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ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)
Divya Joshi
Sudha Tripathi
जन्मदिवस पर आपको, तिलक लगाऊँ भाल। रामजी करुँ अर्ज मैं,प्रार्थना की बने ढाल।। ध्रुव सा यश हो आपका, मिले सुखी संसार। रहे राम जी की कृपा,सुख समृद्धि हो द्वार।। भावपूर्ण है छंद ये, दोहा है उपहार। देने आई हूँ भेंट, शब्द भाव गुलजार।। शुभकामना सदा यहीं, बनो उदित आदित्य । बढे़ कीर्ति-यश रात-दिन, सहज रचे साहित्य।। मिले बधाई आपको,जन्म दिवोत्सव आज । सहज विधाता आपके,सभी सँवारे काज।। जन्मदिवस की आत्मीय अनंत अशेष शुभकामनाएँ राकेश कुमार सोनी(भैया जी) ©Sudha Tripathi #happybirthday#SunSet जन्मदिवस पर आपको, तिलक लगाऊँ भाल। रामजी करुँ अर्ज मैं,प्रार्थना की बने ढाल।। ध्रुव सा यश हो आपका, मिले सुखी संसार। र
Simpy Aggarwal
"नवदुर्गा नारी" सुन मेरी देवी ऊँचे पर्वत वासिनी, ज्योतिर्मय मुखमयी,मंद-मंद सुहासिनी, अद्भुत छवि अलौकिक रूप, नारी के सम्पूर्ण जीवन चक्र को, दर्शाती तेरे अवतारों की धूप! जन्म ले कन्या का माता, शैलपुत्री रूप धर पृथ्वी पर आई, प्रथम दिवस शैलपुत्री मैया, कन्या रूप में देवी कहलायी! कौमार्य अवस्था नारी की, ब्रह्मचारिणी का रूप कहलायी, ब्रह्म आचरण का माँ तेरा द्वितीय रूप, आत्म-परीक्षा देती नारी बनी तेरा ही स्वरुप! विवाह पूर्व स्त्री की पवित्रता, चन्द्रमा समान निर्मल शीतलता, माँ का तृतीय रूप चंद्रघंटा, दर्शाये नारी जीवन की सतर्कता! करने को नए जीव को उत्पन्न, प्रत्येक स्त्री करती गर्भ धारण, दर्शाने को रचनात्मक अवस्था नारी की, चतुर्थ दिवस में माँ कूष्मांडा का होता अवतरण! नवीन स्कन्द को देकर जीवन, नारी में पुनः देवी दर्शायी, मोक्षदायिनी कुसुमधारी माता, पंचम दिवस स्कंदमाता रूप में आई! संयम साधना और प्रेम का संगम, नारी संजोती अनेकों बंधन, कात्यायनी है षष्ठ रूप माता का, दर्शाये देवी रुपी नारी का जीवन! आत्म सम्मान पर जब लगती चोट, भयावह रूप में करती विस्फोट, गतिशीलता संग विद्युत रुपी नारी, है कालरात्रि माता के सप्तम रूप की जोत! बुद्धिमता से परिवार का संचालन, परिवार ही जिसका संसार व जीवन, अन्नपूर्णा नारी के इस भाव का वर्णन, है अष्टम दिवस में महागौरी का आगमन! पूर्णता और विवेक की जोत जलाये, सुख-सिद्धि के आशीष का प्रकाश फैलाये, संतान को देने ज्ञान का सागर, नवम दिवस सिद्धिदात्री माँ के रूप में आये! दुर्गा माँ के नौ अवतार, सम्पूर्ण सृष्टि का करते उद्धार, प्रत्येक नारी के आचार-विचार, नवदुर्गा के रूपों का ही है आकार!! ©Simpy Aggarwal "नवदुर्गा नारी" सुन मेरी देवी ऊँचे पर्वत वासिनी, ज्योतिर्मय मुखमयी,मंद-मंद सुहासिनी, अद्भुत छवि अलौकिक रूप, नारी के सम्पूर्ण जीवन चक्र को,
Ayush Shukla
'सड़क और मुसाफ़िर' जीवन के उस पराए शहर में न जाने कितने बिखरे गलियों में दर-ब-दर भटका हूँ। जब गली की सड़कें अनंत यात्रा का महामार्ग होने को एक चौराहा में) आतुरता से मिलती हैं ।। असीम अभीप्सा लिए मैं भी उन गलियों से गुजरते हुए सड़क के सीने पर दौड़ लगाते-लगाते जब कई चौराहे से टकराता हूँ। हर चौराहे पर कई सड़क बाहें फैलाए एक नए सफ़र के साथ खड़ी होती हैं, तब ये समझना बड़ा जटिल हो जाता है कि किस रास्ते का आलिंगन करूँ। इस कठिन निर्णय के मैदान में चेतना और अंतरात्मा की आवाज़ के बीच एक घमासान गृहयुद्ध छिड़ जाता है। तब ये मालूम पड़ता है कि ये आंतरिक युद्ध उतना ही स्वाभाविक है जितना संसार का सूर्य और चंद्रमा के समक्ष नियमित रूप से गतिशील होना । कभी-कभी संशय के बादल कुछ पलों के लिए इनकी रोशनी को अवरुद्ध कर देते हैं परंतु सदैव के लिए नहीं! ये सिविल वॉर हमें सही निष्कर्ष तक जाने में मदद तो करते ही हैं साथ ही चंद्रगुप्त और नेपोलियन जैसा एक उत्कृष्ट नेतृत्वकर्ता व योद्धा बनने में भी बड़े सहायक होते हैं ।। अंततः चेतना और अंतरात्मा की इस सम्मलित पुकार को सुनने के पश्चात मध्य-मार्ग अपनाते हुए जब दोनों में सामंजस्य स्थापित कर निष्कर्ष के । किनारे आता हूँ, और एक रास्ता पकड़ अपने निर्धारित मंज़िल की ओर निकल जाता हूँ, तो इन सब उतार-चढ़ाव में एक बात स्पष्ट हो जाती है कि जीवन की इस अनिश्चित यात्रा में सड़क भी मुसाफिर का इंतज़ार करती हैं. सड़क भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाना चाहती हैं। आयुष शुक्ला "भईया जी" ©Ayush Shukla Safar 'सड़क और मुसाफ़िर' जीवन के उस पराए शहर में न जाने कितने बिखरे गलियों में दर-ब-दर भटका हूँ। जब गली की सड़कें अनंत यात्रा का महामार्ग ह
KP EDUCATION HD
KP EDUCATION HD कंवरपाल प्रजापति motivational quotes in Hindi KP MOTIVATION HD कंवरपाल प्रजापति ©KP EDUCATION HD यहां जानें 1 से 7 जनवरी 2024 का साप्ताहिक राशिफल एक क्लिक पर। हो चुकी है नए साल जनवरी 2024 की शुरुआत। जनवरी का पहला और नया हफ्ता क्या लेकर आ
arvind bhanwra
वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि जो सोचा करता था,क्या हो गया है हसरतें, मंसूबे जो थी,क्या हकीकत बन पाई है एक राह सुगम बनाई थी,क्या जटिल बनी है हस्ती को कांधा दिए चला था, क्या सहारा बन पाया है बहुत एहसास थे मन मे,एक एहसास ओर आया वक्त गतिशील रहा निरन्तर, मै सदैव क्यु गौण रहा । arvind bhanwra #Waqt निरन्तर गतिशील
Parasram Arora
उसमे और. मुझमे बस एक ही फर्क है ......मैं ठहरा हुआ आज हूँ वह गुजरा हुआ कल.....आने वाले कल की न मुझे कोई फ़िक्र है न उसे कोई खबर. है ..... ख्वाहिशे हजारो है .उसकी भी मेरी भी .....फ़िक्र क्यों करे जब हमारे पास समय अनंत है ...... ख्वाहिशे और गतिशील समय. की सार्थकता ...