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Prerna Singh
कुंठित इंसान कि फितरत के भी क्या कहने , फायदा उठाने के लिए जोंक बन खून चुस लेते हैं करीब रहने के लिए एक से रिश्ता पवित्र दुसरे से दुरी बनाने के लिए रिश्ता अपवित्र कह देते हैं ... कर देते हैं जीवन तहसनहस और एहसान भी जताते हैं। सामिल होते हैं इन सब सफेदपोश फायदा बेहिसाब उठाते हैं कर देना बच्चे को माँ के गोद से दुर कह कर अब स्तनपान की उसे जरूरत नही और गैर को हितैषी बता कर सौंप देना हक समझकर जैसे वो कोई वस्तु हो वस्तु बता कर जिंदगी को दोजख बनवाने वाले ही चारो तरफ बन कर बैठे है मसीहा बन कर... ©Prerna Singh कुंठित इंसान कि फितरत के भी क्या कहने , फायदा उठाने के लिए जोंक बन खून चुस लेते हैं करीब रहने के लिए एक से रिश्ता पवित्र दुसरे से दुरी
Shree
चांद अमावस हो रहा 🌚🌝 रुक-रुक चुप-चुप गगन अगन सा हर ओर छलक रहा, चांद की सफेदपोशी.. नज़र का टीका अमावस लगा रहा! मिश्री सी मीठी-मीठी बातें आज महबूब मेरा परोस रह
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आजकल तो खतरनाक हो गई है खादी, भेड़ की खाल में छुपे बैठे है अवसरवादी। चेहरों पर चेहरा बच कर चलो दोस्त कौन बने अगला मोहरा। #अवसरवादी #नक़ाब #सफेदपोश #झूठ #फ़रेब #yourquotedidi
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नजर उठा के देखूँ जो मैं हर बार, नजर आये चार सू बढ़ता अत्याचार, व्यथित विचलित मन भी विमोद है, अश्लीलता ही मानो ज़रिया प्रमोद है। 🙏सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े🙏 विषय:-बढ़ता अत्याचार 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 नजर उठा के देखूँ जो मैं हर बार, नजर आये चार सू बढ़ता अत्याचार, व्यथित विचलित मन भी विमोद है, अश्लीलता ही
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##कयामत के दिन## आँखे पथरा गई देख यह मंजर पल पल मानो सांसे रहे है गिन, अब वक़्त भी यहीं जायजा लेगा, यही होंगे कयामत के दिन, जिसने जैसा किया कर्म,वैसा मिलेगा न आड़े आएगा कोई धर्म, अब तक जो जी रहे थे अपनी सफेदपोशों में टूटेंगे उसके भ्रम, इतना खिलवाड़ कर कुदरत के साथ ख़ुद को बेगुनाह बताते हो, खाली हाथ आये अब हर किसी पर अपना अधिकार जताते हो, मात्र विचार करने से समूल सृष्टि का नक्शा नही बदलने वाला है, आगे बढ़ कर कुछ करने से ही कर्मो का फल तुझे मिलने वाला है, औदार्य सदाचार समृद्धता ही तो एक सम्पन्न समाज की निशानी है, कर शिष्टाचार , सदवृति , सद्कर्म जीवन तो मात्र ज़नाब फ़ानी है, कण कण से ले शौर्य,सौष्ठव त्याग,रीत जग की सबको निभानी है, पराकाष्ठा नियती की सर्वोच्च हो,मृदुभाषी व्यक्तित्व की गुरुवाणी है। मिलेगा फल किये का भविष्य में,टूटना नही दुनिया तो आनी जानी है, न हार मान बुलन्द कर हौसला,उठ निशा क्यो बनती तू अनजानी है।। ##कयामत के दिन## आँखे पथरा गई देख यह मंजर पल पल मानो सांसे रहे है गिन, अब वक़्त भी यहीं जायजा लेगा, यही होंगे कयामत के दिन, जिसने जैसा कि
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एक दिन डूबा ले जाएगी "कमली" गर्दिश–ए–सियाह को.. आप कुछ गद्दारों से जश्न उड़ाते रहिए।। –@कमली सफेदपोश 😞 #सियासत_है_साहब #सब_सियासत_है #yqbaba #yqdidi #yqthoughts #एक_गुलज़ार #राजनीति
Anita Saini
(Read In Caption) जाति त्रेता युग में, सीता की हुई अग्नि परीक्षा..! घोर कलयुग, अब हनुमान की भी शुरू हुई परीक्षा ..! किस धर्म कौन जात, इस पे मचा रखा बवाल.
Rishu
वक़्त की कमी है,ताकत नही, पहुंच नहीं, मजबूरियां बहुत है वरना उसूल बनता है काम छोड़ कर, थोड़ा धूल फांका जाए यह जितने सफेदपोश मुखबिर है,मुखबिरी सिखाऊं इनको, फ़ोन टैप करके,तसल्ली से जिंदगी का कोना कोना झांका जाए इकट्ठी की जाए जानकारी, कमी कमज़ोरियाँ सारी चुन चुन कर, चोक चौराहों पर जलील कर, इनका भी चरित्र आंका जाए, दूसरों की ज़िंदगी को तमाशा बनाने वालों से भी हिसाब लिया जाए, इन 'सर्टिफिकेट' बांटने वालो का 'कुंडली' छापकर चोंक में टांगा जाए #yqbhaijan #yqdidi #सफेदपोश #जासूसी
Divyanshu Pathak
‘या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्ये, नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमो नम: ॥’ हे दुर्गे! हे प्रकृते! तेरे तीनों गुण- सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण क्रमश: सुख, दु:ख और मोह स्वभाव वाले हैं ! प्रकाशक, प्रवर्तक एवं नियामक भी हैं। सत्वगुण का कार्य प्रकाश (प्रकट) करना, रजोगुण का कार्य प्रवर्तन करना तथा तमोगुण नियमन कर्ता है। तेरी शक्ति से ही शिव भिन्न-भिन्न रूप में विश्व बनता है। तेरे से बाहर विश्व में चेतन-अचेतन कुछ नहीं है। ( कैप्शन देख ही लें) क्रमशः-----01 (#या देवी सर्व भूतेषु ) हे दूर्गे ! हे शक्ति ! आजादी के समय देश ने कुछ सपने देखे थे। राष्ट्र का संचालन हमारे चिन्तन और संस्कृति के अनुकूल होगा। इसी के अनुरूप ज्ञान
Vidhi
अच्छे बनो मत अच्छे दिखो बस देखो शायद फिर तुम्हारे भी दिन बहुर जाएं.. #cinemagraph #अच्छेदिन #दिखावा #सफेदपोशी #सभ्यता_का_रहस्य #पूंजीवाद #सामंती_जीवन