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Anubhav Pandey
टूटी चप्पल पहन कर फटी धोती डाल कर वो जो इंसान दिख रहा मजबूर है हां वो अपने देश का मजदूर है। दो वक़्त की रोटी के लिए जो अपने घर से मीलों दूर है हां वो अपने देश का मजदूर है। दिन रात काम कर के जो थक के चूर है हां वो अपने देश का मजदूर है pandeyji #Morning #Mayday
गुजरते लम्हें।
हँस के हर बोझ ज़माने का उठा लेता हूँ मैं हूँ मज़दूर मुझे इतनी हिक़ारत से न देख!! #MayDay #Labourday #Mayday
Sivaramaprasad.vakkalagadda
పెత్తందారుల పెత్తనం సాగడానికి , ధనవంతుల పల్లకీలు మోయడానికి , భూస్వామ్య వ్యవస్థ నడవడానికి , ఆకలితో అలమటించే వాడికి పెట్టిన అందమైన పదం పేరు కార్మికుడు , శ్రామికుడు , కర్షకుడు , పదం ఏదైనా వ్యవస్థ ఏదైనా పూర్తి స్థాయిలో మార్పు తేగలిగితేనే సమాజం బాగుపడుతుంది . మరి ఇన్ని ఏళ్ళ నా స్వాతంత్ర్య భారత దేశంలో ఏ కార్మికుడు కోట్లకు పడగలెత్తలేదు . ఈ రోజుకు కోటి ఆశలతో జీవిత కాలం పాటు ఎదురు చూస్తున్నారు . mayday motivational quotations
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read moreParamjeet Manav NCR
वो मजदूर है इसलिए मजबूर है हकीकत ये है वो मजबूर है इसलिए मजदूर है :- परमजीत मानव #mayday #labourday #labour
గోటేటి గుళికలు
మేడే వచ్చింది, ఇంకా సగటు వ్యక్తి సంపాదనలో మార్పు లేదు, మేడే వచ్చింది ఇంకా బడుగు జీవుల బలం పెరగలేదు, మేడే వచ్చింది, కార్మికుడి శ్రమ ఫలితం పూర్తిగా దక్క లేదు, మేడే వచ్చింది కర్షకుడి కి గిట్టుబాటు ధర రాలేదు, మేడే వచ్చింది, వెళ్లిపోయింది, ఒక రోజు గడిచిపోయింది... ©గోటేటి గుళికలు #Red #Mayday #మేడే #solo_goteti
#Red #Mayday #మేడే #solo_goteti #కవిత్వం
read more@Anuj K Solanki
मजदूर ही करता है सृजन, तेल बन कर खुद को डालता है, शहर बनती ईंधन की टंकियों में जलाता है खुद को, इन मशीनों को शहर बनाने के लिए खींचता है दो पहियों की ठेली, अपनी छाती से सटाकर ढोता है सिर पर,बाबुओं की विलासिताओं को बनाता है पानी, अपने खून को खौलाकर हाँफता है, पर मुस्कुराता है ईश्वर भी क्या मजदूर बनाता है शहर बनकर इतराती फिरती हैं, मशीनें भूल जाती हैं उस तेल के वलिदान को विस्मृत कर देती हैं, उसके अद्भुत योगदान को टरका देती हैं पूँजीपति बन, उसे कुछ सिक्के देकर सिक्कों की कीमत, उसके पसीने से बहुत कम होती है फिर भी मजदूर की आँख, कहाँ नम होती है उसकी वेदना भी एकदम निरीह व शांत होती है उसकी मजदूरी की बात भी, एकान्त होती है देखा होगा कभी लाखों कमाते अफसरों को, छीनते निवाले मजदूरों के उस निवाले में भी कृष्ण बन झपटते हैं उसके दो मुट्ठी चावलों पर पर क्या बाद में बनते हैं वे द्वारिकाधीश?? ये यक्ष प्रश्न है देखना जिस दिन ये तेल निकलेगा, इन मशीनों से ये सारे शहर बदल जायेंगे, निर्जीव कबाड़ में और एक मई जब जब आयेगी राजनीति होगी मजदूरों की आड़ में । मौलिक रचना #कुमार अनुज सोलंकी 1 मई #मजदूरदिवस #मजदूर #मजदूरदिवस #लेवरडे #1May #MayDay
பா.சravana க்குமாா்
உழைக்கவே பிறந்தோம், உழைத்தே வளர்ந்தோம், யாரையும் சுரண்டாது வாழ்கிறோம், ஆம்,உழைப்பே எங்கள் திமிர், மற்றதெல்லாம் எங்களுக்கு மயிர்!. உழைப்பவர்களுக்கு மட்டும் மே தின வாழ்த்துகள்.... #mayday #yqkanmani #tamil #love #life #ba_sa_kkumar
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read moreRajiv R Srivastava
कभी दुर से भी न देखी है मजबूर कोई; शायद उनके बारे में ‘वो’ पढ़कर आये हैं। मज़दूर दिवस पर दो शब्द कहने रासि; मज़दूरों के ही कंधों ‘वो’ चढ़कर आये हैं॥ ✍🏻@raj_sri #yqbaba #yqdidi #yqquotes #mayday #labourday #rasi
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read moreபா.சravana க்குமாா்
சுதந்திரப் போராட்டம், வரலாறு, இலக்கியம், மொழி, கலாச்சாரம் என எது விடுபட்டாலும் உழைப்பை மட்டும் மறவாது சொல்லிக் கொடுங்கள், யாரும் தோற்காதிருக்க!... #mayday #yqkanmani #tamil #love #life #ba_sa_kkumar
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