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Amit Singhal "Aseemit"
आओ सब शपथ लें कि दुश्मन का अब न पड़ेगा साया, वर्ना अंजाम उनका वही होगा, जो अंग्रेज़ों ने था पाया। देशद्रोह, आतंकवाद से देश बचायें, जैसे हमने बचाया, सब देश का गौरव और बढ़ायें, जैसे अब तक बढ़ाया। ©Amit Singhal "Aseemit" #देश #का #गौरव
Ravinder Sharma
flower quotes in English, flower messages प्यासे को पानी दे पुण्य मिलेगा गुलाब पानी में नहीं कीचड़ में खिलेगा अँधेरा छटेगा सूरज उगेगा अंत मिलेगा तपस्या से भू-लोक ही नही आसमान भी हिलेगा ।।। Ravinder Sharma #कमल #आसमान #तपस्या #भूलोक
Sakthi
महिलाएं पुरुषों की तुलना में मानसिक रूप से अधिक साहसी होती हैं महिलाएं परीक्षाओं से नहीं डरतीं और उन्हें आत्मविश्वास के साथ संभालती हैं ©Sakthi #Behna महिलाओं का गौरव
Rahul Kumar
आलोकित मेरा पूरा तन मन ज्वर चढ़ा विजय का मेरे तन कर नाद सिंह सी अश्वो पर आरूढ़ हुए कर विजय तिलक प्रतिमा समक्ष ले आई मां प्रभु का वंदन करले तनिक फिर टनकारे भर जोर जोर से कर सिंचित माटी का अंग अंग जब चले तो दुश्मन घबराए प्राणदान की इच्छा सम्मुख लाए है तेजस्वी प्रतापी महान वीरों के वीर राणा समान हर हर का नारा गूंज उठे महादेव का नाम था हर कण कण जब तलवारे नंगी नाच रही हर ओर दिखे बस लाल रुधिर कर्तव्य परायणता से बंधे हुए हर सैनिक का गौरव गूजे इंद्र , गगन से खुश होकर सुमन और अक्षत फेके ©Rahul Kumar सैनिक का गौरव #fish
वेदों की दिशा
।। ओ३म् ।। यज्ञ इन्द्रमवर्धयद्यद्भूमिं व्यवर्तयत् । चक्राण ओपशं दिवि ॥ पद पाठ य꣣ज्ञः꣢ । इ꣡न्द्र꣢꣯म् । अ꣣वर्धयत् । य꣢त् । भू꣡मि꣢म् । व्य꣡व꣢꣯र्तयत् । वि꣣ । अ꣡व꣢꣯र्तयत् । च꣣क्राणः꣢ । ओपश꣢म् । ओ꣣प । श꣢म् । दि꣣वि꣢ ॥ (यज्ञः) परोपकार के लिए किये जानेवाले महान् कर्म ने (इन्द्रम्) परमात्मा को अर्थात् उसकी महिमा को (अवर्धयत्) बढ़ाया हुआ है। परमात्मा के यज्ञ कर्म का एक दृष्टान्त यह है (यत्) कि (दिवि) द्युलोक में (ओपशम्) सूर्यरूप मुकुट को (चक्राणः) रचनेवाला वह परमात्मा (भूमिम्) भूमि को (व्यवर्तयत्) सूर्य के चारों ओर घुमा रहा है ॥ (Yajna:) The great deeds performed for benevolence have increased (Indram) the divine, that is, his glory (Avardhyat). A parable of the Yajna Karma of the divine is (Yat) that (Divya) in the dulok (opsham) is the creation of the sun (crown) in the sun (Chakraanah). ( सामवेद मंत्र १२१ ) #सामवेद #वेद #सूर्य #चक्र #भूलोक
Ek villain
वर्ष प्रतिपदा उत्साह कल यानी शनिवार से आरंभ हो चुका है जो वैशाखी संस्कृत तक देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाएगा वर्ष प्रतिभा दुनिया की सर्वाधिक पुरातन संस्कृति के जीवन उत्साह यदि हिंदू धर्म और भारती की विशेष पर्दा पहचान है उल्लेख है कि वसंत का आगमन ज्ञान की देवी सरस्वती की उपासना से होता है बसंत का विस्तार फागुन से पूर्णता एवं संस्कृति आकाश से होता है भारतीय उपमहाद्वीप के हर हिस्से में यह उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता है वहीं भारत के प्रभाव वाले संपूर्ण दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है कंबोडिया और थाईलैंड में धार्मिक अनुष्ठान से जुड़ी परंपराओं में वर्षा के अभाव में थोड़ा आगे पीछे होता है पाकिस्तान में सिंधी में यह चींटी जिंदा नाम से तो पंजाब में वैशाखी नाम से मनाया जाता है बांग्लादेश के लिए पूरा गोसाईं काटोगान के लिए नूर भेजो कि वही मेहता जो हमारे लिए वर्ष प्रति वर्ष का प्रतिबंध 1 दिन जय दुर्गा उपासना की पूर्णा का है वही है भगवान श्रीराम का जन्म उत्सव भी है ©Ek villain #निजी गौरव का उत्सव #ramadan
Rajni Vijay singla
हमें अपनी मां पर बहुत गर्व है मां भारती को हमारी मां पर वह मां भारती की सेवादार है जय हिंद जय मांj ©Rajni Vijay singla मां#भारती का #गौरव मेरी मां
ankit saraswat
मैं रहुँ ना रहुँ ये चमन महकना चाहिये, उगते सूरज का देश है मेरा यहाँ हमेशा सवेरा रहना चाहिए। जिंदगानी आयेंगी जायेंगी मगर भारत रहना चाहिए लाखों जन्म कुर्बान तुझपे हे मातृभूमि, और हर जन्म में मुझे भारत ही चाहिये, देखें हैं दुनिया ने देश बहुत, मगर माँ होने का गौरव सिर्फ तेरा है, और ये गौरव यूँ ही बना रहना चाहिए, मैं रहुँ ना रहुँ ये चमन महकना चाहिये।। #अंकित सारस्वत# #माँ भारती का गौरव बना चाहिए
Ek villain
काशी में विश्वनाथ धाम परियोजना के भाव में लोकार्पण में यदि कुछ इंगित किया है तो यही है कि हमारे धार्मिक संस्कृति की स्थलों में देश के आस्था के साथ उनका गौरव भी बसता है और उसे सहज सवारने की आवश्यकता आवश्यकता की पूर्ति इसलिए होनी चाहिए क्योंकि बनारस जैसे सांस्कृतिक केंद्र हमारे समृद्ध अतिथि के साक्षी हैं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की इस महत्वकांक्षी परियोजना का महत्व इसलिए और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि एक समय इसे असंभव सा माना जा रहा था यदि यह परियोजना भव्य दिव्य स्वरुप में साकार हो सके तो प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति और दर्द दुर्दशा के चलते इस परियोजना को आगे बढ़ाना एक जटिल कार्य था लेकिन यह देखना जाना सुखद है कि इससे पूरा करने में हर बाधा को सफलतापूर्वक पार किया गया और इस क्रम में कहीं कोई हां संतोष भी नहीं पनपने दिया गया स्पष्ट यही है कि इस परियोजना के किरिया वाहनों को एक आदर्श मानकर देश के अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों का होना चाहिए धार्मिक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व ही सभी शहरों को अन्य प्राचीन वैभव के साथ विकसित करने की आवश्यकता है इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि हमारे अधिकांश धार्मिक स्थल भीड़ भाड़ अवस्था और नागरिक सुविधाओं के अभाव से ग्रस्त हैं इसके चलते न केवल पर्यटकों को तमाम समस्या से दो-चार होना पड़ता है बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देने में भी कठिनाई आती है हम इसकी भी अनदेखी नहीं कर सकते धार्मिक स्थलों में समय के साथ अनेक गुरुर किया भी पैदा हो गई और कुछ ना कुछ तो सनातन संस्कृति की दिव्यता को मलिन करने का काम किया गया है ©Ek villain # काशी में गौरव का अवसर #NojotoRamleela