Find the Latest Status about मचा मचा मचा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मचा मचा मचा.
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White साहिब मन गढंत गीबतों के जवाब बहुत हैं मेरे पास...... लेकिन खत्म हुए किस्सों के लिए खामोशी ही बेहतर हैं...... खतरे के निशान से ऊपर बह रहे है,जिंदगी के मरहले.... वक़्त की रफ्तार है कि थमने का नाम नहींले रही...... आज दिल कर रहा था,बच्चों की तरह रूठ ही जाऊँ,..... पर,फिर सोचा,उम्र का तकाज़ा है,मनायेगा कौन......?? रखा करो नजदीकियां,ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं... फिर मत कहना,चले भी गए,और बताया भी नहीं... चाहे जिधर से गुज़रिये,मीठी सी हलचल मचा दीजिये... उम्र का हरदौर मज़ेदार है,अपनी उम्र का मज़ा लीजिए... हमेशा मुस्कुराते रहिये.....☺️ Blog by #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #goodnightimages साहिब मन गढंत*गीबतों के जवाब बहुत हैं मेरे पास.. *आलोचना लेकिन खत्म हुए किस्सों के लिए खामोशी ही बेहतर हैं...... खतरे के न
#goodnightimages साहिब मन गढंत*गीबतों के जवाब बहुत हैं मेरे पास.. *आलोचना लेकिन खत्म हुए किस्सों के लिए खामोशी ही बेहतर हैं...... खतरे के न #Live #Motivational #Trending #writersofindia #shamawritesBebaak #Bolg
read moreआवारा शायर
चुपके से देना चाहते थे फूल उन्हे... खुश्बू ने सारे शहर् मे शोर मचा दिया..!🥀 ©Yatendra Singh चुपके से देना चाहते थे फूल उन्हे... खुश्बू ने सारे शहर् मे शोर मचा दिया..!🥀
चुपके से देना चाहते थे फूल उन्हे... खुश्बू ने सारे शहर् मे शोर मचा दिया..!🥀 #Shayari
read moreAnjali Singhal
"ज़रूरी नहीं हर एहसास रूह के तट से टकरा जाता है, कुछ एहसासों का सफ़र चुपचाप बहकर गुज़र जाता है। पर यादों की हवा में बहता हुआ तेरे ख़्यालों #Shayari #AnjaliSinghal
read moreDevesh Dixit
गर्मी (दोहे) गर्मी जब से आ गई, बहे स्वेद की धार। धूप लगे घनघोर है, सूरज करे प्रहार।। जल शीतल पीने लगे, बुझे न फिर भी प्यास। गला सूखता है बहुत, क्या आएगा रास।। धरा काँपती है बहुत, जैसे चढ़ा बुखार। राहत भी मिलती नहीं, बहती गरम बयार।। छाता लेकर घूमते, है गर्मी का जोर। गर्मी गर्मी कर रहे, मचा रहे हैं शोर।। बगिया में जब फल लगे, खुशी मनाते लोग। मार मार पत्थर उसे, ले कर करते भोग।। हाल सभी बेहाल हैं, गर्मी का है जोश। गर्मी की इस तपन से, उड़ते सबके होश।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #गर्मी #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry गर्मी (दोहे) गर्मी जब से आ गई, बहे स्वेद की धार। धूप लगे घनघोर है, सूरज करे प्रहार।। जल शीत
#गर्मी #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry गर्मी (दोहे) गर्मी जब से आ गई, बहे स्वेद की धार। धूप लगे घनघोर है, सूरज करे प्रहार।। जल शीत #Poetry #sandiprohila
read moreDevesh Dixit
किवाड़ों से झाँकती रौशनी एक जगह थी जो सुनसान, दिखा वहीं पर घर अनजान। घर के आगे खुला इलाका, दिखता था पूरा शमशान। यहाँ सन्नाटा सब ओर था, घर पर नहीं कोई और था। किवाड़ों से झाँकती रौशनी, जिसका नहीं कोई छोर था। धूल - मिट्टी से भरा हुआ था, जालों का भण्डार लगा था। टूटते से किवाड़ थे उसके, कबूतरों का वो घर बना था। फर फर कर उसमें मंडराते, वो गुटर गूँ से शोर मचाते। खाने को नहीं मिले वहाँ कुछ, भोजन लाने को उड़ जाते। कर जतन भोजन को लाते, बड़े मगन से फिर वो खाते। हो जाता जब घर में अँधेरा, बेखौफ हो कर वो सो जाते। क्या आगे मैं हाल बताऊँ, वीराने का दृश्य दिखाऊँ। जाता नहीं कोई वहाँ पर, यही तुमको मैं समझाऊँ। ............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #किवाड़ों_से_झाँकती_रौशनी #nojotohindi #nojotohindipoetry किवाड़ों से झाँकती रौशनी एक जगह थी जो सुनसान, दिखा वहीं पर घर अनजान। घर के आगे खु
#किवाड़ों_से_झाँकती_रौशनी #nojotohindi #nojotohindipoetry किवाड़ों से झाँकती रौशनी एक जगह थी जो सुनसान, दिखा वहीं पर घर अनजान। घर के आगे खु #Poetry #sandiprohila
read moreRavindra Singh
साड़ी में लिपटी हुई स्त्री… वो साड़ी में लिपटी हुई स्त्री, मुझे बहुत आकर्षित कर रही थी , मुझसे रह न गया , मैंने कह ही दिया… तुम्हारा रूप, तुम्हारा रंग , तुम लिपटी हुई साड़ी में, कर देती हो मेरी शराफ़त को भंग । तुम्हारी पायलों की छनछनाहट , तुम्हारी चूड़ियों की खनखनाहट , मुझे मजबूर करती है लिखने पर , तुम्हारी ये नटखट सी मुस्कराहट । तुम्हारे गजरे की महक , मुझे खींच लाती तुम्हारी ओर , तुम नहीं बोलती हो बेशक, निगाहें तुम्हारी दिल में मचातीं है शोर । मैं नहीं जानता तुम्हें, तुम अजनबी हो , न होकर भी , तुम हो मेरी कल्पनाओं के संग । तुम्हारा रूप... ©Ravindra Singh #lalishq साड़ी में लिपटी हुई स्त्री… वो साड़ी में लिपटी हुई स्त्री, मुझे बहुत आकर्षित कर रही थी , मुझसे रह न गया , मैंने कह ही दिया… तुम्ह
#lalishq साड़ी में लिपटी हुई स्त्री… वो साड़ी में लिपटी हुई स्त्री, मुझे बहुत आकर्षित कर रही थी , मुझसे रह न गया , मैंने कह ही दिया… तुम्ह
read moreRishu singh
White बहुत सारी चीज़ें मेरे सामने हुई जो की बहुत गलत थी फिर भी मैं कुछ कर नही पाई कुछ बोल नहीं पाई समझ नही आ रहा था की क्या करू कैसे इस चीज को खुद को और दूसरो को समझाऊं क्यू नही आवाज उठाई मैने ये बातें मेरे अंदर तूफान मचाती हैं कभी कभी वो शोर इतना होता हैं की घुटन होती है क्या मेरा गांधारी बने रहना सही था 😔😔 ©Rishu singh #SAD बहुत सारी चीज़ें मेरे सामने हुई जो की बहुत गलत थी फिर भी मैं कुछ कर नही पाई कुछ बोल नहीं पाई समझ नही आ रहा था की क्या करू कैसे इस चीज क
#Nikita kour
वो ऊंचे पहाड़ों पर हाथ फैलाए खड़े थे। वो बहुत खुश थे कि उसने जो काम हाथ में लिया था, उसमें सफलता मिली। लेकिन अचानक नीचे घाटियों में खड़े लोगों ने उसके सफ़लता को देख बोहोत जल गए और उन्होंने उनके सीने में नहीं, बल्कि उनके चुप्पी पर गोली मार दी ताकि वह आगे कुछ बोल ही न पाए किसी का चुप्पी का फायदा उठाकर तुम उन को दुसरो के आगे मुख साबित कर सकते हो लेकिन किसी के बोले गए शब्दों को गोली नही मार सकते जीतना गोली मारोगे उतना ही ज्यादा शब्द आग की तरह फैलता चला जायेगा क्यूंकि शब्दों से जायदा मौन शोर मचाते हैं ©#Nikita kour #nikita kour वो ऊंचे पहाड़ों पर हाथ फैलाए खड़े थे। वो बहुत खुश थे कि उसने जो काम हाथ में लिया था, उसमें सफलता मिली। लेकिन अचानक नीचे घा
#nikita kour वो ऊंचे पहाड़ों पर हाथ फैलाए खड़े थे। वो बहुत खुश थे कि उसने जो काम हाथ में लिया था, उसमें सफलता मिली। लेकिन अचानक नीचे घा #Motivational
read more