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 #युवान

DrPremlata Tripathi

लिटिल मास्टर युवान त्रिपाठी #ज़िन्दगी

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Khamar Sumit

जीवन से हताश नव युवान का आत्म संबोधन

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सुख- दुःख मानव जीवन के दो पहलू है, 
इससे आखिर अब तक क्यों अंजान हैं तू||

तूने क्यों स्वयं को माटी का दैला समझा,
 मुझे पता है कि एक विस्तृत आसमान है तू

अपने महत्व को भूल चुका है क्या तू?
मानव जीवन का एक सफल अभियान है तू

जो सूट कर धनुष से, कभी नष्ट नही होता
करता है दुःख संहार, वही राम बान है तू

जीवन से जो न निभा पाया, मृत्यु से क्या निभाएगा?
इस तथ्य को भी नही समझा , बड़ा नादान है तू

अभी जीवन का एक अंश भी तो तूने पूरा नहीं जिया,                            जीवन को रो कर नहीं हँस कर जी, आखिर इंसान है तू

- सुमित जीवन से हताश नव युवान का आत्म संबोधन

चसेड़ी

यहाँ पर जो "तुम्हारी" है उसका तात्पर्य "मैं" से ही है कृपया इधर-उधर भटक के ना जायें... 🤣😂 आजकल के भटके हुए युवा/युवान...😝😂😂🤣 #अलविदा_२०१९ # #s_prashant_writes🇮🇳 #शुक्रिया_2019

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नवाबों के शहर से वापस अपने...
 पसंदीदा शहर आने तक...
एक विश्वविद्यालय से...
अपने पसंदीदा विश्वविद्यालय आने तक...
मेरी आवाज़ पन्नों से लेकर...
माइक तक पहुँचने तक...
स्वयं से मिलने की कोशिश से...
 तुमसे मिलने तक...
नये रिश्ते की सालगिरह से...
 नये मेहमान के आने तक...
हर इक बीते वाकयों/लम्हों से...
कुछ नया सीखे जाने तक...
कल ,आज और कल की कश्मकश से...
आज में जिए जाने तक...
ये साल भी लाज़वाब रहा...
बिल्कुल तुम्हारी तरह...
कोशिश है आने वाला साल...
और भी लाज़वाब हो...
बिल्कुल तुम्हारी तरह...
अनन्त शुक्रिया इस साल के तारीखों...
                              - s_prashant_writes🇮🇳 यहाँ पर जो "तुम्हारी" है उसका तात्पर्य "मैं" से ही है कृपया इधर-उधर भटक के ना जायें... 🤣😂
आजकल के भटके हुए युवा/युवान...😝😂😂🤣
#अलविदा_२०१९  #

musical life ( srivastava )

हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 💐💐 एक खुबसूरत और प्यार भरा एहसास जिसे पूरा हुए पूरे दस साल हो गये। हर वक़्त मन मे बस एक ही डर क्या इस ज़िम #ज़िन्दगी

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Pnkj Dixit

🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷 लजाकर पलकें उठाकर झुका दीजिए 🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷 लपेटकर कलम - सी

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🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷

लजाकर 
पलकें उठाकर 
झुका दीजिए
            🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷
लपेटकर
कलम - सी
तर्जनी अंगुली पर
दुपट्टे का कोना 
माणिक दन्त पंक्तियों में
दबा लीजिए
              🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷
कुरेदकर
भूमि की नर्म देह को 
दाएँ पद के अँगूठे से
सुराहीदार गर्दन को
मौन स्वीकृती से 
व्योम से धरा की तरफ
हिला दीजिए 
               🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷
बलखा कर 
युवान सरिता की तरह
कोमल लतिका - सी लचका कर 
हिरनी - सी कमर  पर 
घन नागिन सी चोटी को 
लहरा दीजिए 
                  🌷मैं प्रेम समझूँगा🌷
हम
हृदय से 
जीवन भर 
आभार जताते रहेंगे
घर के आँगन की तुलसी बनकर 
हमारा जीवन  
महका दीजिए
              🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷
२३/०७/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷

लजाकर 
पलकें उठाकर 
झुका दीजिए
            🌷 मैं प्रेम समझूँगा 🌷
लपेटकर
कलम - सी

Deepak Kanoujia

अंजान ही हो तुम अब तो, ऐसा मैं अपने आप को बार बार कहती हूँ जब कभी सहसा तुम याद आ जाते हो जब मैं बिलकुल अकेले बैठी होती हूँ इस पार्क में जहाँ #lovequotes #memoriesoflove #selflesslove #selfishlove #modishtro #deepakkanoujia #dillemaoflove #pradhunik

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"Human means opportunity for a kindness"
सुनो अजनबी !
दिखते रहना तुम
मेरी बूढ़ी होती आँखों को 
इन खेलते छोटे बच्चों की आँखों में
जब जब मुझे गुस्सा आये इन बच्चों के शोर मचाने पर...

"Human is the author of his own health & disease"
सुनो अपरिचित !
दुआ करो                                                       Part~5
मेरे कंपकपाते हाथ तुम्हें न लिख पाएं          {Bonus Episode}
इस जर्जर होते शरीर में                                
कहीं कोई बीमारी बन मेरा बुढ़ापा न ख़राब कर देना तुम... अंजान ही हो तुम अब तो, ऐसा मैं अपने आप को बार बार कहती हूँ जब कभी सहसा तुम याद आ जाते हो जब मैं बिलकुल अकेले बैठी होती हूँ इस पार्क में जहाँ

Nitesh Prajapati

रचना क्रमांक :-7 9/04/2022 "परेशानियाँ" (लघुकथा) जिंदगी का दूसरा नाम ही परेशानियाँ है, कोई भी आदमी यहांँ सर्वगुण संपन्न नहीं होता,चा #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #KKR2022 #KKRपरेशानियाँ #kkrnitesh

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"परेशानियाँ" (लघुकथा)

अनुशीर्षक मे पढ़े। 
 रचना क्रमांक :-7       9/04/2022

"परेशानियाँ" (लघुकथा)

जिंदगी का दूसरा नाम ही परेशानियाँ है, कोई भी आदमी यहांँ सर्वगुण संपन्न नहीं होता,चा
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