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MSA RAMZANI
इस दिल को तेरे प्यार का अरमान बहुत है जीने के लिए बस यही सामान बहुत है। आखों में लहू बनके न बह जाये कलेजा सीने में मेरे दर्द का तूफान बहुत है। अब शक्ल भी अपनी हमे अपनी नहीं लगती आईना कई रोज से हैरान बहुत है। तुम कैसे मसीहा हो दवा क्यों नहीं देते मुश्किल में मेरी जान, मेरी जान बहुत है। अब जींस यहां कोई भी अरजा नहीं भाई अरजा है मगर कोई तो इंसान बहुत है। वह जब भी मिला मुझते मुहब्बत से मिला है उस शख्स का मुझ पर एहसान बहुत है। देखो तो कभी आके मेरा घर भी रमजानी इस दिल की तरह बे सरोसामान बहुत है। 7/10/15 ©MSA RAMZANI Ghazal Tushar Yadav Anupriya
Ghazal Tushar Yadav Anupriya
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White दिन तुम्हारा है शब तुम्हारी है उम्र जिवनी है सब तुम्हारी है। क्यों न रश्क अपनी जिदगी में करूं पहले मेरी थी अब तुम्हारी है। यह हमे और वह तुम्हे हासिल गम हमारा तरब तुम्हारी है। अपनी समझो न कोई दूर की चीज हाथ आ जाये तब तुम्हारी है। हर तमन्ना चनी गई दिल से है अगर, वो तलब तुम्हारी है। तुम मिले हो न मिल सकोगे हमे आरजू बेसबब तुम्हारी है। अपनी दुनिया बसाओ यह दुनिया कब हमारी है कब तुम्हारी है। क्या करें कोई चारा साज रमजानी कैफियत ही अजब तुम्हारी है। 20/10/15 ©MSA RAMZANI गजल #गजल #गज़ल #gazal #ghazal Anupriya Tushar Yadav Bizzy Boyfire Aabid Khan Malik Malik
MSA RAMZANI
White मुकददर आजमाने मे जमाने बीत जाते है मुरादे दिल की पाने में जमाने बीत जाते है नहीं रखता अगर हिम्मत कोई इजहार ए उल्फत की जबां पर बात लाने में जमाने बीत जाते हैं मुहब्बत जिन्दगी में बड़ी मुश्किल से मिलती है मगर उसके निभाने में जमाने बीत जाते है अगर इक बार आंखो में अचानक कोई बस जाये उसे दिल से भुलाने ने जमाने बीत जाते है 19/8/15 ©MSA RAMZANI गजल #gazal #ghazal #Shayari Anupriya Deepika, Pandey Pooja Udeshi Raj hasan Tushar Yadav
MSA RAMZANI
इस नदी की धार में ठण्डी हवा आती तो है नाव जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो है एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओ दोस्तो इस दिये में तेल से भीगी हुई बाती तो है एक खण्डहर के दिल सी एक जंगली फूल सी आदमी की पीर गूंगी ही सही गाती तो है एक चादर सांझ ने सारे नगर पर डाल दी यह अन्धेरे की सडक उस ओर जाती तो है ताबीर के मैदान में लेटी हुई है जो नदी पत्थरो से ओट में जा जा के बतियाती तो है देख नहीं कोई कि काममाबियों के नाम पर और कुछ हो न हो रमजानी आसमां सी छाती तो है 25/9/15 ©MSA RAMZANI गजल #गजल #gazal Deepika, Pandey Tushar Yadav Raj hasan Deepika, Pandey Anupriya Tushar Yadav
MSA RAMZANI
White हम तो हर बात अब खुदा पर छोड देते हैं टूटे न दिल किसी का अपना ही तोड देते है हम भी इन्सान है कोई पत्थर तो नहीं फिर क्यों लोग हमे तन्हा छोड देते है 22/3/15 ©MSA RAMZANI हम तो हर बात Anupriya Harsh gupta Pooja Udeshi Tushar Yadav Aditya kumar prasad
हम तो हर बात Anupriya Harsh gupta Pooja Udeshi Tushar Yadav Aditya kumar prasad
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तुम मेरे प्यार का कोई हिसाब मत करना जो मैं खो जाऊं तो मुझको तलाश मत करना गरीब मां की भी अजमत को तुम न पाओगे खरीद कर बताओ माँ कहां से लाओगे 27/3/15 ©MSA RAMZANI #maa #Mother Raj hasan Harsh gupta Anupriya Tushar Yadav
MSA RAMZANI
हिंदू हैं, न मुस्लिम हम तो हैं भारतवासी। बरसों पहले छोड़ दी हमने अंग्रेजों की गुलामी, अब है भ्रष्टाचार को देश से खदेड़ने की बारी। ©MSA RAMZANI #RepublicDay Harsh gupta Tushar Yadav Anupriya Lakshmi singh
#RepublicDay Harsh gupta Tushar Yadav Anupriya Lakshmi singh
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मैं डूब रहा हूँ दुनिया तेरी रौनक से मैं अब ऊब रहा हूँ। तू चांद मुझे कहती थी मैं डूब रहा हूँ।। अब कोई शनासा भी दिखाई नहीं देता। बरसों से इसी गाँव का महबूब रहा हूँ।। मैं ख्वाब नहीं आपकी आंखों की तरह था। मैं अपका लहजा नही असलूब रहा हूँ।। सच्चाई तो यह है कि तेरे करिया-ए-दिल मे। इक वह भी जमाना था कि मैं खूब रहा हूँ।। इस गाँव के पत्थर भी गवाही मेरी देंगे। सहरा भी बता देंगे कि मज़जूब रहा हूँ।। दूनियाँ मुझे साहिल से खडी देख रही है। मैं एक ज़जीरे की तरह डूब रहा हूँ।। फेंक आये थे मेरे अपने भी मुझको। मैं सब्र में रमज़ानी रहा हूँ।। ©MSA RAMZANI गज़ल Harsh gupta Pooja Udeshi Tushar Yadav Anupriya Mukesh Poonia
गज़ल Harsh gupta Pooja Udeshi Tushar Yadav Anupriya Mukesh Poonia
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White बेबसी में भी हौसला तू है। खामोशी में भी एक सदा तू है।। दिल ने मीठी सी आँच रहती है। शाम ए तन्हा में दूसरा तू है।। जो भी मंजर है तू है पसमंजर। देखता हूँ मैं जिस जगह तू है।। तुझ को तय करके खुद को पाया है। मुझ से तुझ तक का फासला तू है।। करते दिल में बगैर खौफ ए खिजा। ख्वाब होने का वलवला तू है।। मेरे मन की रिहाई को रमजानी अक्सर। जिसका रहता है सामना तू है।। 22/8/15 ©MSA RAMZANI #ghazal Pooja Udeshi Tushar Yadav Sarfraz Ahmad Anupriya Raj hasan
#ghazal Pooja Udeshi Tushar Yadav Sarfraz Ahmad Anupriya Raj hasan
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खुद अपने आप से मासूम बच्चा रूठ जाता है। खिलौना जब कभी हाथो से उसके टूट जाता है।। न पूछो जिन्दगी के चार दिन कैसे गुजरते है। कडे दुख के सफर में हमसफर जब छूट जाता है।। खामोशी डर सन्नाटा अन्धेरा यास तन्हाई। यही महफिल रास कब आती है जब दिल टूट जाता है।। अभी उसके गुनाहो की नहीं ये इंतिहा शायद। घड़ा जब पाप का भरता है तो वह फूट जाता है।। कोई माने न माने पर है सच्चा तजुर्बा रमजानी। कई झूठे इकट्ठा हो तो सच्चा टूट जाता है।। 22/9/15 ©MSA RAMZANI #ghazal #tanhaai #tootadil Sarfraz Ahmad Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) Tushar Yadav Mukesh Poonia