Find the Latest Status about खुली अर्थव्यवस्था समष्टि अर्थशास्त्र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, खुली अर्थव्यवस्था समष्टि अर्थशास्त्र.
Neelam Modanwal ..
White मेरे बच्चे, मेरे प्यारे, तू मेरे जिस्म पर उगा हुआ इक प्यारा सा नन्हा फूल... क्या है तेरा मुझसे रिश्ता? बस....एक लाल धागे का... टूटने पर भी उतना ही सच्चा, उतना ही पक्का जितना परमात्मा से आत्मा का रिश्ता. तेरी मुस्कुराहटों से जागता है मेरी सुबहों का लाल सूरज. तेरी संतुष्टी में ढलता है मेरी शामों का सुनहरी सूरज. तेरी हिम्मतों से खिलता है मेरी रातों का सफेद चंद्रमा. तेरी खुशियों में झिलमिलाते हैं मेरी रातों के चंचल तारे. तेरा जीवन सफ़र है मेरी आकाशगंगा जहाँ तेरी कामयाबी ...है मेरा स्वर्णिम मुकाम वहीँ जहाँ तू नहीं...वो स्वर्ग हो कर भी मेरे लिए स्वर्ग नहीं. तेरी हिम्मत की बताये रास्तों पर चल कर उलझने की बजाये तूने अपना रास्ता खुद चुना. मोती मिलेंगे तुझे...मेरे बच्चे... बस जिन्दगी की सिप्पियाँ खुद ही खोल कर देखना होगा. अंतहीन नीले आसमान की ऊंचाइयो में अकेले पंछी की तरह धीरज से उड़ना होगा. अपनी रातों के रंगीन सपनों को खुली आँखों से हकीकत में उतारना होगा. अपनी खामोशियों में मचलते शब्दों को चुन चुन कर गीतों से संवारना होगा. अपनी राहों में परमात्मा की उंगली थामे बादलों के महलों में छुपे खज़ाने को खुद ही तलाशना होगा. वेदों की सच्चाईओं का आशीर्वाद देती हूँ तुझे... तेरी आँखों में हर पल सूरज की रोशनी जगमगाए वायू देवता तेरे प्राणों में निरंतर बसें वाणी में अग्नी सी साफ़ सच्चाई और चंद्रमा की चांदनी सी मासूमियत तेरे दिल में बसे. ओ परमात्मा ... मेरे बच्चे के संकल्प मंगलमय कर दे उसके रोम रोम में चिंतन की काबिलियत भर दे मेरे बच्चे के मन में सच्चाई, शांती और मुहब्बत भर दे मेरे बच्चे को अपना प्रिय जान उसका जीवन सुखमय कर दे अपने रहमों करम की बारिश से मेरे बच्चे के घर में दाने भर दे........ ❣️❣️❣️❣️❣️ ©Neelam Modanwal #life_quotes मेरे बच्चे, मेरे प्यारे, तू मेरे जिस्म पर उगा हुआ इक प्यारा सा नन्हा फूल... क्या है तेरा मुझसे रिश्ता? बस....एक लाल धागे का...
#life_quotes मेरे बच्चे, मेरे प्यारे, तू मेरे जिस्म पर उगा हुआ इक प्यारा सा नन्हा फूल... क्या है तेरा मुझसे रिश्ता? बस....एक लाल धागे का... #कोट्स
read moreArora PR
White ता उम्र हमने रात जगे करके जिंदगी की न जाने कितनी राते अबतक गुज़ारी है इसीलिए जितने भी ख्वाबों से हम मुख़ातिब हुऐ वे सब खुली आँखों के ख्वाब है ©Arora PR खुली आँख के ख्वाब
खुली आँख के ख्वाब #कविता
read moreneelu
White जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है.. वह आंखें जो खुली आंखों से ख्वाब देख सकते हैं वह हाथ जो लेने देने में फर्क नहीं करते हैं दिल जो सही और गलत में भेद कर सकता है निरंतर सत्य की तरफ जाता दिमाग... जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है आसमान की ऊंचाई...जमीन की गहराई होसलो का शिखर...किरदार की सच्चाई दाल रोटी के स्वाद से ..अब तक खीर क्यों नहीं आई जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है... सच की आग..झूठ की कठिनाई कमजोरी का बहाना.. मेहनत की भरपाई तूफानों का रुख और आंधियों की लड़ाई जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है... ©neelu #sad_shayari जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है.. वह आंखें जो खुली आंखों से ख्वाब देख सकते हैं वह हाथ जो लेने देने में फर्क नहीं करते है
#sad_shayari जो आपके पास है वह किसी के पास नहीं है.. वह आंखें जो खुली आंखों से ख्वाब देख सकते हैं वह हाथ जो लेने देने में फर्क नहीं करते है #Poetry
read moreSONA DEVI
White विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम "भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोधक क्षमता" है। यह थीम भूमि क्षरण की गंभीर समस्या पर प्रकाश डालती है जो लगभग आधी वैश्विक आबादी को प्रभावित कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वैश्विक अर्थव्यवस्था और जैव विविधता के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। इस वर्ष का विश्व पर्यावरण दिवस आयोजन सऊदी अरब में हो रहा है जो सऊदी ग्रीन पहल और मध्य पूर्व ग्रीन पहल जैसी योजनाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा रहा है। इन पहलों का लक्ष्य 2030 तक विश्व स्तर पर एक अरब हेक्टेयर भूमि को पुनर्स्थापित करना है। इस उपलक्ष्य में जानिए उन संत को जिनके माध्यम से ये धरती स्वर्ग समान बनेगी। पढ़ें पूरी ख़बर: https://bit.ly/3ijJFGf #WorldEnvironmentDay #WorldEnvironmentDay2024 #EnvironmentDay #savetrees ©ARTI JI #flowers विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम "भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोधक क्षमता" है। यह थीम भूमि क्षरण की गंभीर समस्या पर
#flowers विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम "भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा प्रतिरोधक क्षमता" है। यह थीम भूमि क्षरण की गंभीर समस्या पर #भक्ति #savetrees #WorldEnvironmentDay #WorldEnvironmentDay2024
read moregaTTubaba
White कैसे बताऊं तुझे कितना याद करता हूं आँखें खुली हो या बंद क्या फर्क पड़ता हैं बस तेरे ही ख्वाब देखता हूं... ©gaTTubaba #emotional_sad_shayari कैसे बताऊं तुझे कितना याद करता हूं आँखें खुली हो या बंद क्या फर्क पड़ता हैं बस तेरे ही ख्वाब देखता हूं...
#emotional_sad_shayari कैसे बताऊं तुझे कितना याद करता हूं आँखें खुली हो या बंद क्या फर्क पड़ता हैं बस तेरे ही ख्वाब देखता हूं... #शायरी
read moreneelu
White किसी और के ख्यालों में बनने की चाहत से बुरी चाहत क्या हो सकती है गिरकर खुद की नज़र में किसी और की नज़र में उठने की चाहत क्या हो सकती है नज़र आसमान पर रखकर आंखों में मिट्टी डालने की ख्वाहिश क्या हो सकती है जो खुली आंखों से नहीं देखा है उसे बंद आंखों से देखने की राहत क्या हो सकती है जो ना ख्वाब है ना हकीकत है उसे खोने में मुश्किल क्या हो सकती है जो न1 कल था.. ना कल होगा उसकी आज की चाहत क्या हो सकती है ©neelu #Lake किसी और के ख्यालों में बनने की चाहत से बुरी चाहत क्या हो सकती है गिरकर खुद की नज़र में किसी और की नज़र में उठने की चाहत क्या हो स
#Lake किसी और के ख्यालों में बनने की चाहत से बुरी चाहत क्या हो सकती है गिरकर खुद की नज़र में किसी और की नज़र में उठने की चाहत क्या हो स #wishes #No_caption #nojoenglish #nojocomedy #nojolove #No_1trending #nojolife #nojohind
read moreRameshkumar Mehra Mehra
समझ रही हो ना तुम...... ©Rameshkumar Mehra Mehra # किसी के लिए खुली किताब मत बनो तुम,टाईम पास का दौर है,पढ कर फैक जाओगी,समझ रही हो ना तुम.....
# किसी के लिए खुली किताब मत बनो तुम,टाईम पास का दौर है,पढ कर फैक जाओगी,समझ रही हो ना तुम..... #Quotes
read moreShivkumar बेजुबान शायर
Beautiful Moon Night // लौट जा तू उजालों में // फिर वही अधूरी शाम, फिर वही अंधेरी रात । कहीं जल रहा मन, कहीं जल रहा अभिमान ।। तन्हाई की वो यादें भी, कहाँ खो गई इन रातों में, खो गये वो गहरे राज, जिनको छिपाया मैंने इन आंखों में ।। अंधेरे को चिरती हुई, रोशनी, चुभ गई थी, इन आँखों में, आँख खुली तो खुद को पाया था, मैंने फिर से इन छलावों में, बैठा था, टक टकी लगाऐ, शायद वह वापस आ जाए, पर हजारों के शोर में, न वो आए, न उनकी खबर आए, अब मत कर कोशिश, तू भी कुछ ना पाएंगे, मेरी इन यादों में, बेवजह बस डूबता चला जाऐगा, तू भी मेरे संग मेरे जज्बातों में, अब मैं हूं, अंधेरे का राही, है ये अंधेरा मेरा चिर साथी, लौट जा तू उजालों में, मत कर मेरा पीछा, ऐ मेरे पुराने साथी, ऐ मेरे पुराने साथी ।। ©Shivkumar #beautifulmoon #Nojoto #nojotohindi लौट जा तू #उजालों में फिर वही #अधूरी शाम, फिर वही #अंधेरी रात । कहीं जल रहा मन, कहीं जल रहा #अ
#beautifulmoon #nojotohindi लौट जा तू #उजालों में फिर वही #अधूरी शाम, फिर वही #अंधेरी रात । कहीं जल रहा मन, कहीं जल रहा अ #कविता #यादें #अभिमान #रोशनी #आंखों
read moreparitosh@run
वो कहते थे पढ़ लो मुझे मैं खुली किताब हूँ.. कमबख़्त उर्दू न पढ़ पाने का मलाल रह गया.. ©paritosh@run खुली क़िताब.. Nawaz Malik (Ravi Kishan) Andy Mann Arshad Siddiqui Ak.writer_2.0 Dhyaan mira Sethi Ji POETICPOOJA शादाब खांन 'शाद' indu singh
खुली क़िताब.. Nawaz Malik (Ravi Kishan) Andy Mann Arshad Siddiqui Ak.writer_2.0 Dhyaan mira Sethi Ji POETICPOOJA शादाब खांन 'शाद' indu singh #शायरी
read moreShivkumar बेजुबान शायर
" तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ वैसी ही रखी हैँ ,, वह चाय का कप और हिसाब की किताब, बिस्तर के सरआने पर बिलकुल वैसी ही अधूरी रखी हैँ ,, जहाँ बिताए थे कुछ पल बैठकर साथ अब वहां धूल चढ़ी है, जहाँ चलते थे दो कदम साथ वहां अब दूब बढ़ गयी है ,, तेरे जाने के बाद से वह हमारी तस्वीर अब अधूरी रह गयी है, रंग सब सूख गए हैँ और तस्वीर में रंग की जगह खाली रह गयी है ,, तेरे गिटार के तार अब टूट गए हैँ तेरी आधी पढ़ी कहानी की किताब अभी वहीँ पड़ी है, उन गीतों का क्या होगा जिसकी धुन अभी आधी बनी है ,, घर की चाबी अभी भी उस दराज़ में तेरे छल्ले के साथ मैंने रखी है, वह पर्दे जो जो लगाए थे कमरों में रंग भरने उन पर अभी कुछ धूल चढ़ी है ,, वह कमरा जहाँ बिताए थे पल यादगार, वीरान हो गया है, वह कंघा, वह आइना, अभी भी तेरे टूटे बाल, तेरी बिंदिया के निशान खोज रहा है ,, वह कमरे की खिड़की अभी भी आधी खुली है, कुछ छनी धूप वहां से झाँक रही है ,, वह खुश्क़ चादर अपनी अब भी कोने में पड़ी है, तेरी टूटी हुईं चूड़ियाँ भी मैंने वहीँ सहेज कर रखी है ,, ~शिवकुमार बर्मन ✍🥀 ©Shivkumar #aaina #आइना #दर्पण #Nojoto #nojotohindi #कविता " तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ
aaina आइना दर्पण nojotohindi कविता " तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ
read more