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लेखक ओझा
White दिल को समझता और समझाता रहा हूं फिर भी फूलो से चोट खाता रहा हूं और तन्हाइयो के बिस्तर से मोहब्बत के सपने सजाता रहा हूं.... ©लेखक ओझा #sad_shayari दिल को समझता और समझाता रहा हूं
#sad_shayari दिल को समझता और समझाता रहा हूं
read moreKuldeep KumarAUE
White आज मैं वोट डालने जा रहा हूं अपने देश को जीतने जा रहा हूं ©Kuldeep KumarAUE #election2024 आज मैं वोट डालने जा रहा हूं अपने देश को जीतने जा रहा हूं #kuldeepkumaraue
#election2024 आज मैं वोट डालने जा रहा हूं अपने देश को जीतने जा रहा हूं #kuldeepkumaraue
read morePANKAJ KUMAR SINHA
White *मैं एक ग्रुप हूं* हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं मेरी भी एक आत्मा है एक चेतना है,एक रुप है । मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं, मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य । तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो, तुम जब सो जाती हो, तो भी मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए। तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं , तुम्हारे साथ उठती व सोती हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं। मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से, पर याद रख...... मैं तुमसे योग दर्शन सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।। जानते हो क्यूं???? क्यूंकि मैं मां हूं। तुम आगे बड़ो, ....... मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में। फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं। मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं। मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में *Happy Mother's Day* Pankaj Sinha Ahmedabad 🙏🙏🙏 ©PANKAJ KUMAR SINHA मै मां हूं
मै मां हूं #कविता
read moreneelu
White मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं ना किसी की जमीन ना किसी का आसमान हो सकती हूं ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं किसी का ख्वाब नहीं हो सकती हूं ना दिन हो सकती हूं ना रात हो सकती हूं ना सुबह हो सकती हूं ना शाम हो सकती हूं ना जन्म हो सकती हूं ना मरन हो सकती हूं ना भूत हो सकती हूं ना भविष्य हो सकती हूं ना कातिल हो सकती हूं ना सरफ़राज़ हो सकती हूं ना राह हो सकती हूं ना गुमराह हो सकती हूं ना प्यार हो सकती हूं ना नफरत हो सकती हूं ना मैं आशा हो सकती हूं ना मैं निराश1 हो सकती हूं मैं सिर्फ और सिर्फ एक परिपूर्ण आत्मा हो सकती हूं ©neelu #Lake #मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं ना किसी की जमीन ना किसी का आसमान हो सकती हूं ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं किसी का
Arman ali Arman ali
White तुम बस तुम 🌸🖤 किसी शांत वन सा मैं और बेबाक तुम जो शायरों को आता होगा वो ख्वाब तुम किसी पहेली जैसा मैं उसका जवाब तुम जो सारा जहाँ रौशन करे वो आफ़ताब तुम मेरी ज़िन्दगी के कांटों में सजी गुलाब तुम खुशबू ओ रंग जो भी हैं सबका शबाब तुम पागल सारी दुनिया लगती है बस मआब तुम मैं जीना जिससे सीख रहा वो किताब तुम लगती हो लाखों मोगरों का लब्बोलुआब तुम इन सारी हसीन गलतियों का हो सबाब तुम मेरी दास्ताँ-ए-जीस्त का हो रिकाब तुम मेरी उम्र भर की चाहत का हो हिसाब तुम AN ✍ ©Arman ali Arman ali #Couple मैं शायर हूं अल्फाजों को ढूंढना मुझे आता है 🖤🖤✍️
purnima
आपके दीदार के लिए दिल तरसता हैं। आपके इंतज़ार में दिल तड़पता हैं। क्या कहें इस पागल दिल को जो, हमारा होकर भी आपके लिए धड़कता हैं। ©purnima आपके दीदार के लिए दिल तरसता हैं। आपके इंतज़ार में दिल तड़पता हैं। क्या कहें इस पागल दिल को जो, हमारा होकर भी आपके लिए धड़कता हैं।
आपके दीदार के लिए दिल तरसता हैं। आपके इंतज़ार में दिल तड़पता हैं। क्या कहें इस पागल दिल को जो, हमारा होकर भी आपके लिए धड़कता हैं। #Shayari
read moreAbhishek Sanatani
रात से पूछता हूँ कैसे सहती हो यह एकांत अपनी छाती पर अकेले रात हँसती है मेरी देह पर एक शब्द लिखकर : 'सुबह' ©Abhishek Sanatani #SunSet पुंछता हूं
#SunSet पुंछता हूं
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