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Suneel Nohara
White ये खता एक बार और सही, ये इश्क एक बार और सही।,,, कर ले थोड़ी सी मोहब्बत करले, अपने दिल से फिर शिकायत करले। ये एतबार एक बार और सही,,, जीना फिर भी कतरों में पड़े तो, हो राहों में फिर भी कांटे बड़े तो। ये इकरार एक बार और सही,,, मिले हैं गम बड़ी शिद्दत से हमको, मिली फुर्सत नोहरा आज सनम को। ये मुलाकात एक बार और सही,, ये खता एक बार और सही,,,, ©Suneel Nohara ये खता एक बार और सही,, Mili Saha अदनासा- Anshu writer Sethi Ji एक अजनबी
Suneel Nohara
White ये खता एक बार और सही, ये इश्क एक बार और सही।,,, कर ले थोड़ी सी मोहब्बत करले, अपने दिल से फिर शिकायत करले। ये एतबार एक बार और सही,,, जीना फिर भी कतरों में पड़े तो, हो राहों में फिर भी कांटे बड़े तो। ये इकरार एक बार और सही,,, मिले हैं गम बड़ी शिद्दत से हमको, मिली फुर्सत नोहरा आज सनम को। ये मुलाकात एक बार और सही,, ये खता एक बार और सही,,,, ©Suneel Nohara ये खता एक बार और सही,, Ashutosh Mishra अदनासा- Anshu writer Sethi Ji एक अजनबी
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Black Gazal:- माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में । दूर हो जाएँ बलाएँ ईद में ।। प्यार के जिसको तरसता मैं रहा । क्या हमें वो हैं बुलाएँ ईद में ।। रात दिन अब देखता हूँ रास्ता । प्यार भी अपना जताएँ ईद में ।। मिल गया दिल को सकूँ मेरे यहाँ । देख जब वो मुस्कराएँ ईद में ।। सिर झुकाकर देख लूँ इस बार मैं । माफ़ शायद हों खताएँ ईद में ।। अब नही लब पर गिला मेरे सुनो । लौट आई हैं फ़िजाएँ ईद में ।। एक उनके दीद की खातिर प्रखर । मैं खड़ा हूँ सिर झुकाएँ ईद में ।। ११/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR #eidmubarak Gazal:- माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में । दूर हो जाएँ बलाएँ ईद में ।। प्यार के जिसको तरसता मैं रहा । क्या हमें वो हैं बुलाएँ ईद मे
Razzj D
White बस तुम साथ चलो, मैं दूर तक चल लूंगा , कभी हौंसला टूटे तो समझना, कभी मेरी खता से दिल टूटे तो, यु ही छोङ मत जाना , बस तुम उम्र भर मेरे साथ चलना... ©Razzj D #Couple बस तुम साथ चलो, मैं दूर तक चल लूंगा , कभी हौंसला टूटे तो समझना, कभी मेरी खता से दिल टूटे तो, यु ही छोङ मत जाना , बस तुम उम्र भर मेरे
Shivkumar
अगर मेरी कोई खता हो तो , तुम वो साबित कर अगर मै बुरा हूं तो मुझे बुरा ही ,तुम वो साबित कर ये दुनिया से मैने तुम्हें इतना चाहा है ,कि तू क्या जाने ?... " चल " मैं बेवफा ही सही मगर तू अपनी वो वफ़ा को ही साबित कर । ©Shivkumar #againstthetide #against #nojotohindi #Nojoto अगर मेरी कोई #खता हो तो , तुम वो #साबित कर । अगर मै #बुरा हूं तो मुझे बुरा ही ,तुम वो स
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- बात दिल की बता दूँ अगर तुम कहो । माँग तेरी सजा दूँ अगर तुम कहो ।।१ चाँद जो छुप रहा जुल्फ़ की आड़ में । चाँद फिर से बुला दूँ अगर तुम कहो ।।२ किस तरह आज बहका रहे लोग है । आज पर्दा उठा दूँ अगर तुम कहो ।।३ चाल जो चल गये दोस्त तेरे यहाँ । राज़ उनके बता दूँ अगर तुम कहो ।।४ जो तुम्हारा यहाँ है सुनो बेटियों । शख़्श से उस मिला दूँ अगर तुम कहो ।।५ इक पिता ही तुम्हारा भला सोचता । ये गुरु से लिखा दूँ अगर तुम कहो ।।६ भूल आगे नहीं अब करोगे कभी । शर्त पे इस छुपा दूँ अगर तुम कहो ।।७ माफ कितनी खताएं अभी तक किया । एक हो तो गिना दूँ अगर तुम कहो ।। ८ जो किया है खता आज तुमने प्रखर । बात वो भी दबा दूँ अगर तुम कहो ।।९ ०३/०३/ २०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बात दिल की बता दूँ अगर तुम कहो । माँग तेरी सजा दूँ अगर तुम कहो ।।१ चाँद जो छुप रहा जुल्फ़ की आड़ में । चाँद फिर से बुला दूँ अगर तुम कह
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल आज बीमार दिल की दवा ही नहीं । क्या लबों पे किसी के दुआ ही नहीं ।। एक अफसोस है तुम कहो तो कहूँ । ज़िन्दगी बिन तुम्हारे जिया ही नहीं बन गये आज वहसी इंसान सब । क्या कहूँ आज उनमें खुदा ही नहीं ।। खत लिखे प्रेम के लाख जिसके लिए । बाद उसमें सुना फिर वफ़ा ही नहीं ।। बात मेरी सदा याद रखना यहाँ । एक रघुनाथ जिसमें खता ही नहीं ।। आ गये चाय पर आज घर वो मेरे । बात दिल की कहें तो बुरा ही नहीं ।। तोड़कर आज दिल वो गये मयकदे । कह रहे ज़ाम हमने छुआ ही नहीं ।। ढूंढ लेंगे सितारे हमें एक दिन । वक्त होता सदा बेवफ़ा ही नहीं ।। आज कैसे करे प्रेम दूजा प्रखर । दिल किसी के लिए ये बचा ही नहीं ।। २४/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल आज बीमार दिल की दवा ही नहीं । क्या लबों पे किसी के दुआ ही नहीं ।।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- उस हँसी दिलरुबा से डरते हैं । खूबसूरत अदा से डरते हैं ।। प्यार आसान अब कहाँ करना । हुस्न की हर बला से डरते हैं ।। वो करेगा गुनाह फिर कैसे । जो अभी तक दफ़ा से डरते हैं ।। दिल की दुनिया हमें नहीं भाती । हर घड़ी अब सजा से डरते हैं ।। भूलकर भी ज़फ़ा नही करते । यार की बददुआ से डरते हैं । बन न जाऊँ गुलाम फिर उनका । आज अपनी वफ़ा से डरते हैं ।। मान लेते हैं बात सब उनकी । क्या करूँ बेलना से डरते हैं ।। आप तो फरिश्ते जमीं के थे । आप नाहक खुदा से डरते हैं ।। प्यार की तुम प्रखर कदर देखो । भूल में भी हुई खता से डरते हैं ।। २७/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- उस हँसी दिलरुबा से डरते हैं । खूबसूरत अदा से डरते हैं ।।
Rameshkumar Mehra Mehra
दुनियां को हकीकत...... मेरी पता कुछ भी नही......! इल्ज़ाम हजारो है...... मुझपर और खता कुछ भी नही...!! मेरे दिल में कया है, ये पढ़ ना सकोगे..!!! सारे पन्ने भरे है, पर लिखा कुछ भी नही.......... ©Rameshkumar Mehra Mehra # दुनियां की हकीकत, मेरी कुछ पता भी नही, इल्ज़ाम हजारो है, मुझपर और खता कुछ भी नही, मेरे दिल मे कया है, ये पढ ना सकोगे, पन्ने भरे है, और लिख
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
न तेरा पता है, न मेरा पता है, न जाने किसकी खता है, हर वक्त जो पूछता था मेरे हाल, वो एक शख्स सदियों से लापता है। #कलमसत्यकी ✍️©️ ©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी #hillroad न तेरा पता है, न मेरा पता है, न जाने किसकी खता है, हर वक्त जो पूछता था मेरे हाल, वो एक शख्स सदियों से लापता है। #कलमसत्यकी ✍️©