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Vikas Anand
sujeeta
द एंड वह चैप्टर जिसे पढ़ने की मेरी औकात नही ©sujeeta द एंड वह चैप्टर
Prerna Singh
Men walking on dark street वह मेरे दोस्त खरीदने चले हैं, अरे बावले वह दोस्त मेरे नहीं हैं जो बिक गए ... शर्मिंदा करना नहीं चाहती पर तुम्हें जानना भी तो जरूरी हैं, मेरे दोस्त को खरीदना चाहते भी तो नहीं खरीद पाते इतनी हैसियत ही कहां तुम्हारी हैं जो बिक गए दरअसल वो हिस्सेदार थे... ©Prerna Singh वह मेरे दोस्त खरीदने चले हैं, अरे बावले वह दोस्त मेरे नहीं हैं जो बिक गए ... #शर्मिंदा करना नहीं चाहती पर तुम्हें जानना भी तो जरूरी हैं,
Harshvardhan असरार जौनपुरी
डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी - डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी क्या बताएं डेमोक्रेसी देख रहे हैं डेमोक्रेसी फर्जी नारों की डेमोक्रेसी जुमलेबाजी की डेमोक्रेसी मंदबुद्धि की डेमोक्रेसी मरी मीडिया की डेमोक्रेसी अराजकता की डेमोक्रेसी सत्ता लूट की डेमोक्रेसी फर्जी विचारधारा की डेमोक्रेसी दक्षिणपंथी डेमोक्रेसी वामपंथ की डेमोक्रेसी मुख्यधारा की डेमोक्रेसी अजब गजब डेमोक्रेसी रंग बिरंगी डेमोक्रेसी ब्लैक एंड व्हाइट डेमोक्रेसी लूट रही है डेमोक्रेसी हंस रही है डेमोक्रेसी बर्बरता की डेमोक्रेसी रोज लूटे है डेमोक्रेसी रोज पीटे है डेमोक्रेसी हमारी अपनी डेमोक्रेसी गुंडागर्दी की डेमोक्रेसी गैर कानूनी डेमोक्रेसी चीख रही है डेमोक्रेसी घुट रही है डेमोक्रेसी दम तोड़ती डेमोक्रेसी चौकी थाने की डेमोक्रेसी माफिया की अपनी डेमोक्रेसी नकल माफिया की डेमोक्रेसी अपराध उद्योग की डेमोक्रेसी कॉरपोरेट फंडिंग की डेमोक्रेसी इलेक्टोरल बांड की डेमोक्रेसी ऐसी नौटंकी डेमोक्रेसी न्याय में बिकती डेमोक्रेसी झूठ नहीं है ये डेमोक्रेसी मजबूर हुई है डेमोक्रेसी मजबूत हुई है डेमोक्रेसी शांत सब सहती डेमोक्रेसी कुछ न कहती डेमोक्रेसी सबके दिल में डेमोक्रेसी न रोती हंसती डेमोक्रेसी ऐसी हो गई डेमोक्रेसी रंग बेरंग की डेमोक्रेसी नॉर्वे डेनमार्क की डेमोक्रेसी ऐसी ना अपनी डेमोक्रेसी ऐसी ही यहां की डेमोक्रेसी चंचल मन की डेमोक्रेसी कविता असरार की डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी ©Harshvardhan असरार जौनपुरी #Emotional डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी - डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी क्या बताएं डेमोक्रेसी देख रहे हैं डेमोक्रेसी फर्जी नारों की डेमोक्रेसी जुमल
दीपा साहू "प्रकृति"
ज़िन्दगी से शिकायत कैसी भावनाओं का कत्ल कर उन्हें कब्र में दफ्न करना उतना कठिन भी नहीं ! हाँ कभी-कभी ज़िंदा भी हो जाती है। अरे तो क्या हुआ ! फिर से दफ्न हो ही जाती है ! ओफ्फो.. कौन सी ज़िन्दगी लम्बी है छोटी सी तो बाकी है नम आँखें छुपाकर मुस्कुराहट लबों पे काफ़ी है। ख़ामोशी भी तो है न अच्छी दोस्त, होठो पे खूबसूरत साथी है। कुछ न कहो चुप ही रहो, धड़कने इस बात पे राज़ी है। फिर ज़िन्दगी से शिकायत कैसी? छोड़ो न बस गुज़र ही जाती है। ©दीपा साहू "प्रकृति" #truecolors #Prakriti_ #deepliner #zindagi #love #SAD #poem #poetry ज़िन्दगी से शिकायत कैसी भावनाओं का कत्ल कर उन्हें कब्र में दफ्न करना
PURAN SINGH CHILWAL
🌷दिल की बातें🌷 🌷🌷🌷🌷🌷 क्या बताऊं तुम्हें मेरा प्यार कैसा है चांद जैसा नहीं वो तो चांद उसके जैसा है 🌷🌷🌷🌷🌷🌷 तेरा हाथ पकड़कर घूमने का मन करता है फिर चाहे वो हकीकत में हो या ख्वाबों में 🌷🌷🌷🌷🌷🌷 मेरी हर सांस में तुम हो मेरी हर खुशी में तुम हो तेरे बिन जिंदगी कुछ नहीं है क्योंकि मेरी पूरी जिंदगी तुम हो ©PURAN SINGH CHILWAL #sugarcandy कौन कहता है मोहब्बत बरबाद करती है अरे यारों निभाने वाला हो तो दुनिया याद करती है 🥀🥀🌹🌹🌹🌹🌹💐💐💐🌻🌻🌻💌♥️🙏❤️🙏🙏❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Neelam Modanwal
एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है अपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता है गैस का जलना दरवाज़े का खुला रहना नल का टपकना और दूध का दहकना एक-एक कर वह पूछती है प्रेस तो बंद कर दिया था न! आँगन का दरवाज़ा तो लगा दिया था न! किचेन का सीधा वाला नल बंद करना तो नहीं भूली! अरे! हाँ! वो सब्ज़ी वह मँहगी हरी पत्तियों वाली सब्ज़ी जो अभी कल ही तो लाई थी सटटी से प्लास्टिक से निकाल दिया था न! हाँ, हाँ अरे सब तो ठीक है आपको ध्यान है आलमारी लाक करना तो नहीं भूली अभी कल की ही तो बात है महीनों को बचाए पैसे से नाक की कील ख़रीदी थी । इस तरह वह बार-बार याद करती और परेशान होती है कि दूध वाले को मना करना भूल गई कि बरतन वाली से कहना भूल गई कि उसे कल नहीं आना था कि पड़ोसिन को बता ही देना था कि कभी कभी मेरे घर को भी झाँक लिया करतीं । इस तरह एक स्त्री निकलती है घर से जैसे निकलना ही उसका होना है घर में.... 💯💯✍️✍️❣️❣️ ©Neelam Modanwal एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है अपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता है गैस का जलन
AwadheshPSRathore_7773
Himanshu Prajapati
एक पिता का कद आसमां से भी ऊंचा होता है, क्योंकि छोटी-छोटी चीजों के लिए मां याद आती है- अरी माई रे माई...! बड़ी चीजों के लिए बाप- अरे बाप रे बाप...! ©Himanshu Prajapati #bachpan एक पिता का कद आसमां से भी ऊंचा होता है, क्योंकि छोटी-छोटी चीजों के लिए मां याद आती है- अरी माई रे माई...! बड़ी चीजों के लिए बाप
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