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Stories related to सुविधाओं की

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MD Muzaffar Alam

#धनबाद #रांची और #टाटानगर रेलवे स्टेशन बनेंगे वर्ल्ड क्लास , मिलेंगे ढेर सारी सुविधाओं की सौगात link for full YouTube video https://youtu.b #विचार

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Motivational indar jeet group

#जीवन दर्शन 🌹 वृक्ष बनने के लिए बीज को अपना वर्तमान स्वरूप गलाना पड़ता है विज्ञन भी आज की सुविधाओं की इसलिए अपेक्षा करते हैं कि उज्ज्वल भविष #Thoughts

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जीवन दर्शन 🌹
वृक्ष बनने के लिए बीज को अपना वर्तमान स्वरूप गलाना पड़ता है विज्ञन भी आज की सुविधाओं की इसलिए अपेक्षा करते हैं कि उज्ज्वल भविष्य का दिग्दर्शन हो सके !.i. j

©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹
वृक्ष बनने के लिए बीज को अपना वर्तमान स्वरूप गलाना पड़ता है विज्ञन भी आज की सुविधाओं की इसलिए अपेक्षा करते हैं कि उज्ज्वल भविष

Neelam Modanwal ..

🙏 आप ही अपने भाग्य के निर्माता है.. किसी को दोष ना दे स्वयं को बदले हर समय आनंद में रहने के लिए सुविधाओं की नहीं समय की जरूर होनी चाहिए.. ✍️ #ज़िन्दगी

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xyz

Image Source: My Phone's gallery❤️ अपनी आंखों को ज़रा नम रखना, लोगों से उम्मीदें थोड़ी कम रखना। सुविधाओं की हो चाहे अपार कमी, तुम सदा अच्छे #Success #Habits #Motivation #Inspiration #yqdidi #yqhindi #shikhatiwari

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अपनी आंखों को ज़रा नम रखना,
लोगों से उम्मीदें थोड़ी कम रखना।

सुविधाओं की हो चाहे अपार कमी,
तुम सदा अच्छे अपने करम रखना।

देते हैं यहाँ अपने ही अक़्सर धोखा,
मन में ख़्वाबों के मेले कम रखना।

अपने मन में न कोई भी भ्रम रखना,
सत्य को ही सदा अपना धर्म रखना।

मैला न हो सके तुम्हारा बेदाग दामन, 
दूर जीवन से हताशा रूपी तम रखना। Image Source: My Phone's gallery❤️


अपनी आंखों को ज़रा नम रखना,
लोगों से उम्मीदें थोड़ी कम रखना।

सुविधाओं की हो चाहे अपार कमी,
तुम सदा अच्छे

Ravendra

जिलाधिकारी ने मतदान केन्द्र धरसवां व बहादुर चक का किया औचक निरीक्षण बहराइच ।लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के दृष्टिगत मतदान केन्द्रों पर मू #न्यूज़

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दि कु पां

आज का विषय👉 सुविधाओं की आड़ में आज कहीं ना कहीं हम सब सोशल मीडिया के गुलाम बनते जा रहे हैं। इस टॉपिक पर अपने विचार व्यक्त करें। इस पोस्ट क #SocialMedia #MOBILE #yqdidi #YourQuoteAndMine #iconicquote #jazbaatedil

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तू इन्सान बड़ा प्यारा था,
सबसे हंस के मिलता था,
सबको चाहता था, लोग भी
तुझको अपनो सा इज्ज़त 
दिया करते थें.. तू मिलने
झूलने का प्रेमी था, दो दिन
ना देखें जिसको घर जा हाल
ले लिया करता था, तू ऐसा सब
से मिलकर रहने वाला था..
कि अचानक तूझे ये क्या हुआ,
सब छोड़ तू इस आभासी 
संसार का दीवाना हुआ..
हमेशा सर झुकाए ना जाने 
क्या करता रह रहा है तू
सिर्फ़ मोबाईल में घुस किस
संसार का दीवाना हो रहा तू.. आज का विषय👉 सुविधाओं की आड़ में आज कहीं ना कहीं हम सब सोशल मीडिया के गुलाम बनते जा रहे हैं।

इस टॉपिक  पर अपने विचार व्यक्त करें।

इस पोस्ट क

Dr Jayanti Pandey

ज़हर पिया मैंने, सब्र किया मैंने... सब्र किया मैंने जब वो भारत की जनसंख्या का डर दिखा रहे थे सब्र किया मैंने जब भारत की अर्थव्यवस्था को कमज #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #jayakikalamse #सब्रकिया

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सब्र किया मैंने
जब वो भारत की जनसंख्या का डर दिखा रहे थे
सब्र किया मैंने 
जब भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर बता रहे थे 
सब्र किया मैंने 
जब स्वास्थ्य सुविधाओं की विपन्नता को गा कर सुना रहे थे
सब्र किया मैंने 
जब विदेशी वैक्सीनों की क्षमताएं मानसिक गुलाम विस्तार से बता रहे थे 
सब्र किया मैंने 
जब ताली,थाली और दीपक जलाने के मनोवैज्ञानिक आयोजन का मजाक उड़ा रहे थे
सब किया मैंने 
जब वैज्ञानिकों की अथक मेहनत से बनाई हुई वैक्सीन के बारे में भ्रम फैला रहे थे 
आज हम दुनिया के 
अग्रणी देशों में है जिसकी अधिकांश जनसंख्या को वैक्सीन लग चुकी है
सब्र करो अब आप
करते रहो संताप और अपने रुदालियों वाले प्रलाप...
और सब्र करो आप
आपके सितारे लगता नहीं इतनी जल्दी फलक पर छाएंगे
जय श्री राम...... ज़हर पिया मैंने,
सब्र किया मैंने...

सब्र किया मैंने
जब वो भारत की जनसंख्या का डर दिखा रहे थे
सब्र किया मैंने 
जब भारत की अर्थव्यवस्था को कमज

Insprational Qoute

रचना:-3 विधा:- कविता विषय:-पत्नी ********************* सुंदर-सुशील-सर्वगुणसम्पन्न-सहनशीलता से परिपूर्ण मैं पत्नी हूँ, नदी-निर्मल-निर्झरिणी #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता

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रचना:-3
विधा:- कविता

विषय:-पत्नी
*********************


सम्पूर्ण कविता अनुशीर्षक में पढ़ियेगा रचना:-3
विधा:- कविता

विषय:-पत्नी
*********************

सुंदर-सुशील-सर्वगुणसम्पन्न-सहनशीलता से परिपूर्ण मैं पत्नी हूँ,
नदी-निर्मल-निर्झरिणी

Insprational Qoute

विषय:-पत्नी ********************* सुंदर-सुशील-सर्वगुणसम्पन्न-सहनशीलता से परिपूर्ण मैं पत्नी हूँ, नदी-निर्मल-निर्झरिणी-निर्मोह-नेक दिल सम स #womenempowerment #yqdidi #नारीशक्ति #अखंड #अखंड_आर्यावर्त

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सुंदर-सुशील-सर्वगुणसम्पन्न-सहनशीलता से परिपूर्ण मैं पत्नी हूँ,
नदी-निर्मल-निर्झरिणी-निर्मोह-नेक दिल सम सम्पूर्ण मैं पत्नी हूँ,
ममतामयी-सेवामयी-निष्ठामयी-पतिव्रता-प्रेममूर्ति मैं एक पत्नी हूँ,
सहधर्मिणी-सहभागी-सहयोगी-अर्धांगिनी-परिणीता मैं पत्नी हूँ।
👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇
🙏सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़ियेगा🙏 
विषय:-पत्नी
*********************

सुंदर-सुशील-सर्वगुणसम्पन्न-सहनशीलता से परिपूर्ण मैं पत्नी हूँ,
नदी-निर्मल-निर्झरिणी-निर्मोह-नेक दिल सम स

कवि राहुल पाल 🔵

#Bheed शहर की भीड़ से अलग है ,हम सुन्दर उपवन जैसे गांव से है , जहां हम रिश्तों की डोर बधी ,हम एक नदी में बहती नावँ से है ! आज शहरों की सड़को #Nojotochallenge #nojotopoetry #nojotohindi #शायरी #nojotoquotes #nojotoapp #nojotonews #nojotohindishayari

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शहर की भीड़ शहर की भीड़ से अलग है ,हम सुन्दर उपवन जैसे गांव से है ,
जहां हम रिश्तों की डोर बधी ,हम एक नदी में बहती नावँ से है !
आज शहरों की सड़को की मायाजाल उम्र से लम्बी लगती है, 
भावनाये और रिश्ते की रसधार जहाँ नालों में सस्ते में बहती है !!
जब बदल गया इंसान जहाँ आधुनिकता के व्यापक दावँ से है , 
अच्छा है आडम्बर के शहरों से नही  ,हम आज भी गावँ से है .!!
शहर की सुबह शाम दोपहर का कुछ आज गया ज्ञात नही ,
 जिंदगी में आज भीड़ बहुत है ,पर यथार्थ में कोई साथ नही !
सुख सुविधाओं की धमाचौकड़ी पर सच के सुख का ज्ञान नही ,
इंसान बहुत है परन्तु यहाँ ,सुख दुख भांप सके ऐसा इंसान नही !!
नगरों में वृक्षों की बिम्ब से ज़्यादा,उच्च मंजिल की छांव से है ,
अच्छा है आडम्बर के शहरों से नही ,हम आज भी गांव से है !! 
शहर आदमी की पहचान नही ,यहाँ पहचान तो रुपया -पैसा है ,
कोई किसी का जहाँ सगा नही है ,जहाँ फ़िक्र नही कौन कैसा है !!
शोर शराबों की गलियों में आज जहाँ सोने का भी वक़्त नही.. ,
 सैकड़ो मरते है रोज यहाँ पर ,पर दो आंसू भी रोने का वक़्त नही !!
निर्मम ,निर्दयी और घृणा से पतन पथ पर निकले जिनके पावँ से है,
राहुलअच्छा है आडम्बर के शहरों से नही ,हम आज भी गांव से है.. #Bheed 
शहर की भीड़ से अलग है ,हम सुन्दर उपवन जैसे गांव से है ,
जहां हम रिश्तों की डोर बधी ,हम एक नदी में बहती नावँ से है !
आज शहरों की सड़को
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