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Umang Gangania

# चीख पुकार।

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" चीख-पुकार "

 चीख-पुकार सी मची है, 
मेरे अंदर भी, 
 और बाहर भी|

चीख-पुकार के दलदल में, 
मेैं गोते लगाती हुई |

 समाज में चल रहे
 इंसान रूपी तांडव को, 
मैं देखती हुई |

 विनाश के छोर पर खड़ी, 
इस संपूर्ण सृष्टि को, 
मैं  ताकती हुई |

इस चीख-पुकार के बीच से, 
मैं निकलने की, 
कोशिश करती हुई |

 समाज की हर दुर्घटना को, 
देखकर मैं, 
अपनी लाचारी की, 
आत्मग्लानि से जूझती हुई |

 निर्दयता से आघात पड़े, 
जर्रे जर्रे की पीड़ा को,
मैं महसूस करती हुई |

 समाज की बहोत सी कड़ियां , 
में देखती हुई |

 रसूखदार,
व्यक्ति की ताकत,
निर्बल व्यक्ति और
किसी बेजुबान मासूम को, 
रौंदकर जाती हुई |

 पीड़ा का ऐसा अपार सागर,
जिसे सहन न कर पाने की, 
ज्वाला में
 मेैं जलती हुई|

 खुद से अतिरिक्त, 
दूसरे की पीड़ा को, 
अनुभव न कर पाने वाले ,
संसार रूपी सागर से, 
मैं गुजरती हुई |

 केवल और केवल,
स्वार्थ के दलदल में, 
धंसी इस दुनिया को 
मैं देखती हुई |

समाज की दुर्दशा, 
और पीड़ा का अनुभव,
करते हुए मैं,
अपनी लाचारी और बेबसी से, 
मरती हुई |

" चीख-पुकार सी मची है, 
मेरे अंदर भी और बाहर भी " 

                        -उमंग गंगानिया # चीख पुकार।

prajapati ❣️

मेरी चीख ने भीड़ तो खूब इक्कठा करली🤗
मगर मेरा पुकारा हुआ नहीं आया...!!😕

#ks🇮🇳😊

©komal #broken#शायरी#मेरी#चीख#पुकारा#हुआ#ks🇮🇳🥺
#meltingdown

DRx. ARBAAZ PATHAAN

चीख पुकार... #BengalBurning #JessKhan #JessKhanTheShayar #nojotoLove #nojotohindi PREM Kumbhkar Lafzo k sacchai bishnu prajapati T #कविता

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ये नीला आसमान, ये ज़मीन, ये हवा
सब बदल चुके हैं बस कुछ नहीं बदला है 
तो वो है चीख और पुकार।

©Jєss Khꪖn चीख पुकार...
#BengalBurning #Jesskhan #JessKhanTheShayar  #Nojoto #nojotoLove #nojotohindi  PREM Kumbhkar Lafzo k sacchai bishnu prajapati T

Consciously Unconscious

#mukhota आगाज कर आगाज कर, रण भयंकर आज कर डर जाए चीख पुकार भी, तू कर नई हुंकार कर। siya pandey Saurav life shudhanshu sharma Shahab mysteri #कविता

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मुखौटे पर मुखौटे लगाए बैठे हैं,
ना जाने क्या है वो जिसे छिपाए बैठे हैं।
किसे चिंता यहां जीता या मरता कौन है,
हर घर नई गंगा बहाए बैठे हैं।

सोचता हूं मैं कभी जीवन और मृत्यु क्या है,
खोजता हूं क्या इनाम और सजा क्या है?
पता नहीं चला मुझे अभी तक यहां,
क्या है ये मतलब और इस मतलब से क्या है?

लिए बैठे हैं लोग हाथों में लकड़ियां देखो,
मेरी मौत की कितनी उन्हें चिंता देखो।
अभी निकला नहीं दहलीज से भी पांव मेरा,
दरवाजा लगाने आए वो जल्दी देखो।

सहारा देने आए तो कई सारे यहां पर थे,
दे देते धक्का फिर उठाने जो आए थे।
नहीं खेल हूं कोई जो चाहे खेले ऐ जिंदगी,
खंजर से चोट की हाथों ने उन्हीं जिन्होंने मरहम लगाए थे।

देर हो रही है मुझको करने दो रुकसत जरा,
भीड़ में रुकना नहीं अकेले चल रहा हूं मैं यहां।
आज लग ही जायेगी आग तेरी दुनियां में,
खामोशियों से बात करता खामोशियों को सुन जरा।

आ जरा तू सामने और सामने से वार कर,
कर नहीं अटखेलियां तू सीधे सीधे बात कर।
सीखा नहीं कहना कभी की हार मानता हूं मैं,
ना हो जरा भी देर तू अभी युद्ध की शुरुआत कर।

©Consciously Unconscious #mukhota 
आगाज कर आगाज कर,
रण भयंकर आज कर डर जाए चीख पुकार भी,
तू कर नई हुंकार कर।
siya pandey Saurav life shudhanshu sharma  Shahab mysteri

Akshay Chauhan

तुमसे लड़ते लड़ते तुम्हारे जैसा हो गया हूँ मैं खुद से ही अनजान हूँ जाने कैसा हो गया हूँ मैं सुकून की शान्ति की जगह चीख पुकार ने ले ली ना ही #Pain #Hindi #yqbaba #yqdidi #akshaypoetry

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तुमसे लड़ते लड़ते तुम्हारे जैसा हो गया हूँ मैं 
खुद से ही अनजान हूँ जाने कैसा हो गया हूँ मैं
सुकून की शान्ति की जगह चीख पुकार ने ले ली
ना ही मैंने कभी सोचा ना तुमने वैसा हो गया हूँ मैं  तुमसे लड़ते लड़ते तुम्हारे जैसा हो गया हूँ मैं 
खुद से ही अनजान हूँ जाने कैसा हो गया हूँ मैं
सुकून की शान्ति की जगह चीख पुकार ने ले ली
ना ही

Akshay Chauhan

तुमसे लड़ते लड़ते तुम्हारे जैसा हो गया हूँ मैं खुद से ही अनजान हूँ जाने कैसा हो गया हूँ मैं सुकून की शान्ति की जगह चीख पुकार ने ले ली ना ही

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तुमसे लड़ते लड़ते तुम्हारे जैसा हो गया हूँ मैं 
खुद से ही अनजान हूँ जाने कैसा हो गया हूँ मैं
सुकून की शान्ति की जगह चीख पुकार ने ले ली
ना ही मैंने कभी सोचा ना तुमने वैसा हो गया हूँ मैं

©Akshay Chauhan तुमसे लड़ते लड़ते तुम्हारे जैसा हो गया हूँ मैं 
खुद से ही अनजान हूँ जाने कैसा हो गया हूँ मैं
सुकून की शान्ति की जगह चीख पुकार ने ले ली
ना ही

Piyush Shukla

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से उठे वीर तब लाज बच #कविता #shaheed #india🇮🇳 #independenceday2023

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आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से
धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से

उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की
आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से

मतवालों परवानों के आगे चली नही अंग्रेज़ो की
बेबस दिखते थे जैसे जकड़ गया विषधर गर्दन से

छटा अंधेरा खुशबू फैली थी कली कली मुस्काई
रोम रोम तब सिहर उठा भारत माता के वंदन से

भारत माता की जय ।।

©Piyush Shukla स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳

आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से
धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से

उठे वीर तब लाज बच

Mohammad Arif (WordsOfArif)

कैद करके कबतक रखोगे तुम अपनों से दूर एक दिन पता चल जायेगा आखिर मैं भी तो तुम्हारा हूं लोगों से कहते फिरते रहते हो सब अच्छा है हमारे दिल का #Hindi #writer #Shayari #follow #urdu #tanha #Arif

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कैद करके कबतक रखोगे तुम अपनों से दूर
एक दिन पता चल जायेगा आखिर मैं भी तो तुम्हारा हूं

लोगों से कहते फिरते रहते हो सब अच्छा है
हमारे दिल का हाल सुनो तो बताऊ मैं भी तो तुम्हारा हूं

हमारे ऊपर ज़ुल्म पे ज़ुल्म करना बंद कर दो तुम
तुम्हारे ऊपर भी एक दिन गुजरेगा मैं भी तो तुम्हारा हूं

हमीं से मुहब्बत करते हो और हमारे साथ ये ज़ुल्म
हमें बर्बाद करके तुम्हें क्या मिलेगा मैं भी तो तुम्हारा हूं

लोगों की चीख-पुकार बदुवाए एक दिन तुम्हें ले ढुबेगी
साहब कितने फरेबी हो तुम आखिर मैं भी तो तुम्हारा हूं कैद करके कबतक रखोगे तुम अपनों से दूर
एक दिन पता चल जायेगा आखिर मैं भी तो तुम्हारा हूं

लोगों से कहते फिरते रहते हो सब अच्छा है
हमारे दिल का

Mohammad Arif (WordsOfArif)

गलत फहमी में कितनों की जान लोगे तुम बताओं जरा कितने लोगों का अब इमान लोगे तुम एक दर्द कम नहीं होता है की दूसरा तैयार रहता है एक एक करके मर

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गलत फहमी में कितनों की जान लोगे तुम
बताओं जरा कितने लोगों का अब इमान लोगे तुम

एक दर्द कम नहीं होता है की दूसरा तैयार रहता है
एक एक करके मर रहे है कितनों की जान लोगे तुम

गलत मसवरा देते है सभी कोई अपना घर नहीं देता
गरीब भूख से बिलख रहे है कितनों की जान लोगे तुम

अपने वादे पर खरे नहीं उतरे तुम बताओ सबको
चारों तरफ कोहराम मचा है कितनों की जान लोगे तुम

एक फैसले ने सबको मुसीबत में डाल दिया है
चीख पुकार रहे है सभी कितनों की जान लोगे तुम

न जाने कैसा तेरा फैसला है की कुछ बदला नहीं
आरिफ भूख की आरज़ू है कितनों की जान लोगे तुम गलत फहमी में कितनों की जान लोगे तुम
बताओं जरा कितने लोगों का अब इमान लोगे तुम

एक दर्द कम नहीं होता है की दूसरा तैयार रहता है
एक एक करके मर

Mohammad Arif (WordsOfArif)

ख्वाबों का तसव्वुर आखों में उनके देखा है मैनें एक गरीब को अपने घर में मरते हुए देखा है मैनें कितनी शिद्दत से भूख प्यास से लड़ रहा था मैं ख

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ख्वाबों का तसव्वुर आखों में उनके देखा है मैनें 
एक गरीब को अपने घर में मरते हुए देखा है मैनें

कितनी शिद्दत से भूख प्यास से लड़ रहा था
मैं ख्वाब में उसके बच्चे को भी डरते हुए देखा है मैनें

उनकी चीख पुकार एक दूसरे अब भी कह रही थी
मद्दत वाले हमने इस हाल में बिलखते हुए देखा है मैनें

गरीबी का दर्द और जाति का बन्धन ख्वाबों भी 
एक दूसरे को उच नीच ख्वाबों में कहते हुए देखा है मैनें

ये दर्द कम क्यूं नहीं होता है खुदा सबको तुमने बनाया
गरीब मजलूमों पर जुल्म पे जुल्म ढाते हुए देखा है मैनें

एक दर्द कम नहीं होता की दूसरा आ जाता है
आरिफ ख्वाबों में गरीबो को रोते हुए देखा है मैनें ख्वाबों का तसव्वुर आखों में उनके देखा है मैनें 
एक गरीब को अपने घर में मरते हुए देखा है मैनें

कितनी शिद्दत से भूख प्यास से लड़ रहा था
मैं ख
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