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Lp sahab
मेरे घर में एक बड़ा बरगद का पेड़ था जिसकी टहनियां दूर दूर तक फैली हुई हरी-भरी और खिली हुई थी जब भी धूप आई उसकी छांव ने हमें बचाया बिठाके गोद में बड़े प्यार से हमें सुलाया जब भी खुद को अकेला पाया, पास बैठकर हमें दादा ने खूब हंसाया। कहानियों के माध्यम से हमें जिंदगी का सबक सिखाया वो कहते कहते कहानी खुद आज कहानी बन गया मेरे घर में बरगद का पेड़ आज बिखर गया Miss u दादा जी ©Lp sahab #grandfather #दादाजी
PS T
मेरे दादा जी दादा होते होंगे आज,हमारे तो बासा थे,घर मे सबसे ज्यादा सहानुभूति हमारे दर्द से कोई रखता तो वो थे बासा, खाने में सब्जी मनपसदं नही बनती(वास्तव में 50 से 80 प्रतिशत सब्जियां मन को पसंद थी ही नहीं) या तीखी बन गई होती तो घर में बाकि सब लोग तो बोलते ज्यादा नखरे मत कर,जो बना आया चुपचाप खा ले लेकिन अपने को तो नखरे ही करने होते थे, उतर आते एक आध घंटे की भूख हड़ताल पे,लेकिन बासा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की तरह केस अपने हाथ मे लेते,सबको लाइन हाजिर करते और हमें दानेदार शुद्ध देसी घी में शक्कर डलवा कर खाना ख
दादा होते होंगे आज,हमारे तो बासा थे,घर मे सबसे ज्यादा सहानुभूति हमारे दर्द से कोई रखता तो वो थे बासा, खाने में सब्जी मनपसदं नही बनती(वास्तव में 50 से 80 प्रतिशत सब्जियां मन को पसंद थी ही नहीं) या तीखी बन गई होती तो घर में बाकि सब लोग तो बोलते ज्यादा नखरे मत कर,जो बना आया चुपचाप खा ले लेकिन अपने को तो नखरे ही करने होते थे, उतर आते एक आध घंटे की भूख हड़ताल पे,लेकिन बासा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की तरह केस अपने हाथ मे लेते,सबको लाइन हाजिर करते और हमें दानेदार शुद्ध देसी घी में शक्कर डलवा कर खाना ख
read moreTAHIR CHAUHAN
देखा नही कभी आप को। क्या लिखूं आप के बारे में। बस इतना कह सकता हूं। आप चांद थे लाखों सितारों में। पापा में आप का चेहरा देखा। और उन की बातो मे संस्कार। उन के गुस्से में आप का गुस्सा देखा। और आंखों में देखा प्यार। सभी सुर थे आप में वो। जो होते एक इकतारे में। देखा नही कभी आप को। क्या कहूं आप के बारे में। बस इतना कह सकता हूं। आप चांद थे लाखो सितारे में। ताहिर।।। ©TAHIR CHAUHAN #दादाजी
Divya Joshi
मेरे दादाजी ©Divya Joshi मेरे दादाजी रौबीले और खुशमिजाज़ व्यक्तित्व के धनी थे। बागवानी के खूब शौकीन।ऐसा कोई पेड़ पौधा नहीं होगा जिसे उनके हाथों ने न सींचा हो। उनके साथ बीता वक़्त बहुत ही सुन्दर रहा। हम भाई बहनों में मुझ पर उनका विशेष प्रेम रहा। उनके रहते मुझे सुबह जल्दी उठने के लिए कभी अलार्म की जरूरत महसूस नहीं हुई।मुझे किसी भी समय उठना हो बस उन्हें बताने की देर रहती और ठीक उसी वक़्त उनकी आवाज सुबह मेरे कानों तक पहुँच ही जाया करती थी। उनका आवाज रुपी अलार्म कभी गलत नहीं हुआ। उनके साथ की यादें तो बहुत हैं, सभी शामिल न कर कर
मेरे दादाजी रौबीले और खुशमिजाज़ व्यक्तित्व के धनी थे। बागवानी के खूब शौकीन।ऐसा कोई पेड़ पौधा नहीं होगा जिसे उनके हाथों ने न सींचा हो। उनके साथ बीता वक़्त बहुत ही सुन्दर रहा। हम भाई बहनों में मुझ पर उनका विशेष प्रेम रहा। उनके रहते मुझे सुबह जल्दी उठने के लिए कभी अलार्म की जरूरत महसूस नहीं हुई।मुझे किसी भी समय उठना हो बस उन्हें बताने की देर रहती और ठीक उसी वक़्त उनकी आवाज सुबह मेरे कानों तक पहुँच ही जाया करती थी। उनका आवाज रुपी अलार्म कभी गलत नहीं हुआ। उनके साथ की यादें तो बहुत हैं, सभी शामिल न कर कर
read moresukhwant kumar "Saकेत"
निश्चल जल सा शांत स्वभाव , हितकारी , हितैषी भाव , सोच सुंदर सुदूर , अभ्यस्त विश्व के सुझाव, चंचल समर्थ ज्ञानी , परिजन से लगाव, ये हैं मेरे दादा जी ! ये जो शब्द हैं ये उन्हीं की देन भाषा , सोच मेरे सारे भाव में गुंजित उनके विचार , स्वभाव , एक मूल समानता है हम में गुरु शिष्य सा सदभाव , छोटी छोटी बातें समझना दुनिया की रीत कहानियों से बतलाना , ना समझ बन कर हम गलतियों का एहसास करना । प्रेम आलिंगन शब्दों से और हर सवाल पर सुलझा जवाब । हर नए रास्ते पे चलने के लिए समर्थन और गिरने ,हारने पर उत्कृष्ट विचार। कर्म रियासत में मिली है मुझे और कुछ कर गुजरने का जज्बा आशिर्वाद , जो हूं आपके वजह से हूं , मेरे अंदर जन्में इस जीवन का मूल बीज है मेरे दादा जी । आपका अभिनंदन बस इससे की एक मित्र , एक मार्गदरशक , एक गुरु , एक नेति और कमाल की आत्मशक्ति जिससे आत्मसात करने कि प्रयास मैं एक अदना सा पोता जो सिर्फ शिष्य बन पाया । ©sukhwant kumar Saket #दादाजी #nojohindi #परछाई #poem #HappyDaughtersDay2020
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read morepriyanka yadav
दादाजी का चश्मा नहीं बना लेकिन दादाजी की वसीयत तैयार है। ©priyanka-pri #dadaji#1liner#दादाजी #MomentOfTime
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read morePriya Gour
प्रिये दादा जी सच कहूंगी मैंने कभी नहीं देखा अपने दादाजी को, बस सुना है मम्मी पापा से उनके बारे में, की वो बहुत अच्छे इंसान थे, हर रिश्ते पर अपना प्यार लूटाते थे, तो बस एक धुंधला सा चेहरा नजर आता है, पर शायद मेरी किस्मत में ही उनका प्यार नहीं था, या यूं कहूं कि इस मामले में मैं ही बदनसीब हूँ, कहते हैं सर पर बुजुर्गों का आशीर्वाद हो तो हर मुश्किल पास आने से घबराती हैं, अनुभव की तो खान होते है दादाजी दादीजी, पर जब भगवान ने ही खुद उनको हमसे छीना तो मैं कहां से लाऊं उनका आशीर्वाद, मेरी किस्मत में ही नहीं लिखा था जो प्यार तो में कहां से लाऊ उनका प्यार, सबसे उनके दादाजी के बारे में सुनकर मेरा दिल भी रोता है, जिन्हें मैंने कभी पाया नहीं उनको भी खोकर मन व्याकुल होता है। #दादाजी 🙂 #मेरामन#Nojoto #Nojotohindi #Nojotoapp
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read moreDiwan G
प्रिये दादा जी मैं इतना खुशनसीब नहीं था, कि मुझे आपका प्यार मिलता। मेरे जन्म से पहले ही आप और दादी न जाने कौन से जहाँ में चले गए। बिना आपके सानिध्य के बचपन गुजारा है। बगैर दादा,दादी के बचपन में आनंद कहाँ होता है। काश मैं तुम्हें देख पाता। कुछ ख्वाहिसें कभी पूरी नहीं होतीं, बस दिल में कसक रह जाती है। ये ख्वाहिस भी कुछ ऐसी ही है। अधूरा बचपन। #Oldpeople #दादाजी
अधूरा बचपन। #Oldpeople #दादाजी
read moreBaisa_Raj_Neha_Pandya
बचपन और दादा जी दादाजी की गोद में पुरा गांव घुमना, दादाजी का मेरी हर ख्वाहिश पूरी करना, कभी काका की जलेबी तो लाला सेठ के पेठे। उनकी जेब से निकलती जो चव्वनी अठ्ठनी हर रोज़ मेरी गुल्लक जो भरती। उनके साथ खाए जो सुखे मेवे, याद आते हैं वो पल जब हर तकलीफ में हाथ उनका अपने सर पर पाती। और हर समस्या दूर हो जाती। #बचपन_और_दादाजी
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