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Arghyakamal Das
आज सड़क के किनारे एक कुत्ते के बच्चे को देखा; हादसे में मौत हो गई। वह अपने भाइयों और बहनों से घिरा हुआ है। वे शरीर को घसीट रहे हैं और फाड़ कर खा रहे हैं। उनकी कंकलसार माँ थोड़ी दूर खड़ी सब कुछ चुपचाप देख रही है। क्या करेंगी ये असहाय माँ? वे प्रथम श्रेणी के पालतू कुत्ते नहीं हैं जिनके पास 'पेडिग्री', 'ड्रोल' या 'प्योरपेट' हैं। वे दूसरी श्रेणी के पालतू कुत्ते नहीं हैं, जिन्हें 'लेरो', 'ब्रेड' या 'मालिक के बचे हुए' पर खिलाया जाता है। ये गली के कुत्ते हैं। एक मर चुका है, बाकी को जीना होगा; मांस चाहे किसी अपने का ही क्यों न हो। दृश्य करुण और क्रूर लग रहा है? अपने आसपास देखिये, इंसान भी ऐसा हि एक प्राणी है। एक वर्ग के हाथ में अशेष पूंजी; कैसे खर्च करेंगे समझ में नहीं आता।दूसरा वर्ग दिन का रोज़गार करता है, उसी से एक दिन का खाना खाता है। और बाकी? ये आवारा कुत्तों की तरह अस्तित्व के लिए लड़ते हैं। ये सिर्फ आज का दृश्य नही है। पीछे मुड़कर देखने पर यह छवि ही मिलति है। समय बदला है, वैश्वीकरण हुआ है; तस्वीर नहीं बदली है। ©Arghyakamal Das वैश्वीकरण #globalization #Civilization #Change #History #poor #Life #Society
वैश्वीकरण #globalization #Civilization #Change #History #poor Life #Society
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वैश्वीकरण अब जी का जंजाल बन गया जगत सारा इससे कराहता है हर बस्तु कीमत के साये में है जो सन्तुलन जीवन का खा जाता है होड़ लगी है कमाने की स्वास्थ्य और उम्र अधीर हो जाता है पैमाना कुछ निश्चित नही बचा है धोखा देकर पहाड़ पैसो का बनाया जाता है उद्योग पति खाद्यान्न बेचने पर आ गये रिसर्च के काम सम्हाले नही जाते है छोटे छोटे व्यापार व्यापारियों के खा गये सरकार पर दबाब बनाकर महँगाई आसमान चढ़ाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #longdrive वैश्वीकरण अब जी का जंजाल बन गया,जग सारा इससे कराहता है #nojotohindi
#longdrive वैश्वीकरण अब जी का जंजाल बन गया,जग सारा इससे कराहता है #nojotohindi #कविता
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शीर्षक-: वैश्वीकरण के दौर में ना जाने क्यों टूटने लगे है रिश्ते! #nojota #prakamya @dilkibaate4 #krishna_flute #कविता
read moreDivyanshu Pathak
पहली प्रार्थना ----------------- हे परम् ब्रह्म परमेश्वर। हमारे इरादों को बहुमत का ग़ुलाम मत होने देना। तुम परम्परागत मूल्यों की ताक़त मत खोने देना। भले वैश्वीकरण की इस धूप में यौवन तपता रहे। हम समय के साथ चलें तू हमको मत सोने देना। पहली प्रार्थना ----------------- हे परम् ब्रह्म परमेश्वर। हमारे इरादों को बहुमत का ग़ुलाम मत होने देना। तुम परम्परागत मूल्यों की ताक़त मत खोन
पहली प्रार्थना ----------------- हे परम् ब्रह्म परमेश्वर। हमारे इरादों को बहुमत का ग़ुलाम मत होने देना। तुम परम्परागत मूल्यों की ताक़त मत खोन #yqbaba #yqdidi #yqhindi #collabwithकोराकाग़ज़ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #पाठकपुराण #पहलीप्रार्थना
read moreDivyanshu Pathak
रिश्तों की एक नदी है। जो बहती है सनेह लिए। विषमताओं की चट्टानों से, टकराकर भी रुकती नही। किनारों पर अपने फैलाके रेत! आगे बढ़ जाती है। हम बनाते रेत के घरौंदे! किनारे बैठ प्यार में ढेर सारे। फिर तोड़ देते अपने ही हाथों, जो देखे थे कभी ख़्वाब सारे। ढूंढने लगते समतल ज़मीन! उपजाऊ और हरियल नज़ारे। #cinemagraph साथियो आजकल थोड़ा व्यस्त हूँ इसलिए आपकी पोस्ट नही देख पा रहा जल्द ही व्यस्तता खत्म करके सभी पोस्ट पढूँगा। #पाठकपुराण के साथ बने
#cinemagraph साथियो आजकल थोड़ा व्यस्त हूँ इसलिए आपकी पोस्ट नही देख पा रहा जल्द ही व्यस्तता खत्म करके सभी पोस्ट पढूँगा। #पाठकपुराण के साथ बने #शुभरात्रि
read moreTamanna Sharma
आज वैश्वीकरण के इस जमाने में जो संयुक्त परिवार की परंपरा पूर्णतः समाप्त होती जा रही है। आज हमारे पास हर कार्य को करने के लिए समय है परंतु अप
आज वैश्वीकरण के इस जमाने में जो संयुक्त परिवार की परंपरा पूर्णतः समाप्त होती जा रही है। आज हमारे पास हर कार्य को करने के लिए समय है परंतु अप #Family #Reality #SAD #nojotohindi #NojotoFamily #kalakaksh #quotesandthoughts #TST #virtualworld
read moreDivyanshu Pathak
प्रकृति और परमात्मा की हर एक कृति स्त्री, पुरुष, पशु, वनस्पति, नाग, सागर, पर्वत, कंकर, नदी, की उपासना करने वाले लोगों में जब हिंसा,घरेलू हिंसा, उत्पीड़न, शोषण, बलात्कार, दहेज़ हत्या, लूट, भ्रष्टाचार जैसी विसंगतियों को देखता हूँ तो बस यही सोच कर रह जाता हूँ कि--- शिक्षा के नाम पर रटाए गए अध्याय विरलों को छोड़ कर अधिकतर ने पढ़ाई लिखाई को पैसा कमाने या पेट भरने तक सीमित रखा। भूँख बढ़ी और भ्रष्टाचार पनपने लगा। सुप्रभातम साथियो....🙏😊🙏🍵🍵 वैश्वीकरण के इस दौर की दौड़ में हम शामिल तो हुए लेकिन अभी तक दौड़ना शुरू नहीं किया है। जहाँ दुनिया अपनी पूरी ताक़त से
सुप्रभातम साथियो....🙏😊🙏🍵🍵 वैश्वीकरण के इस दौर की दौड़ में हम शामिल तो हुए लेकिन अभी तक दौड़ना शुरू नहीं किया है। जहाँ दुनिया अपनी पूरी ताक़त से #yqbaba #yqdidi #yqhindi #पाठकपुराण
read moreDivyanshu Pathak
भविष्य कंटकों से भरा है। युवाओं को चुभेंगे ये कांटे। हमारे युवा वर्ग को भी जाग जाना चाहिए। हमारे यहां तो संस्कृति और संविधान दोनों की धज्जियां उड़ रही हैं। युवा मौन है। क्यों? : हमारे पास समय कम है। युवा वर्ग को सारे भेद भुलाकर कमर कस लेना है। इस देश की संप्रभुता और अखण्डता पर कोई खतरा न आए। इसके लिए युवा वर्ग को ग
: हमारे पास समय कम है। युवा वर्ग को सारे भेद भुलाकर कमर कस लेना है। इस देश की संप्रभुता और अखण्डता पर कोई खतरा न आए। इसके लिए युवा वर्ग को ग #komal
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शीर्षक-: शोहरत-ए-किताब।। Read it full Caption #Pk_writes ✍ @dilkibaate4 *शीर्षक-: शोहरत-ए-किताब।।* जो ना होती ये किताबे , तो कैसे जानते तुम , ग्रंथ- साहित्य को। जो ना होती ये किताबे, तो कैसे पहचानते उन वीरो के
*शीर्षक-: शोहरत-ए-किताब।।* जो ना होती ये किताबे , तो कैसे जानते तुम , ग्रंथ- साहित्य को। जो ना होती ये किताबे, तो कैसे पहचानते उन वीरो के #prakamya #Pk_writes
read moreDivyanshu Pathak
21 वीं सदी के इन 20 वर्षों में देश ने बड़े बदलाव देखे । धर्म और जाति के नाम पर देश खंड खंड हो रहा था। देश के भीतर विषाक्त वातावरण फैल रहा था। जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई थी। पड़ोसी देश मित्रता भूलकर शत्रु बनते जा रहे थे। निर्णय लेने की बजाय गंभीर मुद्दों को टाला जा रहा था। इसका कारण हमारे देश के पास कोई मजबूत नेता नहीं होना था। जो थे उनकी नेतागिरी अपनी-अपनी पार्टी तक सिमटी हुई थी। लालकृष्ण आडवाणी हो या सोनिया गांधी राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री इन के आह्वान पर देशवासी किसी मुद्दे पर कोई पहल नहीं कर सकते थे। 🙏#goodevening 🙏 : एक ओर देश आरक्षण की आग में झुलस रहा था तो वहीं दूसरी ओर नेताओं में मनमाना आचरण करने की होड़ लगी थी। भले ही उनके आचरण से मत
🙏goodevening 🙏 : एक ओर देश आरक्षण की आग में झुलस रहा था तो वहीं दूसरी ओर नेताओं में मनमाना आचरण करने की होड़ लगी थी। भले ही उनके आचरण से मत #पंछी #पाठक #हरे #21वींसदीकेयह20बरस
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