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shivaji kushwaha
White इश्क न हो किसी से इश्क बड़ा तड़पता है दीवानों को पागल कर जाता है ये इश्क बड़ा बेदर्दी है ©shivaji kushwaha #Moon Ritu Tyagi kavita pramar Anshu writer rasmi Nîkîtã Guptā
साहित्य संजीवनी
Men walking on dark street हुक़ूमत ऐसे या वैसे तुम्हारा क़त्ल कर देगी अगर ख़ामोश बैठे हो अगर बेहोश बैठे हो - दीप ©साहित्य संजीवनी #Emotional #Poetry #kavita #Hindi #hindi_poetry
kajal gurbani
@kajalgurbani ©kajal gurbani #Hindi #Poetry #kavita by @kajalgurbani
Varun Raj Dhalotra
कभी दरख्तों जंगलों में, था आशियाना मेरा, अब टॉवर इमारतें हैं, नया पता मेरा, लगता है जल्द ही खत्म़, हो जायेगा नामों-निशां मेरा..!! ©Varun Raj Dhalotra #oddone #Nojoto #Hindi #kavita
Madhu Arora
सारे पियक्कड़ घूम रहे, खंभों को वह चूम रहे। झूम झूम कर राग अलापे, राधा कृष्ण सा खुद को मापे। भंग का नशा सिर चढ़कर बोला, मदमस्त सा फिर वह डोला। सब पकड़ कर नाचे तंबू, छोटा मोटा हो या लंबू। मदिरा पीकर वह तो झूमे, गिरते पड़ते सबको चूमे। कर दे कुछ भी फिर यह बोले, बुरा ना मानो होली है। रंग से कोई बचने ना पाए, जीजा हो या साली सलज। मिले मिलकर सबरंग लगाएं, होली में हुड़दंग मचाए।। ©Madhu Arora #Holi #Hindi #thought ##jindagi #Kavita
Dr Nutan Sharma Naval
मुक्तक खिल गए पुष्प फिर से बसंत में। सौंधी सी महक फिर से बसंत में। कूके कोकिल भी गुनगुनाती हुई। सब रहे हैं बहक फिर से बसंत में। ©Dr Nutan Sharma Naval #muktak#basant #nutannaval
Saumitra Tiwari
पलाश के वनों का फूलों से खिल जाना आम के बागों का बौर से लद जाना सरसों का पीलापन और बालियों का मुस्काना इसका मतलब है फिर बसंत का आ जाना ----सौमित्र तिवारी ©Saumitra Tiwari #agni #Nature #Basant
साहित्य संजीवनी
मुलज़िम है मेरा, ख़ुश वो अभी तो नहीं होगा, हो जाए रिहा, फिर भी बरी तो नहीं होगा. वो शख़्स बड़ा है तो ग़लत हो नहीं सकता, दुनिया को भरोसा ये अभी तो नहीं होगा. Aalok Shrivastav ©साहित्य संजीवनी #fisherman #Poetry #kavita #Hindi #urdu
Dr Nutan Sharma Naval
मुक्तक खिल गए पुष्प फिर से बसंत में। सौंधी सी महक फिर से बसंत में। कूके कोकिल भी गुनगुनाती हुई। सब रहे हैं बहक फिर से बसंत में। ©Dr Nutan Sharma Naval #मुक्तक_श्रृंखला#basant#nutannaval