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vishnu prabhakar singh
दिल कोई तहखाना है भावना का आना जाना है एक चटकीली दरी बिछी है वहाँ कविता की लड़ी लगी है जहाँ चपल मन नृत्य साध रहा है दिल तहखाना झाँक रहा है जीवन भरे पोटली गट्ठर बने हैं कुछ यादें हैं और कुछ अख्खड़ पड़े हैं एक अलग कोठरी में कोई बंद है दिल देकर दगा करने वाले भी चंद है आये दिन बत्ती गुल हो जाती है जैसे,मासूका दिल को सताती है आँखों के शैलाब से तहखाना भर जाता है तभी तो कोई दिल निकाल कर धर जाता है तहखाना दीवाना है। दिल कोई तहखाना है भावना का आना जाना है एक चटकीली दरी बिछी है वहाँ
तहखाना दीवाना है। दिल कोई तहखाना है भावना का आना जाना है एक चटकीली दरी बिछी है वहाँ #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #तहख़ाना #विप्रणु
read moreNisheeth pandey
तू चाय चटकीली व्हिस्की की खुमारी तेरे नख़रे वखरे माचिस की चिंगाडी , नागन को देखा-देखी तू भी उस सी ज़हरीली फुफकार न मार... तू कहाँ मीठी और भोली तेरे नख़रे क्यों छप्पन छुरी, तू है अच्छी हर तरह से जाने क्यों नख़रे तेरे हैं बुरी... लिपट लिपट जब तू जगाती प्यारी नींद भी शरमाकर भाग जाती, दिल को तू सुबह की चाय लगती फिर तेरे नख़रे पागल बनाती... कितनी बार कहता हूँ कि नख़रे के चक्करों से दूर रह, ऐसा ना हो कि कभी हो जाऊं मैं भी नख़रे के नशे में चूर.. देख मैं तेरे प्यार में बावड़ा हूँ प्यार ही प्यार मेरे दिल में है, ये न हो तेरी नख़रे वखरे से दिल टूट कर शीशे सा चकनाचूर हों.. ये न हो कि तेरे नख़रे सौतन तुझे घोषित करें, दिल पे कई छुरिया लेकर द्वन्ध युद्ध वो घोषित करें... इसलिए निशीथ की विनती जैसी तू डेरिमिल्क सी मीठी वैसी ही रह, नाज़-नखरे-जादू-टोने के चक्कर वक्कर से रह परे सच कहूँ तू तो मेरी सबसे प्यारी प्यारी परी जैसी ही दुलारी रह... #निशीथ ©Nisheeth pandey #nakhre तू चाय चटकीली व्हिस्की की खुमारी तेरे नख़रे वखरे माचिस की चिंगाडी , नागन को देखा-देखी तू भी उस सी ज़हरीली फुफकार न मार... तू कहाँ
#nakhre तू चाय चटकीली व्हिस्की की खुमारी तेरे नख़रे वखरे माचिस की चिंगाडी , नागन को देखा-देखी तू भी उस सी ज़हरीली फुफकार न मार... तू कहाँ #Hum #lovequotes #Rishta #लव #sadquote #streak #निशीथ #humaurtum #couplefight #NojotoStreak
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मेरी बहती कविताएं यह कविताएं विशेष आकस्मिक ही निकली हैं मेरे अंतर्मन से, मैंने जब भी स्वंय को टटोलना चाहा बस अपने भीतर ऐसे ही अनेकों लयबद्ध विचारों को उप
यह कविताएं विशेष आकस्मिक ही निकली हैं मेरे अंतर्मन से, मैंने जब भी स्वंय को टटोलना चाहा बस अपने भीतर ऐसे ही अनेकों लयबद्ध विचारों को उप #alpanas
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ओ अल्हड़ Dedicating a #testimonial to यशवंत कुमार बंधु, आपके page पर आते ही एक अलग ही एहसास होता था हमेशा ही ऊर्जावान, हिंदी इंग्लिश उर्दू सब एक से
Dedicating a #testimonial to यशवंत कुमार बंधु, आपके page पर आते ही एक अलग ही एहसास होता था हमेशा ही ऊर्जावान, हिंदी इंग्लिश उर्दू सब एक से
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