Find the Latest Status about उपासना पद्धति from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उपासना पद्धति.
Yogi Sonu
White आज एकादशी है । आज के दिन हमारे शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती और शरीर अपने आप को पुन व्यवस्थित करने के लिए अपने आप को ही सफाई करता है इससे शरीर शुद्धि होती है इसी को कहते है उपवासना के क्षण लागे जैसे अमृत के क्षण।। उपासना का यही अर्थ है यही इसका विज्ञान है ।। ©Yogi Sonu आज एकादशी है । आज के दिन हमारे शरीर को भोजन की जरूरत नहीं होती और शरीर अपने आप को पुन व्यवस्थित करने के लिए अपने आप को ही सफाई करता है इससे
Shivkumar
महागौरी उपासना, अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्य में, सफ़ेद रंग प्रधान II . श्वेत-कुंद के फूल-सा, माँ गौरी का रंग I श्वेत शंख व चन्द्र सजे, आभूषण बन अंग II . दाएं नीचे हाथ में धारण करे त्रिशूल I डमरू बाएँ हाथ में, वस्त्र शान्ति अनुकूल II . माँ की मुद्रा शांत है, और चार हैं हाथ I बैल, सिंह वाहन बने, रहते उनके साथ II . आठ वर्ष की आयु में, देवी का अवतार I जो इनका पूजन करे, उसका बेडा पार II . शुम्भ-निशुम्भ प्रकोप से, साधु संत थे त्रस्त I माँ गौरी आशीष-पा, दिखे सभी आश्वस्त II . शक्ति स्वरूपा कौशिकी, माँ गौरी का अंश I दैत्यों शुम्भ-निशुम्भ का, अंत किया था वंश II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I माँ है मंगल दायिनी, दूर करे अवसाद II . माँ गौरी की हो कृपा, मिटते सारे कष्ट I कल्मुष धुल जाते सभी, होते पाप विनष्ट II . गौरी के आशीष से, पिण्ड छुडाते पाप I जब श्रद्धा से पूजते, मिटते तब संताप II . हमेशा साधु-संत का, यह अटूट विश्वास I माँ में अमोघ शक्ति तो, दुःख न भटके पास II . महिला चुनरी भेंट कर, प्राप्त करें आशीष I गौरी के दिन अष्टमी, सभी नवाएँ शीश II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अपने किसी देवता को, किसी गुरु को मानता है, तो वह उनकी कृपा भी चाहता है। वह चाहता है कि उसके ईष्ट, देवता हमेशा उसके साथ रहें, गुरु का उसे मार्गदर्शन मिलता रहे। इसी कृपा प्राप्ति के लिए जो भी साधन या कर्मकांड अथवा क्रियांए की जाती हैं, उन्हें पूजा विधि कहते हैं। धर्मक्षेत्र के अलावा कर्मक्षेत्र में भी पूजा का बहुत महत्व है इसलिये काम को भी लोग पूजा मानते हैं। 🎆 जिस प्रकार हर काम के करने की एक विधि होती है, एक तरीका होता है, उसी प्रकार पूजा की भी विधियां होती हैं, क्योंकि पूजा का क्षेत्र भी धर्म के क्षेत्र जितना ही व्यापक है। हर धर्म, हर क्षेत्र की संस्कृति के अनुसार ही वहां की पूजा विधियां भी होती हैं। मसलन मुस्लिम नमाज अदा करते हैं, तो हिंदू भजन कीर्तन, मंत्रोच्चारण हवन आदि, सिख गुरु ग्रंथ साहब के सामने माथा टेकते हैं, तो ईसाई प्रार्थनाएं करते हैं। इस तरह हर देवी-देवता, तीज-त्यौहार आदि को मनाने के लिए, अपने ईष्ट - देवता को मनाने की, खुश करने की अलग-अलग पद्धतियां हैं, इन्हें ही पूजा-पद्धतियां कहा जाता है। 🎆 जिस प्रकार गलत तरीके से किया गया कोई भी कार्य फलदायी नहीं होता, उसी प्रकार गलत विधि से की गई पूजा भी निष्फल होती है। जिस प्रकार वैज्ञानिक प्रयोगों में रसायनों का उचित मात्रा अथवा उचित मेल न किया जाये, तो वह दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं, उसी प्रकार गलत मंत्रोच्चारण अथवा गलत पूजा-पद्धति के प्रयोग से विपरीत प्रभाव भी पड़ते हैं, विशेषकर तंत्र विद्या में तो गलती की माफी नहीं ही मिलती। ये कर्म काण्ड है, और भगवान श्री कृष्ण की मन से की गई भक्ति सर्वोत्तम और सर्वोपरि तथा सर्वसश्रेष्ठ हैं।। ©N S Yadav GoldMine #bachpan {Bolo Ji Radhey Radhey} 🎆 पूजा का किसी भी धार्मिक व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। कोई भी व्यक्ति अपने किसी ईष्ट को, अप
Aditya kumar prasad
"नफरत नापने की यह पद्धति मिली है ll जान की कीमत सबसे सस्ती मिली है ll देर से सही, मगर ढेर कर देते हैं झूठ को, सच बोलने वालों को यह शक्ति मिली है ll मुश्किलों ने जब मेरे घर छापा डाला, तब प्रेम की अघोषित संपत्ति मिली है ll यह घमंड, यह गुरूर, यह ढोंग किस लिए, प्रेम कीजिये, इसी के लिए ही सृष्टि मिली है ll प्रेम में सच और सच में प्रेम अनिवार्य है, सच में प्रेम की बदोलत ही तृप्ति मिली है ll" ©Aditya kumar prasad नफरत नापने की यह पद्धति मिली है जान की कीमत सबसे सस्ती मिली है Niaz (Harf) Anshu writer Beena Kumari poonam atrey PRIYANKA GUPTA(gudiya
Pradeep Phandan
Vishal Singh
royal miss riyal vikesh bihari
Sethi Ji
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 🌼 मेरी प्यारी माता रानी 🌼 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 इस नवरात्रि मुझे अपने चरणों का दास बना लो मेरे होंठों पर अपने गीतों की खूबसूरत अरदास सज़ा दो फंस चुका हूँ अपने कर्मों के बंधनों में मेरी माँ आज मुझे सारे बंधनों से मुक्त करवा दो मेरी सर्वशक्ति माँ दुर्गे अपनी कृपा करो हम सब पर दे कर अपने दर्शन हम सबकी जन्मो की प्यास बुझा दो 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌸 जयकारा शेरावाली दा बोल सांचे दरबार की जय 🌸 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Sethi Ji 🌟 शुभ नवरात्रि 🌟 नवरात्रि के पहले दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना होती है ।। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलप
Devesh Dixit
आश्रम (दोहे) आश्रम अब दिखते नहीं, विद्या का आधार। शिक्षा पद्धति बिक रही, हो कैसे उद्धार।। आश्रम में जो थे गुरू, मिलती उनसे छाँव। जीवन का दें ज्ञान वो, पलट सके वह दांँव।। आश्रम वृद्धों का दिखा, जीवन का यह श्राप। छोड़े जो माँ बाप को, खूब कमाते पाप।। विद्या का सागर बहे, हो आश्रम वो नाथ। ब्रम्ह ज्ञान से हम जुड़ें, सिर पर रख दो हाथ।। कहते हैं सज्जन सभी, जिसमें हो उद्धार। आश्रम वैसे हों सदा, सुंदर सब व्यवहार।। ......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आश्रम #दोहे #nojotohindi आश्रम (दोहे) आश्रम अब दिखते नहीं, विद्या का आधार। शिक्षा पद्धति बिक रही, हो कैसे उद्धार।। आश्रम में जो थे गुरू
Ravendra