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yogesh atmaram ambawale
#श्री# कुठल्याही कार्यरंभी त्याचीच पूजा केली जाते, सुरुवात करण्यास नेहमी "श्री गणेश कृपा" च असते. येता सण श्री गणेश चतुर्थीचा, आनंद गगनात मावेना भक्तगणांचा. बाप्पांच्या आगमनास भक्त हरपुन होतो, स्वागतास बाप्पांच्या टाळ मृदंग वाजवीत राहतो. प्रसाद म्हणून गुळ खोबरे वाटतो, तर नैवेद्य म्हणून बाप्पांच्या आवडीचे लाडू मोदक ठेवीतो. पाहता भक्ताचे प्रेम बाप्पा ही सुखावतो, सर्व भक्तांचे दुःख हरून सुखाचा अमाप वर्षाव करतो. #श्री #bestyqmarathiquates #yourquateandmine #yqtaai #yqmarathi #गणपती_बाप्पा_मोरया #collab कुठल्याही कार्यरंभी त्याचीच पूजा केली जाते, सुरु
Tarun Rastogi kalamkar
दिल में उठने लगी उमंग। जैसे सागर में उठे तरंग।। जबसे देखा उसका चेहरा। मन में बजने लगे मृदंग।। ©Tarun Rastogi kalamkar #तंरग #उमंग #मृदंग #MusicLove
Mo. Asiph
खा के गुजिया पीके भंग लगा के थोड़ा थोड़ा सा रंग बजा के ढोलक और मृदंग खेले होली हम तेरे संग खा के गुजिया पीके भंग लगा के थोड़ा थोड़ा सा रंग बजा के ढोलक और मृदंग खेले होली हम तेरे संग Sonam sigh Smit Pandya Rohit Rathee @Neeraj $ Pawan
Ganesh joshi
. खा के गुजिया, पी के भंग, लगा के थोडा थोडा सा रंग, बजा के ढोलक और मृदंग, खेलें होली हम तेरे संग। ©Ganesh joshi #Holi . खा के गुजिया, पी के भंग, लगा के थोडा थोडा सा रंग, बजा के ढोलक और मृदंग, खेलें होली हम तेरे संग। #holikadahan #Rang #holikhele #gane
yogesh atmaram ambawale
दर्शनाची तुझ्या मला लागली आस, टाळ,चीपळी,मृदंग सह घालितो मी साद. पंढरीच्या नाथा दर्शना तुझ्या नयन तरसले आज, निनादतो आसमंती,भक्तिभावाने तुझाच नाद. थकवा नाही जरा ही,आहे दूर जरी अंतर पंढरपुरी, तुझ्या दर्शनाच्या ओढीने,नव चैतन्य संचारते उरी. जाणतो तू आपल्या ह्या आबालवृद्ध भक्तांची हाक, तूच सांभाळून नेशील,जरी स्तब्ध उभा कटेवरी ठेवूनिया हात. भक्ती भाव लिखाण लवकर जमत नाही.. तरीही आज प्रयत्न केला.. #वारकरी #विठुराया #पंढरीचीवारी #पांडुरंगाचीहाक #yqtaai #मराठीलेखणी #विठ्ठलविठ्ठल द
Pnkj Dixit
सांझ ढले शंख निनाद बजते ढोल मृदंग जय सियाराम हर हर महादेव धर्म की जय का उद्घोष चहूं दिशा उल्लास उमंग 🚩🚩🚩🚩🚩🚩 २३/०६/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' सांझ ढले शंख निनाद बजते ढोल मृदंग जय सियाराम हर हर महादेव धर्म की जय का उद्घोष चहूं दिशा उल्लास उमंग 🚩🚩🚩🚩🚩🚩
parveen mati
कोयल जैसी वाणी तेरी मृगा-सी तू चलती है इतना पावन नाम है तेरा सूरज जैसी ढलती है जमना-सी है काया तेरी संगमरमर-सा है रुप आनंद-सी है छाया तेरी अंलकित करती है धूप ताज-सा एहसास है तेरा दुल्हन- सी तू सजती है नवरत्नों-सी पायल तेरी मृदंग जैसी बजती हैं ©parveen mati कोयल जैसी वाणी तेरी मृगा-सी तू चलती है इतना पावन नाम है तेरा सूरज जैसी ढलती है जमना-सी है काया तेरी संगमरमर-सा है रुप आनंद-सी है छाया ते
Nisheeth pandey
रंगकर्मी की व्यथा ................ मैं एक कलाकार हूँ.... हां मैं एक कलाकार हूँ .. विभिन्न अभिनय की रंगों से , मंच के कैनवास पर संवेदनाओ का तस्वीर उकेडता हूँ ... हर दृष्य के सूर्यास्त पर , प्रकाश अंधेरे में बदलता है , पर्दा गिरता है ..... पर मेरे कान मधुर तालियों का मृदंग सुनता है ... हां मैं एक कलाकार हूँ .... हर दृश्य को पडोसनें के बाद तालियों की गड़गड़ाहट जब मृदंग सा बजता है मेरे कानों में .... जो मेरी कमाई होती है ...... बदले में खुशी , गम और विभिन्न भाव को सृजन कर बेचता हूँ .... मृदंग सा बजता तालियों की गड़गड़ाहट से हृदय प्रफुल्लित , हर भौतिक सुख से उत्कृष्ट सा लगता है .... हां मैं एक कलाकार हूँ ..... जानता हूँ हमने कमाए नहीं कागज के टुकड़ों को औरों की तरह .... इसलिये घर का आवारा कहलाता हूँ ... रिस्तेदारों की नज़र में नालायक हूँ .... दोस्त समझते हैं निकम्मा ... हां मैं एक कलाकार हूँ .... मैं समझता नहीं झूट , फरेब , दुनिया की आपा-धापी , उलट फेर , रीति रिवाज ..... इसलिये पागल कहलाता हूँ ..... हाँ मैं एक कलाकार हूँ ..... पर्दा गिरता है क्रमशः.....✍ 🤔 #निशीथ 🤔 ©Nisheeth pandey रंगकर्मी की व्यथा ................ मैं एक कलाकार हूँ.... हां मैं एक कलाकार हूँ .. विभिन्न अभिनय की रंगों से , मंच के कैनवास पर संवेदनाओ
Kb Shayar 2.0