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Anamika
हां तेरे मौन से .. मन की बातें , मन में रखने से , आ जाता है, मन में फर्क.. जब मन में है, जुड़ाव गहरा फिर क्यों चुप्पी की, तुमने ओढ़ ली पर्त.. #मनकीबातें #फर्क #पर्त #तूलिका
#मनकीबातें #फर्क #पर्त #तूलिका
read moreAnindya Dey
.. अदावत किससे रही किसे कसूरवार माना है, एतराज़ कब से समझदार की पहचान बना है.. .. किस पैमाने से किसी को कैसे बेहतर माना है, हुनर कुदरती कब से निसाब का हिस्सा बना है.. .. समझें के पढ़े लिखे ने लिखे को पढ़ना जाना है, शिद्दत की पुरतिश में सलाहियत हौले हौले बना है.. ..🌱खुशामदीद..💞 निसाब माने, पाठ्यक्रम, syllabus. सलाहियत माने, योग्य, capable. पुरतिश माने, पर्ति, fulfillment.
..🌱खुशामदीद..💞 निसाब माने, पाठ्यक्रम, syllabus. सलाहियत माने, योग्य, capable. पुरतिश माने, पर्ति, fulfillment.
read moreपरमार सोमेश..!
किसको में अपना कहूँ हर किसी की अपनी शर्तें है, सच से कैसे मिल पाउंगा सबने झूठ की पहनी पर्तें है! ©परमार सोमेश..! किसको में अपना कहूँ हर किसी की अपनी शर्तें है, सच से कैसे मिल पाउंगा सबने झूठ की पहनी पर्तें है! #Jhooth
Anil Rathee
ये वीडियो पूरा देखिए और एक बार सोचिए हम क्या कर रहे हैं और इसका अंजाम क्या होगा आप मेरा चैनल चाहे सब्सक्राइब ना करो पर इस वीडियो को जरूर देख
read moreNEERAJ SIINGH
सुकूँ तो सिर्फ सुकूँ होता हैं कभी ओस में तो कभी सोच में सुकून .. रगों में दौडता है नही , वो दौड भाग नही जानता कोई वो ठहरना जानता है सिर्फ .. घडी भर भी ठहर जाए तो सुकून ,
सुकून .. रगों में दौडता है नही , वो दौड भाग नही जानता कोई वो ठहरना जानता है सिर्फ .. घडी भर भी ठहर जाए तो सुकून , #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #neerajwrites #yqpeace
read moreJupiter and its moon
है क्या करना जो मिल भी गया वो प्यार तुम्हारा शर्तों में। जो ढल ना पायी मैं उन सांचो में जो तुमने ढाला है। जो बंध ना पायी उन नियमों में जो तुमको अति प्यारा है। क्यों साथ तेरा, विश्वास तेरा, आता बंधन की पर्तों में । है क्या करना जो मिल भी गया वो प्यार तुम्हारा शर्तों में। हूं स्वनिर्भर मैं बोझ नहीं ! क्या मेरी कोई सोच नहीं? मेरी दुनिया, मेरे सपने, क्या उनका कोई मोल नहीं? क्यों उलझा है जीवन मेरा अवसर को नित संघर्षों में? है क्या करना जो मिल भी गया वो प्यार तुम्हारा शर्तों में। हो अग्नि परीक्षा क्यों मेरी? और तुमको सब कुछ माफ हुआ। पत्नीव्रता क्यूं तुम न बनो, कहो, ये कैसा इंसाफ हुआ? है समझा तुमने मेरी हर एक बात तुम्हारे अर्थों में! है क्या करना जो मिल भी गया वो प्यार तुम्हारा शर्तों में। ©Jupiter and it's moon....(प्रतिमा तिवारी) वो प्यार तुम्हारा शर्तों में....! है क्या करना जो मिल भी गया वो प्यार तुम्हारा शर्तों में। जो ढल ना पायी मैं उन सांचो में जो तुमने ढाला है
वो प्यार तुम्हारा शर्तों में....! है क्या करना जो मिल भी गया वो प्यार तुम्हारा शर्तों में। जो ढल ना पायी मैं उन सांचो में जो तुमने ढाला है #कविता
read more🇮🇳always_smile11_15
बताऊ ही क्या अब जब उलझन ही बहुत हैं मन में धागे बहुत हैं पर खीचें सब एक ही जैसे हैं always🌸smile ©🇮🇳always_smile11_15 मेरे मन में ख्याल आ रहा था दोस्तों बड़ी उलझ गई थी में अपने सवालों में में सोच रही थी की nojoto पे सभी दोस्तों से अपनी बातें अपने तरीको से रख
मेरे मन में ख्याल आ रहा था दोस्तों बड़ी उलझ गई थी में अपने सवालों में में सोच रही थी की nojoto पे सभी दोस्तों से अपनी बातें अपने तरीको से रख
read moreKunwar arun ¥
मैं पहले एक गाँव था..... ✍कुँवर अरुण 👇👇👇👇👇👇👇👇👇 ©Kunwar arun ¥ मन हो तो पड़ लो 🙃🙃🙃 मैं एक गाँव था जो बर्षों पहले था हरा भरा जिसमें बादल थे परियाँ थी किस्से थे कहानियां थी कच्चे मकान थे मैदान थे मुझ मे ख
मन हो तो पड़ लो 🙃🙃🙃 मैं एक गाँव था जो बर्षों पहले था हरा भरा जिसमें बादल थे परियाँ थी किस्से थे कहानियां थी कच्चे मकान थे मैदान थे मुझ मे ख #Quote #Stories #wordporn #quoteoftheday #yourquote #qotd #Gudipadwa
read moreDivyanshu Pathak
ईश्वर ने अपनी सृष्टि में इतनी सूक्ष्म व्यवस्था रखी है कि ग्रहों नक्षत्रों उपग्रहों आदि की स्थिति और गति में अंश मात्र का परिवर्तन भी नहीं होता। सौर मण्डल तो अभी मनुष्य की पहुंच से बाहर है इसलिए वहां सृष्टि के नियमों में छेड़छाड़ मनुष्य के वश की बात नहीं है। उसका वश पृथ्वी पर ही चलता है और यहीं उसकी छेड़छाड़ चलती रहती है। इसी छेड़छाड़ के परिणाम भूकम्प,सुनामी,अकाल,अतिवृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आते रहते हैं। इन आपदाओं के कारणों की व्याख्या वैज्ञानिक अपने ढंग से करते हैं और पर्यावरणविद् अपने ढंग से। वैदिक विज्ञान जैसी गहराई कहीं दिखाई नहीं देती। हम भी पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं। तेल-पानी-सोना-खनिज के नाम पर धरती को पोला कर रहे हैं। पेड़ काटकर एक ओर पक्षियों की प्रजातियों को नष
हम भी पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं। तेल-पानी-सोना-खनिज के नाम पर धरती को पोला कर रहे हैं। पेड़ काटकर एक ओर पक्षियों की प्रजातियों को नष
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