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Dinesh Bhangarh
उम्र छोटी है तो क्या जिंदगी का हर एक मंजर देखा है, फरेबी मुस्कुराहट और बगल में खंजर देखा है। जिंदगी छोटी है तो क्या
जिंदगी छोटी है तो क्या #शायरी
read moreMs.(P.✍️Gurjar)
जिंदगी छोटी है चलो,,, कुछ खास करते हैं क्यों ना कुछ तूफानी करते हैं,,, जिंदगी छोटी है
जिंदगी छोटी है
read morenitesh kamodiya
*उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है,* *फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा है। nk #NojotoQuote जिंदगी छोटी है,,
जिंदगी छोटी है,,
read moreSukh _ Writter_
जिंदगी छोटी है जहां पलकारी मालूम आज सांसे चल रही है कल का नहीं मालूम ©Sukh _ Writter_ #berang जिंदगी छोटी है जहां पलकारी मालूम आज सांसे चल रही है कल का नहीं मालूम
Raj Sabri
# जिंदगी छोटी है मकसद पर गुजारा जाए Chouhan Saab Sircastic Saurabh aditi jain Anshu writer Rewant Singh Rathore VOICE OF NEW INDIA ahir ya #विचार
read moreJiten rawat
जिंदगी छोटी है, मगर सफ़र बहुत लंबा है... रफ़्तार कभी कम मत होने दो जिंदगी के सफ़र का। क्या पता सांस कब रुक जाए,और दिल में अधूरे सफ़र का मलाल रह जाये। #जिंदगी #छोटी है, मगर #सफ़र बहुत #लंबा है... #रफ़्तार कभी #कम मत होने दो #जिंदगी के सफ़र का। क्या पता #सांस कब #रुकजाए,और #दिल में #अधूरेसफ़र क
Jaishree Bedi Nanda
लोग अक्सर कहते हैं भुला दो उसे... क्या भुलाना इतना आसान है... मेरे लिए तो नहीं... भूलना इसलिए भी मुश्किल होता है क्योंकि भूलना सिर्फ एक इंसा
read moreमुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
ख्यालों के हुजूम से, तनहाइयों के गलियारों तक, अपना सच ढूँढ रहा हूँ, मैं सोच के किनारों तक| खुदा भी मिला है और काफ़िर भी मुझे, मैं सिमट के रह गया हूँ, अपनी चार दीवारों तक| अपना सच ढूँढ रहा हूँ, मैं सोच के किनारों तक… मेरी आँखें गोया उसकी गुलामी करती हैं, वो ही दिखता है मुझे, नज़र से नज़ारों तक| अपना सच ढूँढ रहा हूँ, मैं सोच के किनारों तक… एहसान मोहब्बत का रहा मुझ पर उम्र भर, मेरे साथ रही वो, सवालों से जवाबों तक| अपना सच ढूँढ रहा हूँ, मैं सोच के किनारों तक… जिंदगी छोटी है मगर, ये सफर आसां नहीं, एक उम्र का फासला है, कोख से मज़ारों तक| अपना सच ढूँढ रहा हूँ, मैं सोच के किनारों तक… मैं हर्फ़ – हर्फ़ संजो लेता हूँ उसके लिए जो मिलता नहीं मुझे, दुआओं से किताबों तक| अपना सच ढूँढ रहा हूँ, मैं सोच के किनारों तक… #ANKUR# ख्यालों के हुजूम से, तनहाइयों के गलियारों तक, अपना सच ढूँढ रहा हूँ, मैं सोच के किनारों तक| खुदा भी मिला है और काफ़िर भी मुझे, मैं सिमट के र
ख्यालों के हुजूम से, तनहाइयों के गलियारों तक, अपना सच ढूँढ रहा हूँ, मैं सोच के किनारों तक| खुदा भी मिला है और काफ़िर भी मुझे, मैं सिमट के र #ankur
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