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SumitGaurav2005
The Rathore Saab
Dhanraj Gamare
kckfkfjfjfjfjfjfjfjfjfjfjfjfjfjfjfjfjf ©Dhanraj Gamare जेवढ्या जागतिक संस्था बघत आहेत इच्छुकांचे फोन आले पाहिजेत कारण मला ७ वर्ष मी कारभार बघितला तुमचा फक्त थातुर मातुर काम करण्यात आले मी सर्व बघ
Nisheeth pandey
कागज जैसे जीवन पर चढती परत दर परत रंग ही मूर्त अमूर्त कला का नाम है पर, कागज रोल में जब पड़ी तब सब सुनसान है...... धर्म संस्था,ज्ञान संस्था सब पर पहरा ही पहरा है... जी रहे हैं हम ऐसे जैसे शरीर कांटो से भरा है और मुख गुलाब सा खिला है .... #निशीथ ©Nisheeth pandey कागज जैसे जीवन पर चढती परत दर परत रंग ही मूर्त अमूर्त कला का नाम है पर, कागज रोल में जब पड़ी तब सब सुनसान है...... धर्म संस्था,ज्ञान स
Anil Ray
समस्त पहचान का अस्थायी अस्तित्व नाम-रूप तक भी माता-पिता द्वारा पाया.. क्या था मुझमें मेरा कुछ भी नही यार तुझसे मिलन में मेरा 'मैं' भी जैसे खो गया.. पूछना खुदा से मेरी 'तड़फ' को तुम क्यों कोई मुझसे मिलकर भी जुदा हो गया.. बनाकर परी पर कतरे गये बंदिशों में चारों ओर दीवारों से मर्यादा महल हो गया.. पाक इबादत इश्क़ में खुदा समझा था और देखो अब वो खुदा भी पत्थर हो गया.. अनिल अनल जलाती है मेरी रूह तक क्यों जिस्म -टुकड़ों का समाज भिन्न हो गया.? ©Anil Ray विचारार्थ लेखन.................✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻 विवाह एक नापाक गठबंधन है चाहे इसे जो नाम दे कोई ? इसका जन्म नेकनीयत की भावना से नहीं बल्कि सुरक्ष
MD shafique khan
मंचासीन समस्त महासयगण। श्रोता बन कर बैठे बजाज एनर्जी के कण कण।। निश्चय ही आप अपनी कामयाबी के आसमान में हैं। तो ये मेरे शब्द आपके सम्मान में हैं।। शिखर पर पहुंचना फिर भी आसान होता है। मुश्किल बुलंदी पर बने रहने का काम होता है।। पूर्ण सुरक्षा (Zero Harm) का लक्ष्य कितना प्यारा है। दिल पर रख कर हांथ ये कहिए इसमें क्या नुकसान हमारा है ? ईश्वर मानव को सचेत करता है हर एक मुकाम पे। और हम अनसुना कर देते हैं उसे बड़ी ही शान से।। फिर अफसोस लेकर बैठते हैं जब निकल जाता है तीर कमान से।। सुरक्षा उपकरणों से आपकी क्षमता कई गुना बढ जाती है। उद्योग जगत मानवता की धरोहर कहलाती है।। बेहद जरुरत है हमें दिमागों के सफाई की। सब ईश्वर की मर्जी से हो रहा है एक साथी ने सफाई दी।। किसी का अनुभव उन्हें सुरक्षा उपकरणों के वरण से रोकता है । उन्हें क्या पता इकाई सेकंड में गिरा नट बोल्ट बम की तरह ठोकता है ।। 1200 ग्राम का हेल्मेट आपके गवर्नर की देखभाल के लिए है। आपके बच्चे रहें सलामत और परिवार हो खुशहाल के लिए है।। उद्योग का क्या है उसको चलाने वाले हजार मिल जाएंगे। हां मगर आपको कुछ हुआ तो ये आपके बच्चे सपना भी नहीं देख पाएंगे।। ©MD shafique khan सुरक्षा सप्ताह में औद्योगिक सुरक्षा के लिए लिखी एक कविता।
divya Sharma
Rakesh Ranjan Nirala
Muskan sharma