Nojoto: Largest Storytelling Platform

New चौसठ योगिनी वेदी Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about चौसठ योगिनी वेदी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चौसठ योगिनी वेदी.

    PopularLatestVideo

Vasu Bapu

योगिनी एकादशी

read more
 योगिनी एकादशी

kumarउमेश

चार मिले चौसठ खिले #विचार

read more
mute video

Amit Singhal "Aseemit"

mute video

Parasram Arora

अभिसारिका बनाम मृत्यु योगिनी......

read more
हमारी  भाषा
हमारी देह की भी भाषा  है
हमारी  चाल
हाथी की  चाल जैसी भी.
हो सकती है
हमें  आदमकद
कठपुतलीयों  की संज्ञा
भी दी जा सकती है  याफिर
मन की  धरती पर. हमें
मृत्यु योगिनियाँ   कह क़र  हमारी
हौसला  अफ़झाई  भी  की जा सकती है

©Parasram Arora अभिसारिका बनाम मृत्यु योगिनी......

Satyendra satyam

स्वतंत्रता की वेदी.. #Independence2021 #कविता

read more
वीर सपूतों ने तोड़ गुलामी की बेड़ियाँ, दिला गये हमें आज़ादी l
वो हँसते- हँसते क़ुर्बान हो गये, कुछ ऐसे थे वतनवादी ll

इस धरा पर न सही, सोच में जीवित रहेंगें l
भारत भूमि की साँसों की बन धड़कन  रहेंगें ll

धधकती थी जिनके मन में ज्वाला l
ऐसे वीरों से अंग्रेजों का पड़ा था पाला ll

उन्हें तनिक भी डर न था इसका अंज़ाम क्या होगा l
मरकर भी जिंदा रहूँ, किसी में , इससे अच्छा काम क्या होगा ll

बन विजेता, हो प्रेणता, वो बलिदानी हो गये l
लहरा तिरंगा संविधान का, हम लोकतांत्रिक हो गये ll

स्वंतन्त्रता की वेदी पर वो हँसते- हँसते झूल गये l
आज आराजकता, षड़यंत्र देख लगता है हम भूल गये ll

कर चले थे फिदा जो जान वतन साथियों l
अब मुल्क तुम्हारें हवाले है नव युवक साथियों ll

अब मुल्क तुम्हारें हवालें नवयुवक साथियों ...

©Satyendra satyam स्वतंत्रता की वेदी..

#Independence2021

Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

स्वतंत्रता की वेदी #RepublicDay #कविता

read more
स्वतंत्रता की वेदी पर शीश नवाने आये है
हम देशप्रेम में सबकुछ ही लुटाने आये है
अपने लहूं से धोएंगे,हम तो मां तेरे चरण
हम खून का कतरा-कतरा तुझे देने आये है

भारत कोई देश नही है,यह हमारी मां है
माँ के लिये सर्व न्योछावर करने आये है
स्वतंत्रता की वेदी पर शीश नवाने आये है
भारत माँ के लिये हद से गुजरने आये है

कोई भी हमे रोके ना,कोई हमे टोके ना,
हिंद के लिये जींद समर्पित करने आये है
यह भारत की माटी,सुख-दुख की साथी
इस माटी को अपना रब बनाने आये है

बुरी नजर से देखे क्या सोचकर भी देखे
शत्रु घर मे सर्जिकल स्ट्राइक करने आये है
हम फौजी सरहद से शत्रु मिटाने आये है
स्वतंत्रता की वेदी पर शीश नवाने आये है

देश मे आजकल नफरतों का जोर है,
सब नेता लगते जनता को बस चोर है,
इस माहौल में सही नेता ढूंढने आये है 
सही वोट से,सही सरकार चुनने आये है

हर शख्स मौलिक कर्तव्य से अनजान है
हम शिक्षक तम संस्कार मिटाने आये है
स्वतंत्रता की वेदी पर शीश नवाने आये है
बन वैज्ञानिक,देश विकसित करने आये है

यह कोरोना महामारी,क्या जिंदगी हमारी
चिकित्सक बनकर कोरोना हराने आये है
वेक्सीनेशन द्वारा कोरोना मिटाने आये है
हम सब देश को हिम भाल करने आये है

हम किसान है,उफरते भारत की शान है
देश आत्मनिर्भर करने का इरादे ले आये है
हम किसान देश का गौरव बनने आये है
हिंद को जन्नत की दुल्हन बनाने आये है

हर कौम में,हिन्द है,सबके रोम-रोम में,
हर सब हिन्द को एवरेस्ट बनाने आये है
स्वतंत्रता की वेदी पर शीश नवाने आये है
भारत को हम सर्वोच्च भारत करने आये है

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" स्वतंत्रता की वेदी

#RepublicDay

Vishw Shanti Sanatan Seva Trust

श्री योगिनी एकादशी व्रत आज #लव

read more
हरे कृष्ण।।

©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust श्री योगिनी एकादशी व्रत आज

लेखक ओझा

#NatureQuotes शब्दो की वेदी

read more
mute video

शशि भारद्वाज

मत धकेलो रक्त वेदी पर

read more
मत फिर धकेलो उसे,
उसी रक्त की बेदी पर,
    जहाँ से लौट कर आया है वह।
बहुतों कुरवानी के बाद,
उँगलीमाल से बाल्मीकि वन पाया है वह।।
      मत धकेलो उसे उसी रक्त की बेदी पर।। जहाँ से,,,,,
खुद से खुद को सँजो कर,
एक नई इमारत बन पाया है वह, 
अब मत तोड़ो इन इमारतों को जो 
अंदर ही अंदर जल कर बनाया है वह।
    मत धकेलो उसे उसी रक्त की बेदी पर।।
चंद द्वेष के बास्ते,
क्यों मोर रहे हो किसी के रास्ते,
बहुत कुछ से मुँह मोर कर ,
 रास्ता बदल पाया है वह।।
   मत धकेलो उससे उसी रक्त की बेदी पर।। जहां से लौट कर,,,,,
शशि देख समय के खेलों को,
इस सामाजिक मेलो को,
सत्य को जानते हुए भी,
मुँह चुरा रहे है सब,
   मत धकेलो उसे उसी रक्त की बेदी पर।।
यदि फिर रक्त की बेदी पर वह जाता है,
  यदि बाल्मीकि फिर उँगली माल बन जाता है,
   तो विध्वस बड़ा आ जाएगा,
   फिर बही प्रलय छा जाएगा,
   हम सबों को दोषी कहा जायेगा,
 फिर कोई उँगलीमाल बाल्मीकि बनने की हिम्मत न जुटा पाएगा,
  अब भी वक्त है,
रोक लो उसे ,
मत जाने दो उसे  फिर उसी रक्त की बेदी पर,
जहाँ से लौट कर आया है वो।। मत धकेलो रक्त वेदी पर

vandana,s hobby & crafts

#योगिनी एकादशी ## ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः#nojoto# #

read more
mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile