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Hardik Mahajan
Idea to Book *क्या आपके पास कोई बेहतरीन आइडिया है जिस पर आप किताब लिखना चाहते हैं, लेकिन आपके पास उसे लिखने का समय नहीं है?* *तो आप के लिए हम हाज़िर हैं!* *आपके आइडिया पर हमारा घोस्टराइटर आपकी किताब लिख सकता है। हमें मौक़ा देकर आप ये तीन लाभ पा सकते हैं–* 1. समय की बचत: आप अपना समय बचा सकते हैं, क्योंकि आपके लिए लेखन का काम हम सँभालेंगे। 2. तनाव मुक्त: आप बिना किसी तनाव के एक बेहतरीन किताब के लेखक बन सकते हैं। 3. प्रकाशन: किताब लिखे जाने के बाद आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है। हमारे पास पब्लिशर मौजूद है। आपके लिए हम निम्नलिखित किताबें लिख सकते हैं– 1. उपन्यास 2. लघुकथा 3. जीवनी 4. मोटिवेशनल 5. यात्रा वृत्तांत 6. संस्मरण 7. स्क्रिप्ट 8. कविताएँ 9. साक्षात्कार 10. बाल-पुस्तक 11. हॉरर और भूतों की कहानियाँ 12. कॉमिक्स 13. खाना-खज़ाना 14. निबंध 15. कॉफ़ी टेबल बुक ---------- स्वयंयुग पब्लिकेशन यूनिमोंट ऑरम, ए- विंग, कर्जत, रायगढ़, महाराष्ट्र- 410201 मो. 9152236856 Email : contact@svayanyugpublication.com Web: https://svayanyugpublication.com/ #svayanyugauthor #svayanyugbooks #svayanyugpublication #authorscommunity ©hardik Mahajan Idea to Book *क्या आपके पास कोई बेहतरीन आइडिया है जिस पर आप किताब लिखना चाहते हैं, लेकिन आपके पास उसे लिखने का समय नहीं है?* *तो आप के लिए
Idea to Book *क्या आपके पास कोई बेहतरीन आइडिया है जिस पर आप किताब लिखना चाहते हैं, लेकिन आपके पास उसे लिखने का समय नहीं है?* *तो आप के लिए #Quotes #svayanyugpublication #svayanyugauthor #svayanyugbooks #AuthorsCommunity
read moreHardik Mahajan
Comming soon ©hardik Mahajan क्या आपके पास कोई बेहतरीन आइडिया है जिस पर आप किताब लिखना चाहते हैं, लेकिन आपके पास उसे लिखने का समय नहीं है? तो आप के लिए हम हाज़िर हैं!
क्या आपके पास कोई बेहतरीन आइडिया है जिस पर आप किताब लिखना चाहते हैं, लेकिन आपके पास उसे लिखने का समय नहीं है? तो आप के लिए हम हाज़िर हैं! #Love #svayanyugpublication #svayanyugauthor #svayanyugbooks #AuthorsCommunity
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
hanuman jayanti 2024 जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी लगाकर ध्यान ।। खुश होकर वर दे यही , जीवन हो उजियार । मंगल ही मंगल रहे , सुखी रहे परिवार ।। राम-नाम प्यारा लगे , भजते हैं दिन रैन । बोले प्रभु का दास हूँ , भजकर मिलता चैन ।। राम-नाम मिश्री यहां , चख ले जो इक बार । व्यंजन सब फीके लगे , चाहे चखो हजार ।। हृदय चीर दिखला दिए , सियाराम का वास । ऐसे उनके भक्त थे, कहते प्रभु का दास ।। जन्म उसी का है सफल , ले जो प्रभु का नाम । राम-राम जप कर यहाँ , मिले सदा आराम ।। मिट्टी का मानव यहाँ , मिट्टी से ही दूर । मिट्टी में मिलना उसे , फिर भी मद में चूर ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी
जन्मोत्सव हनुमान का , आया मंगलवार । चलो मनाएं हर्ष से , पावन ये त्यौहार ।। कलयुग के भगवान दो ,शानिदेव हनुमान । दोनों का पूजन करें , सभी #शायरी
read moreDevesh Dixit
आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दंड इंद्र ने है दिया, हन पर मारी चोट। देवों ने तब वर दिया, ले कर उनको ओट। हैं भक्त प्रभू राम के, महाबली हनुमान। लाँघ सिंधु भी वो गये, ह्रदय राम को जान। संकट भक्तों के हरें, करें दुष्ट संहार। जो भजते प्रभु राम को, लेते हनुमत भार। भय की कभी न जीत हो, सुख की हो भरमार। हनुमत कृपा करें तभी, और बनें आधार। ................................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं
#आंजनेय #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आंजनेय (दोहे) आंजनेय भी नाम है, कहलाते हनुमान। निगल लिए श्री सूर्य को, बचपन में फल जान। दं #Poetry #sandiprohila
read moreShivkumar बेजुबान शायर
नवरात्रि का दूसरा दिन है , मां ब्रह्मचारिणी का l मां दुर्गा को दूसरा रुप है , मां ब्रह्मचारिणी का ll तपस्विनी माता , सात्विक रुप धारण करती है l पूजा करने से भक्तों के , सारे कष्ट को वो हरती है l श्वेत वस्त्र मां धारण करती , तपस्या सदा ही वो करती है l तपस्या करने से , सारी सिद्धियां भक्तों को वो देती है ll दूध चावल से बना भोग , मां बड़ा प्रिय वो लगता है l खीर,पतासे, पान, सुपारी , मां को बहुत चढ़ाते हैं ll स्वच्छ आसन पर बैठकर , मां का करें ध्यान l मंत्र जाप करने से , माता कल्याण करती है ll राजा हिमाचल के यहां , माता उत्पन्न हुई थी l विधाता उनके लिए , शिव-संबंध रच रखे थे ll वह पति रुप में , भगवान शिव को चाहती थी l घोर तपस्या करने , वह फिर जंगल में चली गई ll भोलेशंकर , मां के तपस्या जब प्रसन्न हुए मनवांछित वर देने के लिए हो गए तत्पर ll तपस्विनी रुप में , मां को देखकर बोले शिवशंकर l ब्रह्मचारिणी नाम से , विख्यात होने का दिए वर ll ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 नवरात्रि का दूसरा दिन है , मां #ब्रह्मचारिणी का l मां #दुर्गा को दूसरा रुप है , मां ब्रह्मचारि
#navratri #navaratri2024 #navratri2025 नवरात्रि का दूसरा दिन है , मां #ब्रह्मचारिणी का l मां #दुर्गा को दूसरा रुप है , मां ब्रह्मचारि #वस्त्र #भक्ति #कष्ट #विख्यात #तपस्या
read moreManojkumar Srivastava
White विशाल से विशाल पत्थर सैकड़ों साल पड़ा रहता है तो उसमें कोई गतिविधि और हलचल नहीं होती! वह हिल- डुल नहीं सकता और न कोई क्रिया कर सकता क्योंकि वह अचेतन है,निष्क्रिय है! दूसरी ओर चींटी सबसे छोटा जीव है फिर भी चल,फिर सकता है,आगे- पीछे चल सकता है! खा पी सकता है,सो सकता है और वह जो चाहे वह क्रिया कर सकता है क्योंकि वह चेतन है,सजीव है! मनुष्य के अलावा अन्य जीवों में चेतना का स्तर न्यून होता है! चेतना जितनी अधिक होगी सृजनशीलता,चिन्तनशीलता- मननशीलता उतनी अधिक होगी जिससे नये- नये विचार उत्पन्न होंगे! मनुष्यों में भी चेतना का स्तर समान नहीं होता! मैंने इंटरमीडिएट में तर्कशास्त्र पढ़ा है! इसमें मनुष्य और पशु में अन्तर बताया गया है! मनुष्य= पशुता+ विवेकशीलता (Human beings=Animality + Rationality) चिन्तन- मनन करनेवाले प्राणी को मनुष्य कहा गया है और जो चिन्तन- मनन में दक्ष होता है उसे मुनि कहते हैं! अत: मुनियों को चिन्तन- मनन से भागना नहीं चाहिए! किसी भी विषय पर निष्पक्ष होकर तार्किक रूप से विचार करना चाहिए किन्तु यह घोर आश्चर्य का विषय है हर वर्ग- अनपढ़,शिक्षित,उच्च शिक्षित,गरीब,धनी से चिन्तन- मनन की प्रवृत्ति लुप्त हो रही है! मुनि समाज में स्थिति सुखद नहीं है! किसी विषय पर चर्चा नहीं करना और किसी पुस्तक में जो भी लिखा गया है उसे ही अन्तिम मान लेना मानसिकता बन गयी है जो मुनि समाज के विकास में बाधक बन सकता है! जय जय जीव मुनि/ मुनिमती जी!🙏🌺🌻🌹🌷 सद्गुरु योगेश्वर शिव मुनि महाराज की जय! ©Manojkumar Srivastava #nightthoughts #योग का महत्त्व#
#nightthoughts #योग का महत्त्व# #मोटिवेशनल
read moreManojkumar Srivastava
लॉजिक यानी तर्क का प्रयोग एक दुर्लभ घटना है! अनपढ़,शिक्षित,उच्च शिक्षित,बुद्धिजीवी,पत्रकार,लेखक,कवि,नेता,अभिनेता, अधिवक्ता,न्यायाधीश,खिलाड़ी,कर्मचारी,अधिकारी,उद्योगपति तर्क,चिंतन- मनन करना भूल चुके हैं और इस कला को सीखना भी नहीं चाहते! दु:ख,तनाव,गलत निर्णय,विवाद,कलह,मारपीट,खून- खराबा,मुकदमाबाजी का मूल कारण यही है! ©Manojkumar Srivastava #truecolors #तर्क का महत्त्व#
#truecolors #तर्क का महत्त्व# #विचार
read moreN S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर नाशवान् है, और उसे जानने वाला शरीरी अविनाशी है, - इस विवेक को महत्त्व देना, और अपने कर्तव्य का पालन करना - इन दोनों में से किसी भी एक उपाय को काम में लाने से चिन्ता - शोक मिट जाते हैं। जय श्री राधे कृष्ण जी ©N S Yadav GoldMine #oddone {Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर नाशवान् है, और उसे जानने वाला शरीरी अविनाशी है, - इस विवेक को महत्त्व देना, और अपने कर्तव्य का पालन
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- बिना घर के भी हम डटकर खड़े हैं कहें किससे कि अब मर कर खड़े हैं ।।१ हमारे सामने गिरधर खड़े हैं । सकल संसार के रहबर खड़े हैं ।।२ करें कैसे तुम्हारा मान अब हम । पलटकर देखिए झुककर खड़े हैं ।३ डरूँ क्यूँ आँधियों को देखकर मैं । अभी पीछे मेरे गुरुवर खड़े हैं ।।४ मसीहा जो बताते थे खुदी को । वही अब देख बुत बनकर खड़े हैं ।।५ अभी तुम बात मत करना कोई भी । हमारे साथ सब सहचर खड़े हैं ।।६ मिली है योग्यता से नौकरी यह । तभी तो सामने तन कर खड़े हैं ।।७ पकड़ लो हाथ तुम अब तो किसी का । तुम्हारे योग्य इतने वर खड़े हैं ।।८ निभाओ तो प्रखर वादा कभी अब । अभी तक देखिए छत पर खड़े हैं ।। २६/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बिना घर के भी हम डटकर खड़े हैं कहें किससे कि अब मर कर खड़े हैं ।।१ हमारे सामने गिरधर खड़े हैं ।
ग़ज़ल :- बिना घर के भी हम डटकर खड़े हैं कहें किससे कि अब मर कर खड़े हैं ।।१ हमारे सामने गिरधर खड़े हैं । #शायरी
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