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RJ कैलास नाईक
प्रेम म्हणजे असतो एक अव्यक्त भाव व्यक्त झाल्यावर घेतो काळजाचा ठाव प्रेम जिथे नसतो किंतु परंतु ला वाव प्रेम म्हणजे भावस्पर्शी रंगांचा गाव RJ कैलास #प्रेम म्हणजे असतो एक अव्यक्त भाव व्यक्त झाल्यावर घेतो काळजाचा ठाव प्रेम जिथे नसतो किंतु परंतु ला वाव प्रेम म्हणजे भावस्पर्शी रंगांचा गाव
Internet Jockey
प्रेम भक्ति है और भक्ति शुक्राने का नाम है प्रेम किंतु परंतु नहीं, प्रेम, निशकाम भाव है ©Internet Jockey प्रेम भक्ति है और भक्ति शुक्राने का नाम है प्रेम किंतु परंतु नहीं, प्रेम, निशकाम भाव है
Sangeeta Kalbhor
विट्ठू माऊली.. ऐका ना .. काही बोलायचेयं काही ऐकायचेयं मन समाधानने ओतप्रोत झालेयं ते सांगायचेयं आता सगळे चांगलेच होणार मन सांगू लागलेयं तुम्ही आहात सोबतीला मन जाणू लागलेयं किंतु ,परंतु.. कधीच मागे सरलायं हार मानून तुमच्यावर असलेली श्रद्धा जाणून.. आता फक्त सोहळा आयुष्याचा ,मांगल्याचा आणि हे विट्ठू माऊली तुमच्या समस्त भक्तजणांचा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #विट्ठू माऊली.. विट्ठू माऊली.. ऐका ना .. काही बोलायचेयं काही ऐकायचेयं मन समाधानने ओतप्रोत झालेयं ते सांगायचेयं आता सगळे चांगलेच होणार
Shravan Goud
जिंदगी में हर चीज इस पार या उस पार नही होती। कुछ चीजें किंतु परंतु मे अटक जाती है, फिर भी उनको पार करके जीना पड़ता है। जिंदगी में हर चीज इस पार या उस पार नही होती। कुछ चीजें किंतु परंतु मे अटक जाती है, फिर भी उनको पार करके जीना पड़ता है।
AJAY NAYAK
अब मंजिल दूर नही समंदर में भी कूद जाता हूं लहरों से लड़ना सिख लिया हूं किंतु परंतु के बीच नही फसता हूं तुरंत निर्णय लेना सिख लिया हूं खड़ा होता हूं और दौड़ पड़ता हूं अब गिरकर उठना सिख लिया हूं अंधेरा भी मुझसे खौफ खाता हैं जूगनुओं से दोस्ती करना सिख लिया हूं सूर्य चंद्रमा और तारों से अपनी यारी है सबकी इज्जत करना सिख जो गया हूं अब मंजिल से दूर नही हूं क़िस्मत से लड़ना सिख लिया हूं –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #lightpole अब मंजिल दूर नही समंदर में भी कूद जाता हूं लहरों से लड़ना सिख लिया हूं किंतु परंतु के बीच नही फसता हूं तुरंत निर्णय लेना सिख
Sudeep Keshri✍️✍️
पर्वतों को पार कर, मन प्रफुल्लित हो जाता इन वादियों में आकर, फूले न समाता प्रकृति में समा कर, ईश्वर की रचना के आगे सब कुछ फीका है, हमें तो इससे सुंदर कुछ ना दिखा है, नदी, झील, झरना, पहाड़ सब है बेमिसाल, फूलों का रंग ,फलों का स्वाद कुदरत की क्या बात, पंछी हो या जंतु किसी में नहीं कोई किंतु परंतु, वृक्ष की टहनी हो या पत्ते हम तो देखते न थकते, पानी प्यास बुझाता, हवा प्राणवायु दे जाता, न कोई किसी से कम है, न कोई किसी से ज्यादा, कुदरत ने क्या संसार बनाया, मेरा तो मन फूले नहीं समाता, जब मैं खुद को इन सब के बीच पाता, लेकिन इन सब में ईश्वर की सबसे अच्छी कृति मैं ही तो हूं, जो इन वादियों के बारे में आपको बताता। मन #प्रफुल्लित हो जाता इन #वादियों में आकर, फूले न समाता #प्रकृति में समा कर, ईश्वर की रचना के आगे सब कुछ फीका है, हमें तो इससे #सुंदर कुछ न
pooja verma
।सी वी एस ई इंटरमीडिएट की परीक्षा को फिलहाल के लिए स्थगित किया गया, हाईस्कूल वाले भी चिंता न करें उनकी बिना परीक्षा दिए ही अंक तालिका बन जाएगी, बस हम चुनाव प्रक्रिया को नहीं रोक सकते, अन्यथा जनता के सामने हमारी नाक कट जाएगी, कोरोना का क्या है ये चलता रहेगा बस कुछ लोग ही तो मरेंगे इस महामारी में इसकी भी भरपाई कर दी जाएगी। ©pooja verma कड़वा किंतु सच
SirMb
हाँ मैं कवि हूँ ) मेरा कोई पंथ ना मजहब ना नीति सिद्धांत कहीं। मेरी कुटिल दृष्टि का देखा होगा तुमने अंत नहीं।। अपना स्वार्थ सिद्ध कर लुंगा, लोग हँसे तो हँसने दो । आसमान को गिर लेने दो या फिर धरा खिसकने दो।। मैं स्वछंद हूं, बेलगाम हूं, भाषा और व्याकरण नया। कवि को कभी करुंगा साबित,देकर के उद्धरण नया।। लो मैं खुद ही बतला दूं कि खरा नहीं मैं खोटा हूं। चाहे जिधर ढुलक जाउंगा "बेपैंदे का लोटा हूं"।। ©SirMb स्वार्थी परंतु स्वाभिमानी #WallTexture