Find the Latest Status about दुस्साहस from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दुस्साहस.
SOGVAAR
बर्बादी का अपनी सबब खुद ही बन गया। मेरी तो गयी उम्र भला उसका क्या गया। आलम भी तो ये है कि हिमाकत ना करें हम। और पूछते हैं मुझसे वो कि मेरा क्या गया। .................... संदीप"सोगवार"....................... .................................................................... ©Sandeep Tripathi ......... संदीप"सोगवार'.......... ....................................... सोगवार..... ग़म से भरा हुआ, बहुत दुखी आलम...... दुनिया, जहां,हद,ज़
Vinod Mishra
Vimu
Rimpi chaube
🔥रावण_दहन 🔥 ये आतिशबाजी नही,उत्सव है उस शख्श की हार का, जो ज्ञानी होकर अज्ञानता कर गया अपने एक बुरे कर्म से, युगों युगों से लोगों के हृदय से उतर गया सीख आज के युग को देने, एक दुस्साहसी युगों पूर्व ही मर गया!! ©Rimpi chaube #रावण_दहन 🔥 ये आतिशबाजी नही,उत्सव है उस शख्श की हार का, जो ज्ञानी होकर अज्ञानता कर गया अपने एक बुरे कर्म से, युगों युगों से लोगों के हृदय
Ish Kumar King
धरती रहने योग्य बनाती, दो हांथों से संसार चलाती। पुरुष-प्रकृति का वास है, कोमलता का एहसास है। संतानों को योग्य बना दे, ये वर्षो का उपवास है।। आँचल के भीतर शीतलता है, हृदय में इसकी निर्मलता है। दुनिया कहती इसको अ-बला, समझो इसको मात्र जुमला। महिला सबला नारी है, सौ पुरुषों पर भारी है। #माँ के लिए काव्य, रचना #माँ के लिए #माँ_का_प्यार जिसके आगे दुनिया है बेकार मातृत्व को कुछ पंक्तियों को उतारने का दुस्साहस कर रहा हूँ, क्यो
writer.varsha
नारी हूं मैं... कोई प्रेम करें मुझको जो तो अपना सर्वस्व लुटा उस पर मैं, यदि कोई दुस्साहस करें मुझे स्पर्श करने का तो उसकी हस्ती मिटा दूं मैं
शब्दिता
अनुशीर्षक पढ़ें....... भारत जो कुछ भी आज है वह पूर्वजों के बलिदानों का एक सकारात्मक परिणाम है। किंतु भारत के गद्दारों ने पूर्वजों के बलिदान को व्यर्थ करने का जो दु
अविनाश कुमार
धर्म जात से परे एक अलग मैं वर्ण हूँ कि इस कलयुग में, शायद मैं कर्ण हूँ न पुत्र हूँ सूर्य का, न गुरु परशुराम हैं कर्म है कर्ण से, तो शायद मैं कर्ण हूँ युद्ध है द्वंद है, सब खुद के ही संग है जीत में भी हार है,ये कैसा मैं कर्ण हूँ दान मैं दूँ किसे, हर कोई है छल रहा उठ रहा यही प्रश्न है, कैसे मैं कर्ण हूँ कर्म है ज्ञात मुझे, धर्म बस यही मेरा अंजान हूँ अधर्म से शायद मैं कर्ण हूँ कर्ण का किरदार अपने आप में अनोखा है। शायद ही कोई हो जिसे कर्ण का किरदार पसंद न हो, कर्ण कौरवों की ओर से लड़ कर भी महान हो गए। ये कर्ण की दानव
Divyanshu Pathak
सूर्यमल्ल मिश्रण को भी, लिखने में पीछे छोड़ा है। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_96 👉 क़लम तोड़ना मुहावरे का अर्थ – बहुत सुन्दर लिखना ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो ले