ये विचारों का श्रृंगार। ©Arpan Jain #swiftbird #Freedom #freebird #Freedom #Life #Life_experience #flyhigh ऊँचे आसमान में, पंखों में चुराया रंग रूपी मस्तिष्क। छोटी सी दिल की
Pushpvritiya
बच्चों के स्कूली दाखिला पत्र में व्यवसाय संबंधी विवरणी माता पिता दोनो की मांगी गई...... माता के व्यवसाय में "गृहस्वामिनी" (हाउसवाइफ) ( गृह की अधिष्ठात्री) उल्लेखित किया गर्व से....... अब बारी आई अर्निंग की..कमाई की..... पास खड़े भाई साहब ने कहा..... "ज़ीरो लिख दीजिए"..... भौंहों में एक सिकुड़न.... मस्तिष्क में एक सोच........ और एक मंद मुस्कुराहट के साथ मैंने ज़ीरो लिखा............. वैसे गृहस्वामिनी "पदनाम" तो अच्छा है... किन्तु मानदेय....शून्य... कोई अतिरिक्त भत्ता नही............ न कोई लीव...... और न ही इंक्रीमेंट............ गैस की कीमतें दिन पर दिन गगनचुंबी ही क्यों न हो......... राशन दूध के पैकेटों में एमआरपी की उछाल निफ्टी सेंसेक्स को भी क्यूं न मात दे रही हो....... मासिक इंक्रीमेंट बमुश्किल ही है........ फिर भी तीस दिनों का अंक गणित सटीक बैठा लेती है....... है न 😊 ©Pushpvritiya बच्चों के स्कूली दाखिला पत्र में व्यवसाय संबंधी विवरणी माता पिता दोनो की मांगी गई...... माता के व्यवसाय में "गृहस्वामिनी" (हाउसवाइफ) ( गृह क
Manak desai
देखते ही दिल को मेरे भा गए वो क्यू जाते वक्त मुस्कुरा गए वो, काश ठहर जाता वक्त जी भर देख लेते हम रूकता नहीं वक्त समझा गए वो, मिले नहीं पल भर मिलन को यादगार बना गए वो तनिक ठहरूँ मैं ना समझ हूँ ये क्या समझा गए वो, यूँ तो ख़ामोश थे वे इतने की कुछ बोले नहीं क्यू दिल में मेरे हलचल इतनी मचा गए वो , मैं समंदर ठहरा हुआ एक संगम सा किनारे पर उठे और लहरा गए वो, चेहरा दिखा या ढका था ओढ़नी से ये क्या क्षण भर में पागल बना गए वो, मैं कक्षा एक का बालक इस गणना में कक्षा बारह की गणित पढ़ा गए वो, मिलन अमन तुम संग चैन का कुछ ऐसा था पल भर में माणक को चमका गए वो ..! ©Manak desai राम राम सा ❤️🙏 खम्मा घणी सा 🙏 आप सगळा ने प्रणाम सा 🙏☕☕☕☕😊 मिलन की बात करते हैं संग दर्पण की आस करते हैं उनको दिव्य ज्योति और खुद को जगमगाती
Rakesh frnds4ever
जब मन बैचैन ना हो,,,,,,,,,,,,,,,,तन परेशान ना हो जब आंखो में उदासी ना हो,,,,,,,,,,,,,चेहरे पर मायूसी ना हो होठों पर चुप्पी ना हो,,,,,,,,,,,,,,उलझने जब गुत्थी ना हों जब मस्तक चिंतित ना हो,,,,,,,,,,भौहें विचंभित ना हों जब पलकें भारी ना हो,, खुद के आसुओं से छल जारी ना हो जब शरीर में थकान ना हो,,,,,,, बेवजह/बेफालतू आफत में जान ना हो जब विचारों में स्थिलता हो,,,,,,,,,मस्तिष्क में निश्छलता हो जब आत्मा पवित्र हो,,,,,,,,,,, सादा सदचरित्र हो जब व्यवहार में अपनता हो,,,,,,,,,,,,,,,दिल में दयालुता हो जब मन तन शरीर आत्मा दिल दिमाग सभी में शांति,विश्राम,सकूं,आराम हो ,,,,, ,,, उस पल/क्षण/घड़ी/समय/अवस्था उसका इंतजार है,,,.... ©Rakesh frnds4ever #uskaintezaar जब #मन बैचैन ना हो,, #तन परेशान ना हो जब आंखो में #उदासी ना हो,,,चेहरे पर #मायूसी ना हो होठों पर चुप्पी ना हो,,,उलझने जब ग
Ravi Shankar Kumar Akela
सफलता के सूत्र में सबसे पहला सूत्र यही हैं की आप एक निश्चित लक्ष्य बनाए। लक्ष्य निर्धारित करने से आपके सफल होने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती हैं। लक्ष्य तय करने से आपके मस्तिष्क को भी संकेत मिलता हैं की आपको किस दिशा में आगे बढ़ना हैं। और मस्तिष्क भी लक्ष्य के अनुरूप दिशा में कार्य करने लगता हैं। ©Ravi Shankar Kumar Akela #sparsh सफलता के सूत्र में सबसे पहला सूत्र यही हैं की आप एक निश्चित लक्ष्य बनाए। लक्ष्य निर्धारित करने से आपके सफल होने की संभावना अत्यधिक ब
Rakesh frnds4ever
सुनहले सपनों के सुनहरे दृश्य पलकों पर ठहरे चिंताओं, समस्याओं ,परेशानियों के दुनिया समाज द्वारा उत्पन व दूषित किए बादलों के बोझ को कुछ पल के लिए मरहम रूपी हवा के झोकों की तरह कुछ क्षण के लिए हल्का कर देते हैं परंतु जैसे ही निद्रा टूटती है, स्वपन टूटता है ये मन, ये तन, ये मस्तिष्क और ये शरीर सभी वास्तविक स्थिति में आते ही ये भी टूटकर बिखरने लगते हैं,,,... ©Rakesh frnds4ever #Sunhera #सुनहलेसपनों के #सुनहरे दृश्य पलकों पर ठहरे #चिंताओं , #समस्याओं ,परेशानियों के #दुनिया_समाज द्वारा उत्पन व दूषित किए बादलों