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Unconditiona L💓ve😉
🌱झरना 🌱 कुछ यादें बचपन की आज जीने को मिला..! फिर से बच्चा बन उछलने को मिला..! तो सारी परेशानियों को भूल ख़ुद को ढूंढ़ने को मिला...! इन दिनों बहुत ज़्यादा बारिश हो रही है यहाँ, रात हुई मूसलाधार वर्षा के बाद सुबह देखा गिरते वेग से एक जल प्रपात..! जिसकी आवाज से कोसों दूर गूंज
ashutosh anjan
अतिथि सत्कार (लघु कथा के रूप में अनुशीर्षक 👇में) अतिथि सत्कार सेवा भारतीय संस्कृति का परम कल्याणकारी व्रत है। शास्त्रों में वर्णित है। मातृ देवो भव ! पितृ देवो भव ! अतिथि देवो भव ! आचार्य द
Mohan Sardarshahari
वो ख्यालों में ऐसे खोई थी जैसे मैं मूसलाधार बरसात और वह मुझमें नहा रही थी ।। ©Mohan Sardarshahari मूसलाधार बरसात
varsha sahu
"तेरी मेरी दोस्ती" तेरा साथ भी क्या साथ था जो मैं भुला न साकी, तेरी दोस्ती में भी क्या दम था जो मैं अदा ना कर सकी। सुबह से सांझ तक तेरा मेरे एक ओर होना और स्कूल की बेल बजते ही फिर तूझे खो देना । तेरा यूं मेरे लिए दूसरो से लड़ना और मेरी जिनसे ना पटे उनसे भी अकड़ना । तेरा यूं मेरे रूठने पर आंसू बहाना और अंत तक बिना हारे मुझे मनाना, तेरी वो मासूमियत जो पिघला देती मेरा ताव और बदल देती मेरा भाव। तेरा वो हर चीज़ मेरे साथ बांटने का स्वभाव, है तेरे मन का सबसे बड़ा विशेषभाव । तेरे चेहरे की वो प्यारी सी मुस्कुराहट सीखा गई, दोस्ती होती है बिना देखे धार्मिकहठ, इसीलिए माना मैंने आज तेरी मेरी दोस्ती निरूपहत । तुझे बहुत सी बातों पर मेरा डांटना सोचकर आज भी दुखती मेरी आत्मा, तेरा साथ बता गया 'दोस्ती' क्या चीज़ है इसलिए आज भी तेरी मेरी दोस्ती मेरे लिए "अज़ीज" है । वर्षा
Sudha Bhardwaj
सुन वर्षा बूंदों की खनक। बरस रहा नभ से कनक। रिमझिम बूंदों के ऐहसास में। दिखती क्षणिक सुख की झलक। सुधा भारद्वाज"निराकृति" #वर्षा
Devesh Dixit
वर्षा हवा चली शनै शनै बादल आए घने घने कुछ काले कुछ भूरे बादल ओड रखी हो जैसे धूल की चादर बिजली भी अब कड़कने लगी है गर्मी भी अब भड़कने लगी है गर्मी ने भयंकर रूप लिया है वर्षा का संकेत दिया है हवा भी अब तेज हुई है पौधों को भी सहलाने लगी है कान लगाकर सुनते पौधे अब कब वर्षा हो रही है तभी कहीं से बूंद गिरी पौधे के चेहरे पर मुस्कान खिली वर्षा तो अब हो कर रहेगी आनंद की अब लहर बहेगी खुशनुमा समा चारों तरफ होगा मत पूछो तब आलम कैसा होगा शीत की तब लहर बहेगी गर्मी की तब तपन मिटेगी वर्षा की तब झड़ी लगी है मगन होकर सब आनंदमई है झूम रहे हैं नाच रहे हैं मस्ती में सब गा रहे हैं वर्षा हो गई धूल थम गई नमस्कार प्रभू आपकी लीला हो गई देवेश दीक्षित वर्षा