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Pankaj Singh Chawla
जट्टीये सरदारनिये तेरा हुकम सर मत्थे लावा, तू चलावे बुलट ते मैं तेरे पीछे बह जावा।। शरारती जट्टी सरदारनी😋💕 #yqbaba #yqdidi #yqpaaji #punjabi #pchawla16
शरारती जट्टी सरदारनी😋💕 #yqbaba #yqdidi #YQPaaji #Punjabi #pchawla16
read moreJay Shukla
#jayshukla krishna_flute life experience with विदाउट एनी पर्सन ऑल वर्ल्ड is the people so well very happy #Life_experience
read morePankaj Singh Chawla
वे जट्टा जे तू मुच्छ रखी आ, ते तेरी जट्टी दे बुल्ला ते लाली आ, जादा वट न दे अपनी मुच्छा नु, मेरे हाथ विच वी दोनाली आ।। जट्ट -पंजाबी लड़का जट्टी -पंजाबी लड़की बुल्ल- होंठ वट- मरोड़ दोनाली- बंदूक(राइफल) #yqpaaji #pchawla16 ##yqdidi #yqbaba #yqpowrimo #मुच्छ #होंठ
जट्ट -पंजाबी लड़का जट्टी -पंजाबी लड़की बुल्ल- होंठ वट- मरोड़ दोनाली- बंदूक(राइफल) #YQPaaji #pchawla16 ##yqdidi #yqbaba #yqpowrimo #मुच्छ #होंठ
read moreDeepak Jakhar
समय परिवर्तनशील है इसलिए कभी घमंड नहीं करना#टाइम #चेंज #एनी #मोमेंट Achal Sharma Aahna Verma Bina Babi Navneet Sarada Harishita Singh
समय परिवर्तनशील है इसलिए कभी घमंड नहीं करनाटाइम #चेंज #एनी #मोमेंट Achal Sharma Aahna Verma Bina Babi Navneet Sarada Harishita Singh #nojotophoto
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प्यार की बारिश 🌷 🌧 🌷 प्यार की बारिश 🌧 बारिश का मौसम था। वर्षा की दादी की आज बरसी थी। वर्षा अपनी दादी से बहुत प्यार करती
🌷 प्यार की बारिश 🌧 बारिश का मौसम था। वर्षा की दादी की आज बरसी थी। वर्षा अपनी दादी से बहुत प्यार करती #रिमझिम #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkरिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम #रिमझिमकहानी
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Meri Ani,.. Dear Ani Verma, उम्र और तजुर्बे में आप मुझसे बोहत बड़ी हैं, पर सच कभी महसूस ही ना हुआ कभी कि आप बड़ी हैं, इत्तफाक से हुआ था आपसे मिलना और धीर
Dear Ani Verma, उम्र और तजुर्बे में आप मुझसे बोहत बड़ी हैं, पर सच कभी महसूस ही ना हुआ कभी कि आप बड़ी हैं, इत्तफाक से हुआ था आपसे मिलना और धीर
read moreRishika Srivastava "Rishnit"
#AzaadKalakaar #AzaadKalakaar स्त्री विमर्श क्यो?? स्त्री विमर्श वास्तव में एक जटिल प्रश्न बनकर युगांतर से मन को गुदगुदा ता आ रहा है यद्यपि नारी की उपस्थिति तो साहित्य की हर विद्याओं में किसी न किसी रूप में सदा से रहती ही आ रही है तब फिर इसी औचित्यता पर प्रश्नचिन्ह क्यों अंकित होता रहा है? हमारा देश आज़ाद हो चुका है फिर भी स्त्री की दशा आज भी दयनीय क्यों?? स्त्री विमर्श के विषय में एक प्रश्न और विचारणीय है कि क्या स्त्री द्वारा लिखित साहित्य स्त्रीवादी साहित्य होता है मेरे विचार से स्त्री या पुरुष के लेखन का नहीं है बस है स्त्री विमर्श पर कदम उठाने वाला या कलम उठाने वाली स्त्री स्वभाव का स्त्री समस्याओं की गहराई से परिचित है या नहीं स्त्री की पीड़ा उस पर हो रहे अत्याचार उत्पीड़न शोषण की कसक आदि को कभी मानसिक या वैचारिक रूप से भोगा है या नहीं। वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति संतोषजनक थी। समाज में स्त्री पुरुष दोनों समान रूप से सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकारी थे। पुत्र या पुत्री के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं था। सामाजिक, आर्थिक शैक्षिक तथा धार्मिक कार्यों में दोनों की समान भागीदारी थी। पुत्र या पुत्री के पालन पोषण में भी कोई अंतर नहीं माना जाता था ।इस युग की सबसे बड़ी उपलब्धि थी के पुत्र की शिक्षा के साथ-साथ पुत्रियों तथा स्त्रियों की शिक्षा पर भी गंभीरता पूर्वक ध्यान दिया जाता था। परिणाम स्वरूप लोपामुद्रा, विश्ववारा, घोषा, सिक्त निवावरी जैसी कवि तथा मंत्र और सुक्तों के प्रसिद्ध रचयिता इसी युग की देन है । इसी युग में हुई स्त्री विकास के मार्ग में बाधक जैसे परंपरा नहीं थी। स्त्रियों को इच्छा अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता प्राप्त थी। वैदिक काल और परिस्थितियों मैं शनै शनै परिवर्तन होने जैसा प्रतीत होने लगा यद्यपि पुत्री की शिक्षा-दीक्षा पूर्व चलती रहे तभी समाज की मानसिकता बदल गई। कालांतर में पुत्री भी स्वयं को पुत्र की तुलना में ही समझने लगी। चुकी इस युग में पर्दा प्रथा की चर्चा तो नहीं है। फिर भी नहीं रह गई सार्वजनिक सभा तथा धार्मिक अनुष्ठान में अपनी भागीदारी निभाने से वंचित होने लगी पुत्री का विवाह कम आयु में करने का विवाद चल पड़ा पुत्र-पुत्रियों के जन्म पर भी भेदभाव होने लगा। पुत्र का जन्म उत्सव मनाया जाने लगा लेकिन पुत्री के जन्म को अभिशाप समझा जाने लगा। पुत्रियों को वेदाध्ययन के अधिकार से बातचीत होना पड़ा। महाभारत में द्रोपदी के के लिए "पंडित" शब्द का विशेषण आया।ऐसी पंडिता जो माँ कुंती के आदेश के पाँच पतियों में बँटकर जीवन व्यतीत करने के लिए विवश हो जाती है। कुंती जो विशिष्ट आदर्श कन्याओं में गिनी जाती है समाज के भय से सूरज को समर्पित अपनी को कोम्यता के फलस्वरूप प्राप्त पुत्र रत्न को नदी में प्रवाहित करने हेतु विवश हो जाती है. सती साध्वी राज कुलोधभूता सीता एक साधारण पुरुष के कहने पर अपने पति श्री राम द्वारा परित्यक्ता वन अकारण वनवास के दुःख झेलती है।विचारणीय है यदि उस समय की सधी और मर्यादाओं से बंधी राजकन्या हो कि यदि ऐसी स्थिति की सामान्य स्त्रियों की दशा कैसी रही होगी. चुकी इस काल में स्त्रियों को आर्थिक दृष्टि से पर्याप्त अधिकार प्राप्त है। माता-पिता आदि से प्राप्त धन स्त्री धन था ही विवोहरान्त या विवाह के समय पर आप उपहारों पर भी स्त्रियों का अधिकार था किंतु मनु विधान के अनुसार वह उसकी संपूर्ण स्वामिनी नहीं थीं। पति का अनुमति के बिना उसका एक पल भी उपयोग नहीं कर सकती थी। खैर जैसा था- था लेकिन वर्तमान परिपेक्ष में भी हम देखते हैं कि आज भी पुरुषों की मानसिकता यथावत है। मुगल शासनकाल में चल रहे भक्ति आंदोलन के फल स्वरुप स्त्रियों को सामाजिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता मिली फलता बदलाव का बीज अंकुरित होने लगा। 【आगे अनुशीर्षक में पढ़े】 ©rishika khushi ब्रिटिश शासन काल में स्त्रियों की परिस्थितियों के कुछ सुधार आया, क्योंकि शिक्षा का विस्तार किया गया। लड़कियों की शिक्षा में ईसाई मिशनरियाँ र
ब्रिटिश शासन काल में स्त्रियों की परिस्थितियों के कुछ सुधार आया, क्योंकि शिक्षा का विस्तार किया गया। लड़कियों की शिक्षा में ईसाई मिशनरियाँ र #nojotonews #नारी_शक्ति #आजादी #15august #स्त्रीविमर्श #AzaadKalakaar
read moreSeema Sharma
क्या बराबर है सबकुछ या ऐसा लगता है.... (कल्पना है ये कहानी और इसके पात्र पर विषय में एक सचाई है उम्मीद है वो समझ आएगी और अच्छी लगेगी In the caption ) ये कहानी मेरी कल्पना है पर इसकी सचाई हम सब समझ जाएंगे उम्मीद यही है जरूर पढ़ें। #yqhindi #yqhindiwriters #yqstory #mywritingmywords #yqdidi
ये कहानी मेरी कल्पना है पर इसकी सचाई हम सब समझ जाएंगे उम्मीद यही है जरूर पढ़ें। #yqhindi #yqhindiwriters #yqstory #mywritingmywords #yqdidi #yqbaba #yqdada #yostrowrimo
read moreDeepak Kanoujia
"तेरे यार भतेरे ने मेरा तू ही है बस यारा" " तेरे नाल होना ऐ गुज़ारा जट्टी दा मेरा नहीयो होर कोयी हाल किसे नाल " दृश्य 1 : एक सुन्दर सरोवर जिसमें तरह तरह के फूल खिले हैं और विभिन्न प्रकार के जलचर जल की क्रीङाये कर रहे हैं...आसपास ऊँचे पर्वत और उनसे क
दृश्य 1 : एक सुन्दर सरोवर जिसमें तरह तरह के फूल खिले हैं और विभिन्न प्रकार के जलचर जल की क्रीङाये कर रहे हैं...आसपास ऊँचे पर्वत और उनसे क #mahashivratri #loveisworship #shivparvati #mahadevlove #modishtro #deepakkanoujia #pradhunik
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