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R.saini.
जो प्राप्त है वहीं पर्याप्त है। और जिसको ढूंढ रहा है तू मस्जिद मंदिरो में वो तेरे अंदर व्याप्त है जिसने तलाशा है खुद को ही खुद में वो आज पूरी दुनिया में विख्यात है। ©R.saini. # बुद्धा# विवेकानन्द# आदि शंकराचार्य# #brothersday
# बुद्धा# विवेकानन्द# आदि शंकराचार्य# #brothersday
read morekavi manish sharma
सभी देश वासियों को आदि शंकराचार्य के अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाए #krishna_flute #आडिसण्क्र #kavimanishsharma #myvoice #MyPoetry Aadarsh #कविता
read moreMukesh Rathore (Bannykrezy4)
त्वत्तो जगद् भवति देव भव स्मरारे, त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ ! त्वय्येव गच्छति लयं भजदेतदीश, लिंगात्मकं हर चराचरविश्वरूपिन् ! हे विश्वनाथ प्रभो! ये सम्पूर्ण जगत की रचना केवल आपके द्वारा होती है। ये जगत उत्पत्ति के बाद केवल आपमे ही स्थित रहता है और जगत के अंत मे ये आपमे ही लीन हो जाता है। हे हर! हे चराचररूप! आप लिंगात्मक हैं। अर्थात जो कुछ कही भी दिख रहा है, ये विश्व, आकाशगंगा ये ब्रह्मांड और करोड़ो अन्य ब्रह्मांड आदि ये सब श्री शिव भगवान में ही निवास करते है। ~आदि शंकराचार्य~✍🏻 ©Mukesh Rathore आदि शंकराचार्य ✍🏻 . . . #mahadev #MukeshRathore #Bannykrezy4 #sanatandharm
आदि शंकराचार्य ✍🏻 . . . #mahadev #MukeshRathore #Bannykrezy4 #sanatandharm #समाज
read moreDivyanshu Pathak
सत सत नमन... हमें शंकराचार्य को पढ़ना चाहिए। देवियों और सज्जनों, आज चर्चा विशेष प्रयोजन के साथ है। आज समाज में धर्म को लेकर एक संकीर्ण दृष्टिकोण देखने को मिल रहा है, कुछ लोग धर्म के मर्
देवियों और सज्जनों, आज चर्चा विशेष प्रयोजन के साथ है। आज समाज में धर्म को लेकर एक संकीर्ण दृष्टिकोण देखने को मिल रहा है, कुछ लोग धर्म के मर् #YourQuoteAndMine #सगुण #निर्गुण #शास्त्रार्थ #आदि_शंकराचार्य #मंडन_मिश्र
read moreN S Yadav GoldMine
पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर :- मान्यता है की यहां रखा है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर:- 🎷 उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह गुफा विशालकाय पहाड़ी के करीब 90 फीट अंदर है। यह गुफा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा से शेराघाट होते हुए 160 किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ी वादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे गंगोलीहाट में स्थित है। पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यहां विराजित है गणेशजी का कटा मस्तक :- 🎷 हिंदू धर्म में भगवान गणेशजी को प्रथम पूज्य माना गया है। गणेशजी के जन्म के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाया गया था, लेकिन जो मस्तक शरीर से अलग किया गया, वह शिव ने इस गुफा में रख दिया। 🎷 पाताल भुवनेश्वर में गुफा में भगवान गणेश कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल सुशोभित है। इससे ब्रह्मकमल से पानी भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है। मुख्य बूंद आदिगणेश के मुख में गिरती हुई दिखाई देती है। मान्यता है कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था। पत्थर बताता है कब होगा कलयुग का अंत :- 🎷 इस गुफाओं में चारों युगों के प्रतीक रूप में चार पत्थर स्थापित हैं। इनमें से एक पत्थर जिसे कलियुग का प्रतीक माना जाता है, वह धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है। माना जाता है कि जिस दिन यह कलियुग का प्रतीक पत्थर दीवार से टकरा जायेगा उस दिन कलियुग का अंत हो जाएगा। पौराणिक महत्व :- 🎷 स्कन्दपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहाँ आते हैं। यह भी वर्णन है कि त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्ण जब एक जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफ़ा में प्रविष्ट हुए तो उन्होंने इस गुफ़ा के भीतर महादेव शिव सहित 33 कोटि देवताओं के साक्षात दर्शन किये। द्वापर युग में पाण्डवों ने यहां चौपड़ खेला और कलयुग में जगदगुरु आदि शंकराचार्य का 822 ई के आसपास इस गुफ़ा से साक्षात्कार हुआ तो उन्होंने यहां तांबे का एक शिवलिंग स्थापित किया क्या है इस गुफा मंदिर के अंदर? 🎷 इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले मेजर समीर कटवाल के मेमोरियल से होकर गुजरना पड़ता है। कुछ दूर चलने के बाद एक ग्रिल गेट मिलता है जहां से पाताल भुवनेश्वर मंदिर की शुरुआत होती है। यह गुफा 90 फीट नीचे है जो बहुत ही पतले रास्ते से होकर इस मंदिर के अंदर घुसा जाता है। थोड़ा आगे चलने पर इस गुफा के चट्टान एक ऐसी कलाकृति बनाते हैं जो दिखने में 100 पैरों वाला ऐरावत हाथी लगता है। फिर से चट्टानों की कलाकृति देखने को मिलती है जो नागों के राजा अधिशेष को दर्शाते हैं। कहा जाता है कि अधिशेष ने अपने सिर के ऊपर पूरी दुनिया को संभाल कर रखा है। 🎷 पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में चार द्वार हैं जो रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार और मोक्षद्वार के नाम से जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पापद्वार बंद हो गया था। इसके साथ कुरुक्षेत्र की लड़ाई के बाद रणद्वार को भी बंद कर दिया गया था। यहां से आगे चलने पर चमकीले पत्थर भगवान शिव जी के जटाओं को दर्शाते हैं। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के कटे हुए सिर को स्थापित किया गया था। इतना ही नहीं इस मंदिर में प्रकृति द्वारा निर्मित और भी कलाकृति मौजूद हैं। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर? 🎷 अगर आप रेलवे के रास्ते हैं यहां आना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे करीब टनकपुर रेलवे स्टेशन पड़ेगा। आप चाहें तो काठगोदाम रेलवे स्टेशन से भी यहां सकते हैं। अगर आप एयरवेज के रास्ते से यहां आना चाहते हैं तो पंतनगर एयरपोर्ट यहां से 226 किलोमीटर दूर है। N S Yadav... ©N S Yadav GoldMine #boat पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भ
Vedantika
कहते है जिसे नगर कृष्ण का, आज रहस्य बना है। द्वारका तो है इस धरा पर, द्वारकाधीश कहाँ हैं? मानव मन के विश्वास में हुई हैं उसकी प्राण प्रतिष्ठा, न कोई भय रहा उसको कृष्ण करें जिसकी रक्षा। जबसे मानव जीवन का आरंभ हुआ है तबसे ईश्वर के प्रति आस्था और अनास्था को लेकर बहस का अस्तित्व भी उत्पन्न हो गया। यह एक ऐसा विवाद है जहाँ कितने
जबसे मानव जीवन का आरंभ हुआ है तबसे ईश्वर के प्रति आस्था और अनास्था को लेकर बहस का अस्तित्व भी उत्पन्न हो गया। यह एक ऐसा विवाद है जहाँ कितने
read moreVibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है.... हम सिर्फ़ सार्वभौमिक सहिष्णुता पर ही विश्वास नहीं करते बल्कि, हम सभी धर्मों को सच के रूप में स्वीकार करते हैं...lभारत का भाग्य रहा कि श्री आदि शंकराचार्य तथा स्वामी विवेकानंद जी जैसे आध्यात्मिक मनीषियों ने हमारे देश की नैतिकता की नींव रखी।हमारी सांस्कृतिक चेतना और चरित्र को आकार दिया। स्वामी विवेकानंद जी के 'शिकागो उद्बोधन' की 128वीं वर्षगांठ पर सभी को बधाई...।शिकागो धर्म सम्मेलन के १२८ वर्ष पूर्ण होने पर महान कर्मयोगी स्वामी विवेकानंद जी को कोटि - कोटि नमन...l 🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏 'शिकागो उद्बोधन' में स्वामी जी ने आधुनिक विश्व को महान सनातन संस्कृति की उदारता, वैज्ञानिकता व सर्वसमावेशी भावना से परिचित कराया था। आइए, उनकी शिक्षाओं को आत्मसात कर मानव-कल्याण का मार्ग प्रशस्त करें। 🙏🇮🇳जय हिंद जय भारत🇮🇳🙏 🙏🇮🇳भारत माता की जय🇮🇳🙏 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है.... हम सिर्फ़ सार्व
Meri Diary Vs❤❤ मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है.... हम सिर्फ़ सार्व #yourquote #yqbaba #yqdidi #swamivivekananda #yqquotes #yourquotebaba #yourquotedidi #vs❤❤
read moreN S Yadav GoldMine
पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भुवनेश् #प्रेरक
read moreashutosh anjan
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर चिंतन लेख 👇 कैप्शन में पढ़े। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर चिंतन ▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️ यूनान, मिस्र, रोमां सब मिट गए जहां से अब तक मगर है बाकी नामोनिशां हमारा। कु
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर चिंतन ▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️▪️ यूनान, मिस्र, रोमां सब मिट गए जहां से अब तक मगर है बाकी नामोनिशां हमारा। कु #yourquotebaba #yourquotedidi #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #जश्न_ए_इश्क़ #आशुतोष_अंजान #सांस्कृतिक_राष्ट्रवाद
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