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TAHIR CHAUHAN

देखा नही कभी आप को। क्या लिखूं आप के बारे में।
बस इतना कह सकता हूं। आप चांद थे लाखों सितारों में।
पापा में आप का चेहरा देखा। और उन की बातो मे संस्कार।
उन के गुस्से में आप का गुस्सा देखा। और आंखों में देखा प्यार।
सभी सुर थे आप में वो। जो होते एक इकतारे में।
देखा नही कभी आप को। क्या कहूं आप के बारे में।
बस इतना कह सकता हूं। आप चांद थे लाखो सितारे में।
ताहिर।।।

©TAHIR CHAUHAN #दादाजी

Dharaggn

दादाजी

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प्रिये दादा जी  आप हो बचपन की तपती धूप मैं घना वृक्ष, नन्हे फूलो के बागवान का रखवाला प्यारा माली दादाजी

ROHIN HODKASIA

बचपन और दादा जी  मै इतना खुशनसीब हू की मेरे हर दुख का सहारा थे वो
मेरी हर ख़ुशी के हिस्सेदार थे वो
ना जाने वो क्यों मुझे छोड़ कर चले गए
वो हर किसी को खुद से प्यारे थे वो। #दादाजी

VickY MishrA

कर्म ऐसे हों जीवन में कि,
मां बाप को लगे कि उन्होंने एक शेर पाला है । #दादाजी

Lp sahab

N.H.S.Aayush joshi

मेरे दादाजी #कला

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प्रिये दादा जी  मेरे दादाजी,
मेरी पहचान मेरे दादाजी
एक महान सख्शियत मेरे दादाजी
एक महान लेखक मेरे दादाजी
हिंदी के ज्ञाता मेरे दादाजी
संस्कृत में पारंगत मेरे दादाजी
उर्दू को बख़ूबी जानने वाले मेरे दादाजी
मेरी पहचान मेरे दादाजी ....
हा दादाजी की वजह से ही मैं मेरे नाम के आगेN.H.S.लिखता हूं यही एक कारण है मेरे दादाजी

guru

प्यारे दादाजी #कविता

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प्यारे दादाजी

©Naval Singh Patel प्यारे दादाजी

Sheelu Jha

# प्रिय दादाजी

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प्रिये दादा जी  आपकी याद हमें बहुत आती है,आपकी एक एक नसीहत हमें आज भी जुबानी याद हैं।आप के ही नक़्शे क़दम पे मैं आज भी चलती हूँ,और हमेशा चलती रहूँगी।कहते हैं न..बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद,हमेशा अपने बच्चों पर बना रहता है। # प्रिय दादाजी

KalPana Suthar

दादाजी ❤

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फिर एक मोती टूट गया,
फिर एक साथ छूट गया।

फिर से खो दिया है कुछ मैने,
गुजर गई एक सदी बस पल मे,
रह गया हो कुछ अधुरापन जैसे।

उस कमरे की चौकी पर, 
मिट्टी की वो चिलम, अब सूनी होगी।
नही गूंजेगी उस कमरे मे अब,
वो रामायण की चौपाईयाँ, वो गीता के अध्याय।

अब चाय के लिए वो आवाज,
फिर सुनाई नही देगी।
ग्वार के भाव पर चर्चा,
अब फिर नही होगी।

घर लौटने पर नही होगी,
वो गर्वित और स्वाभिमानी नजरें।
धोती कुर्ता पहने वो अखंड व्यक्तित्व,
नही होगा पहले जैसा कुछ भी।

सरों पर साये की तरह था जो वृक्ष,
आज बह चला वो वक्त की धार मे।
फिर एक मोती टूट गया,
फिर एक साथ छूट गया।
                 दादाजी ❤

Gunjan Agarwal

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